Noida Murder Mystery : शहर वही नोएडा. जगह भी करीब-करीब वही. तीन इलाका. पहले सेक्टर-31 डी-5. निठारी कांड. साल 2006. फिर सेक्टर-25 जलवायु विहार. साल 2008. और अब सेक्टर-30. साल 2023. यानी 15 से 17 साल का लंबा वक्त. लेकिन इन तीनों इलाके और तीनों क्राइम में ही एक ही चीज कॉमन है. वो है एक ही गलती. जो हर बार हुई. कातिल आसपास ही थे. लेकिन तलाश देश के कोने-कोने में. जैसे 2006 की घटना में निठारी कांड. जगह सेक्टर-31, कोठी डी-5. निठारी से लापता 17 बच्चों और दो लड़कियों की बेरहमी से हत्या हुई. कातिल उसी डी-5 कोठी के अंदर ही था. लेकिन उस तक पहुंचने में नोएडा पुलिस को 2 साल से ज्यादा का वक्त लग गया.
नोएडा में वकील रेनू हत्याकांड : 15 साल बाद फिर आरुषि कांड वाली गलती दोहराई, निठारी कांड की भी दिला दी याद
Noida Lawyer Renu murder Mystery : नोएडा में फिर आरुषि और निठारी कांड जैसी पुलिस की गलती. वकील रेनू मर्डर केस की पूरी इनसाइड स्टोरी.
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Noida Lawyer Renu murder case
11 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 11 2023 11:45 PM)
अब इसी निठारी सेक्टर-31 से महज एक किमी के दायरे में नोएडा का सेक्टर-25 जलवायु विहार. साल 2008. आरुषि मर्डर केस. 15 मई 2008 की रात में आरुषि का कत्ल हुआ और शक नौकर हेमराज पर गया. अब नौकर की तलाश में पूरे 24 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजर गया. नोएडा पुलिस नेपाल तक पहुंच गई. लेकिन अगले दिन वही नौकर हेमराज खुद डॉक्टर तलवार की घर की छत पर ही मरा मिला. उसी छत के दरवाजे पर बस एक ताला लगा था. लेकिन तब इसी नोएडा पुलिस ने उस ताले को तोड़कर छत की जांच करना नागवार समझा था.
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अब दोनों केस के बाद 15-17 साल का वक्त गुजरता है. तमाम हाईटेक तकनीकी से पुलिस लैस होती है. खोजी कुत्ते तक पुलिस की टीम में आते हैं. और फिर सेक्टर-31 निठारी और सेक्टर-25 जलवायु विहार के 5 से 7 मिनट के दायरे में ही नोएडा का सेक्टर-30 इलाका. सेक्टर-30 में कोठी नंबर डी-40. इसमें जानी मानी वकील रेनु सिन्हा का कत्ल हो जाता है. लाश ग्राउंड फ्लोर के बाथरूम में मिलती है. शक उनके पति पर जाता है. लेकिन उसी पति की तलाश में पुलिस पूरे 8 घंटे लगा देती है. लुकआउट नोटिस भी जारी करा देती है. पर वो कातिल कत्ल वाली जगह के ठीक ऊपर पहली मंजिल के स्टोर रूम में छुपा होता है. और पुलिस आसपास के इलाके से लेकर दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंच जाती है.
