General Muhammad Zia-ul-Haq Story in hindi : 17 अगस्त 1988 पाकिस्तान के इतिहास का वो दिन जिसे वहां की सियासत का टर्निंग प्वाइंट कहा जाता है, उस दिन दोपहर इस्लामाबाद से 530 किलोमीटर दूर बहावलपुर में एक अमेरिकी टैंक का टेस्ट होने वाला था। जनरल ज़िया को भी ये टेस्ट देखने के लिए न्यौता भेजा गया था, लेकिन ज़िया वहां नहीं जाना चाहते थे, मगर पाक फौज के कई जनरलों ने उन्हे इस बात के लिए मजबूर किया कि वो टैंक का टेस्ट देखने के लिए बहावलपुर ज़रूर पहुंचे।
Crime Story in Hindi : तानाशाह जनरल ज़िया-उल-हक़ के प्लैन के क्रैश होने की कहानी
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05 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)
दोपहर 12 बजे जनरल ज़िया बहावलपुर पहुंचे, जहां उन्होने अमेरिकी टैंक का टेस्ट देखा जो बुरी तरह फ्लॉप रहा। जनरल ज़िया गुस्से में थे, वो बहावलपुर एयरपोर्ट पहुंचे जहां उनका विमान पाक-वन खड़ा हुआ था, सी-130 मॉडल का ये विमान हर तरह की सुविधाओं से लैस था। जनरल ज़िया जब इस्लामाबाद लौटने से पहले लोगों से मिल रहे थे उन्हे कुछ आम की पेटियां तोहफे में दी गईं, जो उनके विमान पाक-वन में रखवा दी गईं।
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कहते हैं कि इन्ही आम की पेटियों में बंद थी ज़िया की मौत, जनरल ज़िया विमान में सवार हुए, उनके साथ पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत ऑर्नाल्ड रॉफेल के अलावा पाक फौज के सभी आला जनरल मौजूद थे। सिवाए एक जनरल के जिसका नाम है जनरल मिर्ज़ा असलम बेग, जनरल बेग को भी ज़िया के विमान में सवार होना था लेकिन आखिरी वक्त में उन्होने मना कर दिया और पीछे खड़े एक दूसरे सरकारी विमान में सवार हो गए।
जनरल ज़िया के प्लेन ने टेक ऑफ किया, वो अब आसमान से बात कर रहा था, कंट्रोल टॉवर ने पायलट मशहूद हसन से लोकेशन पूछी, हसन ने कहा स्टैंडबाय, यानि तब सब ठीक चल रहा था लेकिन तीन मिनट बाद ही सब बदल गया। अचानक कंट्रोल टॉवर और पाक-वन का संपर्क टूट गया, कंट्रोल टॉवर से बार-बार पायलट को मैसेज भेजा जा रहा था लेकिन पायलट हसन कोई जवाब नहीं दे रहे थे।
उधर बहावलपुर के रेगिस्तान में मौजूद कुछ लोगों ने देखा कि एक विमान हवा में हिचकोले खा रहा है, ये जनरल ज़िया का विमान पाक-वन था। विमान तेज़ी से नीचे गिर रहा था, बस चंद सेकेंड में ही विमान एक धमाके के साथ ज़मीन से टकराया और इसी के साथ आग के गोले में तब्दील हो गया।
जनरल ज़िया का विमान पाक-वन जब धूं-धूं करके जल रहा था ठीक उसी वक्त आसमान में एक विमान और मंडरा रहा था। उस विमान ने मलबे के आस-पास तीन चक्कर लगाए और चला गया। ये दूसरा विमान जनरल मिर्ज़ा असलम बेग का था, वो मौके पर उतरने के बजाए सीधे राजधानी इस्लामाबाद चले गए। ये जानते हुए भी कि जनरल ज़िया का विमान मलबे के ढेर में बदल चुका है, आग और धुएं का गुबार जब हटा तो यहां वहा बिखरी पड़ी थीं 30 लाशें, जिनमें से एक लाश पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल ज़िया उल हक की थी।
देर शाम तक सारा पाकिस्तान और पूरी दुनिया जान चुकी थी कि तानाशाह ज़िया की मौत हो चुकी है, लेकिन सवाल अभी बाकी था कि आखिर कैसे पाकिस्तान का सबसे महफूज़ विमान इस तरह ज़मींदोज़ हो गया। ये एक ऐसा राज़ है जो आज भी हर पाकिस्तान जानना चाहता है।
कुछ लोगों ने इसे हादसा माना तो कुछ लोगों ने इसे करार दिया साज़िश, लेकिन इस दुर्घटना के पूरे 24 साल बाद हुआ है एक ऐसा खुलासा जिसने पूरे पाकिस्तान में तहलका मचा दिया है... इस खुलासे के मुताबिक जनरल ज़िया को साज़िश रचकर मौत के घाट उतारा गया था। ये खुलासा किया पाकिस्तान की एक मानी हुई हस्ती ने जिसका नाम है डॉक्टर अब्दुल कादीर खान, जी हां वही ए क्यू खान जिन्होने बनाया है पाकिस्तान का एटम बम।
ए क्यू खान ने ये खुलासा करके सनसनी फैला दी है कि जनरल ज़िया का कातिल कोई और नहीं बल्कि खुद उनका पायलट था। खान के मुताबिक जनरल ज़िया जिस विमान में सवार थे उसके पायलट ने जानबूझकर विमान को ज़मीन पर गिरा दिया। ए क्यू खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जनरल ज़िया उल हक के विमान के पायलट विंग कमांडर मसहूद हसन ने मेरे एक साथी को बताया था कि वो ज़िया का कत्ल करने वाला है।
मसहूद हसन ने अपनी मौत से पहले कहा था कि वो जनरल ज़िया से बदला लेना चाहता है और जल्द ही वो उनके विमान को क्रैश कर देगा, चाहे खुद उसकी जान क्यों ना चली जाए। जब ये राज़ मैंने जनरल ज़िया के बेटे एजाज़ के सामने खोला तो वो रोने लगे। ए क्यू खान ने अपने दावे के सही होने के पीछे कई वजह बताईं, उनका दावा है कि जनरल ज़िया ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले एक धार्मिक नेता को मौत की सज़ा दी थी और उस धार्मिक नेता को पायलट मसहूद हसन बहुत मानता था। इसी वजह से पायलट जनरल ज़िया से बेहद नफरत करने लगा था, जिसका बदला उसने प्लेन क्रैश करके लिया। हालांकि इन दावों को कोई ठोस प्रमाण एक्यू खान कभी पेश नहीं कर पाए।
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