सूचना सेठ के दिमाग में अपने 4 साल के बेटे की हत्या के समय क्या चल रहा था, टेस्ट रिपोर्ट में सब सामने आ गया

Suchana Seth News : सूचना सेठ ने क्या पुलिस को सारी सूचनाएं गलत दीं थीं. पुलिस ने कराया दिमागी टेस्ट. क्या निकला. आइए जानते हैं.

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14 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 16 2024 2:30 PM)

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Suchana Seth : क्या एआई कंपनी की सीईओ सूचना सेठ ने किसी दिमागी बीमारी के चलते अपने चार साल के बेटे चिन्मय की हत्या कर दी? क्या किसी दिमागी बीमारी के चलते ही वो अपने बेटे की लाश सूटकेस में पैक कर अपने साथ गोवा से बेंगलुरु लेकर जा रही थी? क्या उसने किसी दिमागी़ बीमारी की वजह से बेटे की हत्या के फौरन बाद अपने हाथ की नसें काट कर जान देने की कोशिश की? होटल के कमरे में अपने बच्चे की हत्या करने के बाद उसने जिस तरह ने उसकी लाश छुपाने की कोशिश की और पुलिस की पूछताछ में तमाम सबूतों से सामना होने के बावजूद वो जिस तरह से पूरी की पूरी वारदात को झुठलाती रही, उसे देख कर पुलिस को भी ये लगने लगा था कि शायद सूचना को कोई दिमागी परेशानी है। लेकिन अब सूचना की मेंटल कंडिशन को लेकर जो मेडिकल रिपोर्ट सामने आई है, उसने इन सारे कयासों को खत्म कर दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सूचना के मेंटल हेल्थ असेसमेंट में किसी साइकोपैथोलॉजिकल केस की बात सामने नहीं आई है और उसने खुद से पूछे गए सारे सवालों के जवाब साफ़ और तर्क संगत तरीक़े से दिए। जो इस बात का सबूत है कि उसे कोई भी दिमाग़ी बीमारी नहीं है। 
 

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गोवा पुलिस ने चिल्ड्रेंस कोर्ट में दाखिल किया ये जवाब

Goa  News : गोवा पुलिस ने चिल्ड्रेंस कोर्ट में इस सिलसिले में दाखिल जवाब में इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री एंड ह्यूमन बिहेवियर यानी आईपीएचबी, बंबोलिम की उस रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिस रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने सूचना की दिमागी हालत को लेकर अपनी बात रखी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना के सीरियल मेंटल स्टेट्स एग्जामिनेशन में साइकोपैथोलजी यानी दिमागी बीमारी की कोई बात सामने नहीं आई है। यहां तक कि इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि फिलहाल सूचना में ना तो अपनी जिंदगी ख़त्म करने की कोई इच्छा है और ना ही उसे कोई सुसाइडल टेंडेंसी है। जबकि अपने बेटे की हत्या करने के बात उसने कथित तौर पर अपने हाथ की नसें काट कर जान देने की कोशिश की थी। ऐसे में अब शक ये भी कि कहीं उसने कत्ल के मामले को एक नया मोड़ देने के लिए तो हाथ की नसें काटने का ड्रामा नहीं किया था? जाहिर है, पुलिस फिलहाल इस एंगल पर भी सोच रही है।

असल में सूचना के पिता ने इस सिलसिले में गोवा के चिल्ड्रेंस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी और दावा किया था कि उनकी बेटी दिमाग़ी बीमारी का शिकार है। लिहाज़ा, उसकी मानसिक हालत की मेडिकल जांच करवाई जानी चाहिए। कोर्ट में दी गई अपनी अर्जी में उन्होंने ये भी कहा था कि अपनी दिमागी बीमारी के चलते ही सूचना कानूनी तौर पर अपना बचाव करने की हालत में भी नहीं है। यहां तक कि वो अपनी बीमारी को लेकर भी डिनायल मोड में है। वो ये मानने को तैयार ही नहीं है कि उसे कोई मानसिक बीमारी भी है। उन्होंने कहा कि अगर इस हालत में उसके मामले की सुनवाई होती है, तो ये नाइंसाफी होगी। सूचना के पिता की इस फरियाद को देखते हुए ही अदालत ने गोवा पुलिस को मनोचिकित्सकों की टीम ने उसके मेंटल स्टेटस की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद गोवा पुलिस ने बंबोलिम के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री एंड ह्यूमन बिहेवियर को सूचना की जांच के लिए कहा और तब मनोवैज्ञानिकों ने सूचना से अलग-अलग वक़्त पर गहन पूछताछ की। उसे कई मेडिकल एक्सरसाइज़ दिए और फिर इसे लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की।

