गढ़चिरौली: टॉपर बहू के सीरियल किलर बनने की पूरी कहानी, लव मैरिज फिर प्रताड़ना, तानाशाहों को मारने वाला साइलेंट जहर दे बहू बनी खूनी कातिल

22 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 22 2023 1:50 PM)

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Gadchiroli Thallium Silent Killer : गढ़चिरौली में बहू क्यों बनी कातिल. क्यों किए 5-5 कत्ल. किस साइलेंट जहर से किए मर्डर. पूरी कहानी जानिए.

Gadchiroli Mahagaon Murder Mystery : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में साइलेंट किलर थैलियम (Silent Killer Thallium) के इस्तेमाल का सनसनसीखेज राज सामने आया है. ये वही थैलियम साइलेंट किलर है जिसका इस्तेमाल कई तानाशाहों के मर्डर में प्रयोग किया गया. उसी थैलियम का इस्तेमाल कर एक पढ़ी लिखी टॉपर बहू ने 5 कत्ल की साजिश रच डाली. सभी मौतें अचानक बीमार होने पर 20  दिनों के भीतर हो गईं. एक-एक करके 5 लोगों की मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि दो बहुओं ने मिलकर ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर पूरे खानदान के 16 लोगों की साइलेंट तरीके से हत्या करने की साजिश रची थी. जिनमें से शुरुआत में 5 को मारने में सफलता भी मिल गई.

असल में थैलियम पानी में घुलने वाला केमिकल है. ये भी कोई रंग नहीं छोड़ता और ना ही इसमें स्वाद होता है. इसलिए इसे पानी से लेकर किसी खाने में भी मिला देने से किसी को ना स्वाद का पता चलेगा और ना ही खाने या पानी का कोई रंग बदलता है. जिस वजह से इसके सेवन करते समय खाने वाले को कुछ पता भी नहीं चलता है और 15 से 20 दिनों में उसके शरीर के एक-एक करके अंग फेल होने लगते हैं. जिसकी वजह से उसकी मौत हो जाती है और किसी तरह की बीमारी का पता भी नहीं चलता है. 

Maharashtra Gadchiroli 5 murder crime story : एक टॉपर बहू के 5 कत्ल करके सीरियल किलर बनने की कहानी

क्या है गढ़चिरौली में टॉपर बहू के 5 कत्ल की साजिश की पूरी कहानी

Gadchiroli Crime Story : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के अहेरी तहसील में मौजूद एक गांव. जिसका नाम है महागाव. इस गांव में रहनेवाले एक परिवार के साथ एक रोज एक अजीब और भयानक सिलसिले की शुरुआत हुई. परिवार के लोग एक-एक कर बीमार पड़ने लगते हैं. सबसे पहले परिवार का मुखिया और उसकी बीवी बीमार पडती है, फिर बेटी. साली और तब बेटा. एक ऐसी बीमारी जिसमें पहले तो पूरे जिस्म में तेज दर्द होता है और फिर धीरे-धीरे होंठ काले पडने लगते हैं. जुबान अकड़ जाती है. लेकिन इस परिवार के साथ शुरू हुआ ये मनहूस सिलसिला यहीं नहीं रुकता. बल्कि हद तो तब हो जाती है जब एक-एक कर बीमार होने वाले परिवार के लोग एक-एक कर मारे भी जाने लगते हैं.सबसे पहले अस्पताल में परिवार के मुखिया की जान जाती है. फिर उसकी बीवी की और तब बाकी लोगों की. और इस तरह महज 20 दिनों के अंदर पूरे परिवार के पांच अच्छे-भले लोग देखते ही देखते मौत के मुंह में समा जाते हैं. और तो और जो लोग इन 20 दिनों में इस परिवार की मदद के लिए पहुंचते हैं. वो या तो अस्पताल पहुंच जाते हैं या फिर सीधे श्मशान जाते हैं. वो भी इस बीमारी से नहीं बच पाते. वो भी हैरान थे क्योंकि इस बीमारी का वो भी शिकार बनने लगते हैं. सवाल ये है कि आखिर ये माजरा क्या है? आखिर इस अजीब बीमारी और उससे होती मौतों का रहस्य क्या है? क्या ये किसी साजिश है? कोई ऊपरी साया है? या फिर इसके पीछे की कहानी कुछ और है?  