नोएडा पुलिस का डॉग स्क्वॉड भी उस कातिल को सूंघ नहीं पाता है. जो बमुश्किल से 2 मीटर की दूरी पर भी नहीं था. यानी फिर वही गलती. फिर वही पुलिस. पर ये जरूर है कि निठारी और आरुषि कांड में जो पुलिस अफसर थे उनसे अलग थे ये अफसर. पर गलती फिर से वही थी. कातिल आसपास ही रहा. लेकिन उसे तलाशने में बहुत देर लगा दी. वो तो गनीमत रही कि इस हाईप्रोफाइल केस में पुलिस से लगातार सवाल जवाब होते रहे और पुलिस की एक टीम कोठी के आसपास ही तैनात रही वरना कातिल मौका मिलते ही फरार हो जाता. लेकिन निठारी और आरुषि हत्याकांड से अलग इस केस में यही गनीमत रही कि कातिल 8 घंटे में ही पुलिस के हाथ लग गया. आखिर क्या है कि नोएडा में हाईकोर्ट की वकील रेनू सिन्हा के कत्ल की पूरी कहानी. पढ़ें नोएडा से हिमांशु शर्मा के साथ भूपेंद्र चौधरी की ये रिपोर्ट
सुबह कत्ल और दोपहर में सूचना, फिर भी शुरू में पुलिस करती रही आनाकानी
Noida Lawyer Renu Murder Case : नोएडा के सेक्टर 30 में मौजूद कोठी नंबर डी-40. इस कोठी में रहने वाली हाई कोर्ट की वकील रेनू सिन्हा पिछले दो दिनों से फोन नहीं उठा रही थी. कोठी में दो लोग रहते हैं. रेनू सिन्हा और उनके पति नितिन नाथ सिन्हा. रेनू हाई कोर्ट में लॉयर थीं, जबकि उनके पति आईआईएस यानी इंडियन इनफॉर्मेशन सर्विसेस से जुडे रहे हैं. रेनू की अपने पति के साथ अनबन भी रहती थी. जिसकी खबर उनके घरवालों की थी. ऐसे में जब रेनू ने अचानक ही फोन उठाना बंद कर दिया, तो वो बेचैन हो गए. वो दो दिनों से लगातार रेनू को कॉल कर रहे थे, लेकिन फोन रिसीव नहीं हो रहा था. यानी फोन ऑन तो था, लेकिन कॉल उठ नहीं रहा था. इन हालात में रेनू के भाई ने आखिरकार पुलिस को अपनी बहन की गुमशुदगी की खबर दी. साथ ही उन्होंने अपने बहनोई पर शक भी जताया. रविवार 10 सितंबर 2023 की दोपहर में ही रेनू के घरवालों ने उनके ना मिलने की खबर नोएडा पुलिस को दे दी थी. दोपहर को ही ये भी पता चल गया था कि रेनू और उसके पति के मोबाइल फोन की लोकेशन उनकी कोठी के आस-पास है. लेकिन ना तो पुलिस ने तब कोठी की तलाशी ली और ना ही कोठी और आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की.
शाम 7 बजे पहली बार पुलिस मौके पर पहुंची, कोठी पर लगा था जंजीर से बंधा ताला
Noida Murder Mystery : इस बीच घरवाले लगातार पुलिस से जांच में तेजी लाने की गुहार लगाते रहे. शाम करीब 7 बजे पहली बार पुलिस मौके पर पहुंची. तब कोठी में दोनों तरफ से ताला लगा था. रेनू का परिवार ताला तोड़ने की फरियाद कर रहा था, पर पुलिस टाल-मटोल कर रही थी. आखिरकार पुलिस ताला तोड़ने पर राजी हुई, लेकिन दिक्कत ये थी कि पुलिस के पास ताला तोड़ने का कोई सामान तक नहीं था. आखिरकार घरवालों ने ही ताला तोड़ने का सामान इकट्ठा किया... ऐसा तब है, जब मौके पर इलाके के एसएचओ, एसीपी और डीसीपी जैसे बडे अधिकारी मौजूद थे. आखिरकार करीब दो घंटे की हिला-हवाली के बाद कोठी का ताला तोड़ा गया. आज से ठीक 15 साल पहले सेक्टर-30 से महज 4 से 5 मिनट की दूरी पर ही जलवायु विहार में आरुषि मर्डर केस में भी ऐसी ही गलती हुई थी. आरुषि मर्डर में जिस शक पर कातिल हेमराज की तलाश हो रही थी उसकी लाश छत पर ही थी. और उस छत पर ताला लगा था. लेकिन उस ताले की चाबी नहीं मिली तो उसे तोड़ा भी नहीं गया. 15 साल बाद हुई इस घटना में तो घरवालों ने जिद की तो पुलिस 2 घंटे बाद कम से कम ताला तोड़ने पर राजी हो गई.