सूचना ने जिस तरह होटल के बंद कमरे में कथित तौर पर अपने बेटे की जान ली, उसकी लाश सूटकेस में भरी और ले जाने लगी और इतना सबकुछ होने के बावजूद उसने जिस तरह से अपने बेटे की हत्या करने की बात से इनकार कर दिया, उससे पुलिस को शक होने लगा था कि शायद सूचना को कोई दिमागी बीमारी है... यही वजह है कि सूचना को पूछताछ के लिए दूसरी बार रिमांड पर लेने के साथ ही पुलिस ने साइकोलॉजिस्ट की मदद लेने की शुरुआत कर दी थी। जिसने पुलिस को ये सुझाव भी दिया था कि सूचना के साथ अगर पूछताछ को लेकर कोई सख्ती की गई, तो वो खुद को एक 'अदृश्य खोल' में बंद कर सकती है, जिसके बाद उससे कोई भी सच जानना नामुमकिन हो जाएगा। लिहाजा, उससे पूछताछ में पुलिस धैर्य से काम ले और सच जानने की जल्दी ना करे। साइकोलॉजिस्ट के इस सुझाव के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ में एहतियात से काम लेना शुरू कर दिया। लेकिन इसके बावजूद सूचना ने अब तक एक बार भी अपने बेटे की हत्या करने की बात नहीं मानी। जाहिर है, सूचना को लेकर आई इस मेंटल असेसमेंट रिपोर्ट के बाद अब पुलिस का केस और मजबूत हो गया है। क्योंकि अगर रिपोर्ट में वाकई सूचना को कोई दिमागी परेशानी या बीमारी होने जैसी कोई बात सामने आती, तो बचाव पक्ष अदालत में उस रिपोर्ट को ही ढाल कर सूचना के लिए राहत हासिल करने की कोशिश कर सकता था। यहां तक कि खुद सूचना के पिता ने भी इसी इरादे से सूचना का मेंटल एग्जामिनेशन करवाने की मांग की थी। लेकिन अब मनोवैज्ञानिकों की इस रिपोर्ट के बाद सूचना की परेशानी और बढ़ने वाली है। 

क्या कहा गोवा के डीजीपी जसपाल सिंह ने

डॉक्टरों के एक पैनल ने सूचना सेठ से पूछताछ की। उसके बयान लिए। ये कुछ-कुछ वैसे ही है, जैसे मजिस्ट्रेट किसी से पूछताछ करते हैं। डॉक्टरों की ये रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट कर दी गई है। पुलिस का केस मजबूत है। 90 दिन के अंदर हम लोग चार्जशीट दाखिल कर देंगे। 

 

7 जनवरी को कथित तौर पर किया था बेटे का कत्ल
 

Suchana Seth News : 39 साल की सूचना सेठ ने नॉर्थ गोवा के एक होटल के कमरे में 7 जनवरी को कथित तौर पर गला घोंट कर सांसें रोक कर अपने बेटे की हत्या कर दी थी। बेंगलुरु की रहने वाली सूचना का अपने पति वेंकटरमन के साथ विवाद चला आ रहा था। अदालत में तलाक और घरेलु हिंसा के मामले लंबित थे। इसी बीच अदालत ने सूचना को अपने बेटे को उसके पिता यानी अपने पति वेंकटरमन से हफ्ते में एक बार मिलवाने का हुक्म दिया था। लेकिन ये हुक्म सूचना को गवारा नहीं था। जिसके बाद उसका व्यवहार काफी बदल गया था और वो लगातार अपने बच्चे को उसके पिता से मिलने से रोक रही थी। वो सिर्फ वेंकटरमन से बेटे की मीटिंग को टालने के इरादे से ही एक हफ्ते में दो बार गोवा आई और वापस लौट गई। लेकिन दूसरी बार गोवा से बेंगलुरु निकलने से पहले ही उसने होटल के कमरे में मासूम की जान ले ली। पुलिस की मानें तो इसके बाद उसने बेटे की लाश को अपने सूटकेस में भरा और टैक्सी लेकर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई। 

लेकिन जैसे ही पुलिस को सूचना के अपने बेटे की हत्या कर गोवा से बेंगलुरु जाने की खबर मिली, पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर से जरिए उसे इंटरसेप्ट करने की कोशिश शुरू कर दी। और उसे लेकर जा रहे टैक्सी ड्राइवर को हुक्म दिया कि वो सूचना रास्ते में ही किसी पुलिस स्टेशन तक ले कर जाए। ड्राइवर ने ऐसा ही किया। सूचना को लेकर वो सीधे कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में मौजूद आईमंगला पुलिस स्टेशन में पहुंच गया। जहां गोवा पुलिस ने कर्नाटक पुलिस से बात की और टैक्सी में रखे उसके सूटकेस की तलाशी ली। जिसके बाद सूटकेस से पुलिस को सूचना के बच्चे की लाश बरामद हो गई। मगर हद ये रही कि इतना सबकुछ होने और बेटे की लाश के साथ रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद सूचना ने अब तक पूछताछ में एक बार भी ये नहीं माना कि उसने बेटे की जान ली। बल्कि बार-बार वो यही कहती रही कि वो अपने बेटे के साथ सो रही थी, जब उसकी नींद खुली तो उसका बेटा मरा हुआ था।
 

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