गढ़चिरौली में मौत की शुरुआत 20 सितंबर से ही हुई

Gadchiroli 5 Death Mystery : इस मौत की रहस्यमय कहानी की शुरुआत होती है 20 सितंबर 2023 से. जब शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी विजया कुंभारे की तबीयत खराब हुई. दोनों को सिर से लेकर पैर तक बेहद तेज दर्द की शिकायत थी. दोनों को अहेरी तहसील के ही एक अस्पताल में ले जाया गया. लेकिन जब वहां शुरुआती इलाज के बावजूद उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ तो फिर घरवाले उन्हें लेकर चंद्रपुर गए. मगर वहां भी उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई और आखिरकार नागपुर के एक नामी अस्पताल में बीमारी के तीसरे दिन यानी 26 सितंबर को शंकर कुंभारे की जान चली गई. परिवार के लोग अभी इस सदमे में डूबे ही थे कि तब तक शंकर की पत्नी विजया कुंभारे ने भी दम तोड़ दिया. यानी दो दिनों के अंदर परिवार के दो लोगों की जान चली गई. 

Maharashtra Gadchiroli 5 murder crime story : एक टॉपर बहू के 5 कत्ल करके सीरियल किलर बनने की कहानी

दो की मौत के बाद भी सिलसिला नहीं रुका, बढ़ने लगी थी बीमारी

Gadchiroli Crime Kahani : अब परिवार में दो लोगों की मौत हो चुकी थी. पूरा परिवार शोक में डूब गया. लेकिन इसी बीमारी और मौत की दहशत और बढ़ गई, जब परिवार के दूसरे लोग भी बीमार होने लगे. शंकर और विजया की शादीशुदा बेटी कोमल दहागांवकर और बेटे रौशन कुंभारे की तबीयत भी अचानक खराब हो गई. और तो और उन्हीं के साथ रहनेवाली शंकर कुंभारे की साली आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की तबीयत भी अचानक ही बिगड़ गई. और एक-एक कर के सभी को अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा. सभी के बीमारी के लक्षण भी एक जैसे थे. मसलन सभी को पूरे जिस्म में तेज दर्द की शिकायत थी. खास कर कमर के निचले हिस्से में और सिर में... सभी के होंठ काले पड़ने लगे और जुबान भारी होने लगी...

 हालांकि शुरू में खुद कुंभारे परिवार के साथ-साथ डॉक्टरों को भी ये मामला फूड प्वाइजनिंग का लगा. लेकिन धीरे-धीरे मामला उलझता चला गया. और तो और अलग-अलग अस्पतालों में कुंभारे परिवार के लोगों का इलाज कर रहे अलग-अलग डॉक्टर भी उनकी बीमारी के सिम्टम्स को देख कर अलग-अलग डायगनोसिस करने के बावजूद किसी एक नतीजे पर नहीं पहुंच पाए.मगर दो मौत और बीमारियों के इस सिलसिले के बीच कहानी में एक-एक कर और भी कई अफसोसनाक मुकाम आए. परिवार में हुई दूसरी मौत के ग्यारह दिन बाद यानी 8 अक्टूबर को तीसरी मौत हुई. 

इस बार शंकर और विजया की बेटी कोमल दहागांवकर की जान चली गई. कुंभारे परिवार का शोक और बढ चुका था. लोग डर के साये में आ चुके थे. और तभी छह रोज गुजरते गुजरते परिवार को चौथा झटका लगा. 14 अक्टूबर 2023 को शंकर की साली और विजया की बहन आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की मौत हो गई. उसके अगले दिन 15 अक्टूबर को शंकर और विजया का बेटा रोशन कुंभारे ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया. यानी 20 दिनों के अंदर कुंभारे परिवार के पांच लोग किसी रहस्यमयी बीमारी का शिकार बन कर एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए. और अब ये बात कुंभारे परिवार और महागाव से बाहर पूरे गढचिरौली को डराने लगी थी. 

अभी खुद कुंभारे परिवार के साथ-साथ उन्हें जानने वाले तमाम लोग मौत के अजीबोगरीब सिलसिले से हैरान और परेशान थे कि कुंभारे परिवार को लेकर और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आती हैं. पता चलता है कि कुंभारे परिवार का सबसे बड़ा बेटा सागर कुंभारे, जो काम के सिलसिले में दिल्ली में रहता है, वो भी बीमार है. और उसे भी बीमारी के कुछ वैसे ही लक्षण हैं, जैसे कि परिवार के दूसरे लोगों को हैं. यानी पूरे बदन में तेज दर्द होना, होठों का काला पड़ना और जुबान में भारीपन महसूस होना. असल में अपने माता-पिता की मौत की खबर मिलने पर सागर दिल्ली से चंद्रपुर पहुंचा था. वहां माता-पिता के अंतिम संस्कार और क्रिया कर्म में भाग लेने के बाद जब वो दिल्ली पहुंचा, तो उसकी हालत बिगड़ गई. 