जब ताला तोड़ा गया तो इसके बाद सामने जो मंजर था, वो डरावना था. कोठी में दाखिल होने पर रेनू की लाश भी मिल गई. लेकिन तब भी पुलिस ने ठीक से कोठी की तलाशी नहीं ली. जबकि उस वक्त भी रेनू अंदर बाथरूम में रेनू की लाश पड़ी थी. 61 साल की रेनू के सिर और कान से खून बह रहा था. जिस्म के दूसरे हिस्सों में भी चोट के कई निशान थे. अब पुलिस ने पूरी कोठी की तलाशी लेने की शुरुआत की. घर का सारा सामान इंटैक्ट था, यानी कोई लूटपाट या डकैती जैसी बात नहीं थी. लेकिन हैरानी भरे तरीके से रेनू का पति नितिन फरार था. तब पुलिस ने कोठी की तलाशी तो ली, लेकिन नितिन का कुछ पता नहीं चला. जबकि उस वक्त भी नितिन के मोबाइल फोन की लोकेशन उसी डी-40 कोठी के आस-पास की नजर आ रही थी.
रात 12 बजे पुलिस फिर से हरकत में आई तब मिला कातिल
Noida Crime news : आखिरकार रात 12 बजे पुलिस दोबारा और सही मायने में हरकत में आई. तब पुलिस ने कोठी और उसके आस-पास की सीसीटीवी फुटेज चेक की. और इसी दौरान पुलिस ने ये गौर किया कि रेनू का पति नितिन पिछले 24 घंटों से ज्यादा वक्त में कभी बाहर ही नहीं निकला है. ऐसे में पुलिस ने एक बार फिर से रेनू के घरवालों को मौके पर बुलाया. सीसीटीवी कैमरे में नितिन के घर से बाहर ना जाने की पुष्टि होने की बात कही और फिर से घर की तलाशी लेने का फैसला किया. सच पूछिए तो रात 12 बजे ही पुलिस ने सही मायने में तफ्तीश की शुरुआत की. लेकिन कहानी में असली टिवस्ट तब आया, जब रेनू का पति नितिन पुलिस को उसी कोठी में छुपा हुआ मिला.
कोठी की पहली मंजिल के ही स्टोर रूम में छुपा रहा कातिल पति
Noida IIS Officer Nitin : असल में नितिन अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद अपने ही मकान के पहले माले में बने स्टोर रूम में छिपा हुआ था. स्टोर रूम में दो दरवाजे हैं, एक दरवाजा अंदर से बंद था, जबकि दूसरे पर बाहर से ताला लगा था. पुलिस ने जब लाश बरामद की थी, तब उसने स्टोर रूम में छोड़ कर पूरे घर की तलाशी ली थी. चप्पा-चप्पा छान मारा था, लेकिन तब वो ये नहीं सोच पाई थी कि वो जिस कातिल की तलाश कर रहे हैं, लेकिन वो घर के स्टोर रूम में ही छिपा मिलेगा. पुलिस ने जब स्टोर रूम का दरवाजा खोला, अंदर नितिन मोबाइल फोन, चार्जर, कॉफी मग सबकुछ लेकर इत्मीनान से बैठा हुआ था. तभी रात के कोई तीन बज रहे थे.
यानी जो शख्स पिछले 20 घंटों से लाश मिलने वाली से महज 2 मीटर के फासले पर छुपा था. पुलिस को उस तक पहुंचने में कत्ल का खुलासा होने के बाद भी 8 घंटे का वक्त लग गया. अगर सीसीटीवी फुटेज की जांच, कोठी की सही तरीके से तलाशी. और यही सारे काम जो पुलिस आधी रात को कर रही थी, अगर वो दोपहर को ही कर लेती, तो मामले की तफ्तीश और आगे बढ़ चुकी होती, संदिग्ध कातिल पहले ही पकड़ा जा चुका होता. हालत ये थी कि मौका ए वारदात पर जो चीजें मिल रही थीं, पुलिस वाले खुद उन चीजों की जांच करने की जगह उनके बारे में घरवालों से ही पूछताछ कर रहे थे.
लेट लतीफी पर पुलिस ने किया दिया तर्क
घर में ही कातिल छुपा और उसे तलाशने में 8 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया. इस बारे में पूछे जाने पर नोएडा पुलिस के आला अधिकारी ने तर्क दिया कि कातिल की लोकेशन घर के आसपास ही थी लेकिन पास के सीसीटीवी फुटेज करीब 5 से 6 घंटे का था. जिसके एक-एक सेकेंड के मोमेंट को ध्यान से देखना जरूरी था. जब पूरा सीसीटीवी देखा गया तब ये साफ हो गया कि नितिन तो घर से बाहर निकला ही नहीं है. तब जाकर घर की फिर से तलाशी ली गई. उन जगहों की तलाशी ली गई जहां पहले नहीं हुई थी. तब स्टोर रूम में नितिन मिला. जहां पर वो फोन चार्जर से लेकर अपनी सिगरेट और कॉफी मग भी रखा हुआ था. जिसके जरिए वो पूरी रात छुपने के साथ मौका मिलने का इंतजार कर रहा था कि कब पुलिस हटे और वो भाग जाए. लेकिन उससे पहले ही पकड़ा गया.
