Sajni Nair Murder Case Full Story: आज कहानी है अहमदाबाद के चर्चित सजनी मर्डर केस की, जिसमें पुलिस ने 15 साल बाद लैंडलाइन नंबर के जरिए कातिल को पकड़ा और खुलासा किया.
20 साल पहले बीवी का कत्ल, 15 साल बाद पकड़ाया, पुलिस से पूछता रहा- मुझे पकड़ा कैसे?
Sajni Nair Murder Case Full Story: आज कहानी है अहमदाबाद के चर्चित सजनी मर्डर केस की, जिसमें पुलिस ने 15 साल बाद लैंडलाइन नंबर के जरिए कातिल को पकड़ा और खुलासा किया.
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Crime Tak
24 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 25 2024 10:04 AM)
उन दोनों की नई नई शादी हुई थी, वो बहुत खूबसूरत जोड़ी थी. उनकी जोड़ी को देखकर हर कोई हंसता था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि ये सिर्फ 3 महीने की कहानी है. हनीमून पीरियड अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि लड़की की हत्या कर दी गई. सामने पत्नी की लाश पड़ी थी, पति का रो-रोकर बुरा हाल था. उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि उनकी तबीयत बिगड़ गई और सदमे के कारण उन्हें अस्पताल जाना पड़ा, लेकिन वह कभी वापस नहीं आए…
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ये कहानी 21 साल पुरानी है. साल 2003 में केरल की रहने वाली सजनी नायर की शादी तरुण जिनराज से हुई. शादी को अभी तीन महीने ही बीते थे कि पत्नी की हत्या कर दी गई. यह मामला काफी चर्चा में आया क्योंकि पति ने पहले तो अपनी पत्नी की मौत का गम होने का नाटक किया और फिर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर भाग गया. सजनी की मौत पर तरूण ने खूब घड़ियाली आंसू बहाये. उसने एंग्जाइटी अटैक का भी नाटक किया, लेकिन यह उसके बचने का तरीका था. सजनी की मौत के अगले ही दिन तरूण फरार हो गया.
पत्नी की हत्या के बाद 15 साल तक ऐशो-आराम की जिंदगी जी
अब यह साफ हो गया कि हत्या तरूण ने ही की है. गला दबाकर ली गई सजनी की जान, लेकिन कातिल कैसे पकड़ा जाए? पुलिस कई दिनों तक सजनी के पति की तलाश करती रही, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. वह गायब हो गया था. धीरे-धीरे उसकी तलाश बंद हो गई. उधर, तरूण ने अपनी नई जिंदगी की शुरूआत कर ली थी.
पुलिस ने हर जगह और दूसरे राज्यों में भी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला. तीन साल बाद पुलिस ने तरूण की तलाश बंद कर दी, लेकिन सजनी हत्याकांड केस बंद नहीं किया.
जब सजनी का परिवार मामले के सिलसिले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से मिला तो 2006 में सीएम कार्यालय से पुलिस विभाग को जांच के लिए संदेश भेजा गया. तब तरूण पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. इसी क्रम में पुलिस की मुलाकात तरुण की प्रेमिका से भी हुई, जिसने बताया कि 16 फरवरी को तरुण ने फोन कर शादी के लिए कहा था, लेकिन मैंने हत्यारे से शादी करने से इनकार कर दिया था.
तरुण ने बेंगलुरु में अपनी नई दुनिया बसा ली थी
तरुण जिनराज ने बेंगलुरु में दूसरी बार शादी की और उसके दो बच्चे हैं. पत्नी की हत्या के बावजूद वह पूरी ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा था. वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ विदेश भी गया. उसने अपना नाम विजय रखा. वह एक कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर बड़े आराम से काम भी कर रहे था. उसने मान लिया था कि अब पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी, लेकिन सजनी का परिवार सालों बाद भी अपनी बेटी की मौत को नहीं भूल पाया है.