और कुछ इतनी बिगड़ गई कि उसे दिल्ली के ही एक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.दिल्ली से आए सागर कुंभारे की बीमारी की खबर ने लोगों को पहले ही काफी हैरान कर दिया था. इसी बीच उन्हें पता चला कि शंकर कुंभारे और विजया कुंभारे की तबीयत बिगडने के बाद जो ड्राइवर अपनी कार में दोनों को अहेरी के अस्पताल में लेकर गया था, उस ड्राइवर राकेश मडावी की हालत भी काफी खराब है और उसे भी अपने इलाज के लिए चंद्रपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. ठीक इसी तरह अपने बीमारी रिश्तेदारों की मदद के लिए किसी दूसरी जगह से चंद्रपुर पहुंचने वाले शंकर कुंभारे की साली का एक लड़का भी भी रहस्यमयी तरीके से बीमार हो जाता है. और उसे भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. यानी देखा जाए तो जिस बीमारी से कुंभारे परिवार के पांच लोगों की जान चली जाती है, उसी बीमारी का शिकार बन कर परिवार के दो और लोग और एक ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है.

Maharashtra Gadchiroli 5 murder crime story : एक टॉपर बहू के 5 कत्ल करके सीरियल किलर बनने की कहानी

कुंभारे परिवार में एक के बाद एक मौत से पूरा गांव डरा सहमा

Gadchiroli Hatyakand Kahani : इस पूरे एपिसोड में एक गौर करने वाली बात ये थी कि कुंभारे परिवार के वही लोग बीमार पड रहे थे या मारे जा रहे थे, जो गढ़चिरौली में रहते थे या वहां गए थे... परिवार के ऐसे सदस्य जो गढ़चिरौली से दूर थे, उन्हें ना तो किसी बीमारी का असर हुआ और ना ही किसी की जान गई... यानी गढ़चिरौली के उस मकान में या कुंभारे परिवार में कुछ तो ऐसा जरूर था, जो लोगों को बीमार कर रहा था... एक साथ एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत कोई मामूली बात नहीं होती, वो भी तब जब परिवार में किसी को भी कोई पुरानी बीमारी ना हो... जाहिर एक परिवार में एक-एक कर हुई इन पांच मौतों ने ना सिर्फ महागाव में बल्कि आस-पास के पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी... इन मौतों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका था... खास कर लोग इन मौतों के पीछे काला जादू यानी अंधश्रद्धा वाली बात कह रहे थे...  

डॉक्टर भी मौत की वजह का पता नहीं लगा पा रहे थे

इन मौतों से गढचिरौली पुलिस के भी कान खड़े हो गए.  इस बीच पुलिस को नागपुर से मारे गए लोगों की मेडिकल रिपोर्ट मिली, तो उसका शक और भी गहरा गया. असल में डॉक्टरों को भी मौत की वजह साफ-साफ समझ नहीं आ रही थी... मेडिकल रिपोर्ट में कार्डिएक अरेस्ट और मल्टी ऑर्गन फेल्योर को मौत के पीछे की वजह बताई गई थी, लेकिन एकाएक इतने लोगों के साथ ऐसा कैसे हुआ, ये एक बडा सवाल था.  लिहाजा पुलिस ने जांच शुरू की... 

Maharashtra Gadchiroli 5 murder crime story : एक टॉपर बहू के 5 कत्ल करके सीरियल किलर बनने की कहानी

इस वजह से टॉपर बहू पर शक गहराया, जानिए पूरी कहानी

Gadchiroli Topper Bahu Killer : जांच में पहला शक कुंभारे परिवार की बहू संघमित्रा की तरफ ही गया. ये लाजिमी भी था... क्योंकि कुंभारे परिवार के सारे लोग एक-एक कर बीमार हो रहे थे, मारे जा रहे थे, लेकिन संघमित्रा की तबीयत को कुछ भी नहीं हुआ... यहां तक कि उसकी बॉडी लैंग्वेज में भी कोई ज्यादा गमी वाली बात नहीं थी. ऐसे में पुलिस ने रोशन कुंभारे की पत्नी और कुंभारे परिवार की बहू संघमित्रा को पूछताछ के लिए बुलाया, तो राज खुल गया. संघमित्रा ने पहले तो पुलिस को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन सबकी बीमारी और अपनी तंदरुस्ती के सवाल पर वो फंस गई. उसने ससुरालवालों की मौत के पीछे अपने हाथ होने की बात तो मानी, लेकिन ये कह कर चौंका दिया कि इस साजिश में उसकी एक मामी रोजा रामटेके भी शामिल है. 

लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर संघमित्रा और उसकी मामी रोज़ा की कुंभारे परिवार से ऐसी क्या दुश्मनी थी? आखिर उन्होंने कुंभारे परिवार की जान लेने के लिए ऐसे कौन से जहर का इस्तेमाल किया, जिससे अब तक मौत की वजह भी साफ नहीं हुआ और एक-एक कर लोग मारे जाते रहे? ऐसा अजीबोगरीब जहर उन्हें मिला कहां से? क्या इस कत्ल में सिर्फ वही दोनों शामिल हैं या फिर इसके पीछे कोई और भी है? पुलिस को अब इन सवालों का जवाब जानना था... 

 

लव मैरिज की तो सदमे में माता-पिता ने जान दी, इधर ससुराल वाले ताने देते थे

Gadchiroli Murder Kahani Hindi : गढ़चिरौली पुलिस अब संघमित्रा के साथ-साथ रोजा को भी हिरासत में ले चुकी थी. पकड़े जाने पर दोनों खुद को बेकसूर और एक दूसरे को दोषी बताने लगी. लेकिन पुलिस की पूछताछ में जल्द ही क़त्ल के पीछे दोनों की अपनी-अपनी मोटिव निकल कर सामने आ गई. संघमित्रा से पूछताछ करने पर पता चला कि उसने कुंभारे परिवार के बेटे रोशन से अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी. संघमित्रा की शादी से उसके माता-पिता इतने दुखी हुए कि उन्होंने खुदकुशी कर ली. लेकिन इधर, शादी के बाद संघमित्रा को ससुराल में रोशन और उसके घर वाले परेशान करने लगे, उसे ताने देने लगे थे, जिससे वो सभी से बेहद गुस्से में आ गई. क्योंकि एक लड़की के लव मैरिज करने से उसी के मां-बाप ने सदमे में आत्महत्या कर ली और जिन लोगों के घर आई उन्हीं लोगों ने उसका भरोसा तोड़ दिया और उसी पर जुल्म ढाहने लगे.इसलिए वो उनसे बदला लेना चाहती थी... दूसरी ओर, उसकी मामी रोजा रामटेके का कुंभारे परिवार से जमीन को लेकर झगड़ा चला आ रहा था. और महागाव में ही जमीन एक हिस्से पर कब्जा करने के लिए वो कुंभारे परिवार के लोगों को रास्ते से हटाना चाहती थी.  

ऐसे में जब दोनों एक दूसरे से कुंभारे परिवार को लेकर उनके मन में पल रही नफरत की बात कही, तो फिर दोनों ने मिलकर ही कुंभारे परिवार को ठिकाने लगाने की साजिश रच ली.एग्रीकल्चर साइंस में टॉपर थी बहू संघमित्रा, ऐसे आर्सेनिक और थैलियम के इस्तेमाल से किया कत्लेआमआकोला से आने वाली संघमित्रा ने एग्रीकल्चर साइंस को लेकर पढ़ाई थी, वो टॉपर थी और इसी वजह से उसे कई किस्म के जहर, कीटनाशक वगैरह की अच्छी जानकारी थी... उसे ये पता था कि आर्सेनिक और थैलियम जैसा हेवी मेटल इंसान को बीमार करने के साथ-साथ मौत के मुंह में तो पहुंचा देता है, लेकिन चूंकि ये रंगहीन, स्वादहीन और गंधहीन होता है तो इसे किसी को खिलाने-पिलाने पर उसे इसकी खबर तक नहीं होती और दूसरों को भी इसका पता नहीं चलता. संघमित्रा अब चुपके से सभी के खाने में थैलियम मिलाने लगी... 

और तो और जो लोग कुंभारे परिवार की मदद के लिए पहुंचे, उन्हें भी वो वही जहर मिला खाना या पानी देने लगी, जिससे बाकी लोग भी बीमार होने लगे.फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ रोजा के पति प्रमोद रामटेके को भी हिरासत में ले रखा है और उसकी भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस की मानें तो कुछ रोज पहले प्रमोद भी बीमारी का बहाना कर इलाज के लिए अस्पताल गया था. ऐसे में उसे शक है कि प्रमोद को भी अपने घर में रची जारी रही साजिश की खबर थी. लेकिन प्रमोद इस साजिश में सक्रिय तौर पर शामिल था या नहीं, फिलहाल पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है.

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