लैंडलाइन नंबर से 15 सालों बाद दबोचा गया कातिल
इसी क्रम में पुलिस की मुलाकात तरुण की गर्लफ्रेंड से भी हुई, जिसने बताया कि 16 फरवरी को तरुण ने फोन कर शादी के लिए कहा था, लेकिन मैंने हत्यारे से शादी करने से इनकार कर दिया था. कई साल बाद 2016 में पुलिस को तरूण की गर्लफ्रेंड से पता चला कि तरूण जैसे शख्स को उसके दोस्तों ने दिल्ली के एक मॉल में देखा था. इस बीच पुलिस ने दोबारा उसके करीबियों की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि बेंगलुरु के एक कॉल सेंटर के लैंडलाइन से तरुण की मां को फोन आया था. जब इस नंबर की जानकारी निकाली गई तो पता चला कि यह कॉल किसी प्रवीण भटेले ने की थी.
पुलिस को शक हुआ तो प्रवीण भटेले के बारे में जानकारी जुटाई. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि प्रवीण भटेले कोई और नहीं बल्कि तरुण है. हैरान करने वाली बात ये थी कि तरुण ने बेंगलुरु में दूसरी शादी भी की थी और उनके दो बच्चे भी थे. प्रवीण भटेले, जिसकी पहचान तरूण ने चुराई थी, तरूण का पुराना दोस्त था. इस सारी जानकारी के बाद तरुण को गिरफ्तार कर लिया गया.
कोर्ट ने तरुण को सज़ा सुनाई और उसे साबरमती जेल में बंद कर दिया गया. सजनी के परिवार ने भी राहत की सांस ली कि आखिरकार उन्हें 15 साल बाद न्याय मिला, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई.
जमानत पर बाहर आया, लेकिन फिर फरार हो गया
तरूण जिनराज बहुत चतुर था. वह लगातार जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दे रहे थे. वह तरह-तरह के बहाने बनाकर कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाता था. आख़िरकार इसी 2023 में अगस्त में जिनाराज जमानत पाने में सफल रहा. वह 4 अगस्त को जमानत पर जेल से बाहर आया, लेकिन वापस जेल नहीं गया. यह शातिर अपराधी एक बार फिर से फरार हो गया था, उसे लगा कि इस बार भी वह पुलिस को चकमा दे दिया. वह 2 महीने तक पुलिस से बचता रहा. कुछ दिन बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को तरुण जिनराज के दिल्ली में होने की खबर मिली और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
एक बार फिर मां की पुकार मुझे जेल ले गई
इस बार भी तरुण को अपनी मां को की गई कॉल की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल, सजनी की हत्या के बाद वह किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति के संपर्क में नहीं था. उसने अपनी एक अलग दुनिया बना ली थी, लेकिन वह हमेशा अपनी मां से बात करता रहता था. इस बार भी ऐसा ही हुआ. करीब 23 तारीख को वह अपनी मां से मिलने बेंगलुरु भी गए था. पुलिस को इसकी जानकारी पहले ही मिल गई थी, लेकिन उस वक्त वह भाग निकला लेकिन दिल्ली से पकड़ लिया गया.
क्राइम ब्रांच का कहना है कि पूछताछ के दौरान वह फिर से भागने की धमकी दे रहा है. पुलिस का कहना है कि वह पेशेवर अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है. इस बार भी तरूण ने पुलिस से बचने की साजिश रची थी, लेकिन उसकी कोशिश नाकाम रही. वह तरूण जिनराज से जस्टिन जोसेफ में तब्दील हो गया था. उसने अपनी दाहिनी बांह पर ड्रैगन का टैटू बनवाया था और हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था. पुलिस का दावा है कि जिनाराज नजफगढ़ में दो महिलाओं के संपर्क में था.
पर क्या थी हत्या की वजह?
तरूण ने नवंबर 2003 में अहमदाबाद के एक बैंक में काम करने वाली सजनी नायर से शादी की, लेकिन शादी के बाद भी वह किसी अन्य लड़की के साथ रिश्ते में था. वैलेंटाइन डे के मौके पर पत्नी की हत्या करने से पहले उसने सजनी से संबंध बनाए थे और फिर उसकी हत्या कर दी. तरुण का पहले से ही एक लड़की से अफेयर चल रहा था, तरूण ने हत्या के बाद गर्लफ्रेंड को शादी का ऑफर दिया था? तो क्या इसी वजह से उसने अपनी पत्नी की हत्या? या फिर कोई और वजह थी?... इस कहानी में कातिल को तो पकड़ लिया गया लेकिन हत्या की वजह अभी भी सामने नहीं आई है?
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