कातिल चाहता था कि कोई घर में आए तो उसे लगे रेनू बाहर गई है
सीन ऑफ क्राइम को देख कर साफ था कि कातिल ने रेनू की हत्या करने के बाद घर में बिखरा सारा खून साफ कर दिया था. और तो और रेनू का लैपटॉप, उसके गाड़ी की चाबी ये सारी चीजें भी चार्जिंग में लगा दी थी, ताकि अगर कोई उन्हें देखे तो ये लगे कि रेनू शायद कहीं बाहर गई हैं. ऐसे में शक है कि रेनू का पति नितिन उसकी जान लेने के बाद उसकी लाश ठिकाने लगाने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहा था नितिन के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है. जिससे वो आसानी से भारत से बाहर भाग सकता था और सच्चाई तो यही है कि वो सही मौके के फिराक में था. लेकिन ऐसा नहीं कर पाया.
5.7 करोड़ में कोठी बेच विदेश में सेटल होना चाहता था कातिल पति
रेनू के घरवालों ने मामले का खुलासा होते ही कत्ल का शक अपने दामाद यानी नितिन नाथ सिन्हा पर जता दिया था. रेनू के घरवाले रविवार को उसे ढूंढते हुए उसके घर पहुंचे थे, लेकिन मकान बंद था, जबकि अंदर लाइट जल रही थी. उनका कहना था कि सेक्टर 30 की जिस डी-40 कोठी में दोनों रहते हैं, उसे लेकर पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा था. दोनों के बीच कई बार इसे लेकर पहले भी लड़ाई हो चुकी थी... ऐसे में उन्हें शक था कि इस प्रॉपर्टी के पीछे ही नितिन सिन्हा ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है. रेनू के घरवालों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने पहली बार नितिन को फोन किया, तो उसने खुद के लोधी रोड में होने की बात कही, लेकिन इसके बाद उसका नंबर स्विच्ड ऑफ हो गया.
अब तक की तफ्तीश में पुलिस ने रेनू सिन्हा के कत्ल की वजह सेक्टर 30 के इस कोठी को ही बताया है. पुलिस का कहना है कि नितिन इस कोठी को बेचना चाहता था, जबकि रेनू इसके हक में नहीं थी. नितिन ने एक पार्टी से बात कर पांच करोड 70 लाख रुपये में इस कोठी का सौदा भी तय कर दिया था हैरानी की बात ये है कि कत्ल से महज 2 घंटे बाद पार्टी ये कोठी देखने भी आई थी और तब नितिन ने संभावित खरीदार को पूरी कोठी दिखाई भी थी, सिवाय उस बाथरूम के, जहां उसकी बीवी की लाश पड़ी थी.
कैंसर से इन्फेक्शन हो जाएगा, ये कहकर खरीदार को नहीं दिखाया था बाथरूम
नितिन ने खरीददार को बताया था कि उसकी बीवी को कैंसर है, इसलिए बाथरूम की तरफ ना ही जाएं तो ठीक है, क्योंकि इससे इनफेक्शन का खतरा रहता है. पुलिस ने जिस तरह से नितिन को कोठी के अंदर से गिरफ्तार किया, उससे लगता है कि वो मामले के थोड़ा शांत हो जाने के बाद लाश ठिकाने लगा कर और कोठी का सौदा पूरा कर चुपचाप पैसा लेकर विदेश भागने की तैयारी में था. लेकिन इससे पहले कि वो ऐसा कर पाता, उसकी पोल खुल गई..
ऐसे हुआ रेनू का कत्ल, मर्डर के बाद लाश के पास कातिल ने सिगरेट पी
पुलिस सूत्रों ने कत्ल की शुरुआती वजह पति-पत्नी के बीच की लड़ाई को बताया है... पुलिस का कहना है कि मौत के तरीके की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही साफ हो सकेगी, लेकिन शुरुआती छानबीन के मुताबिक दो दिन पहले रेनू और उसके पति नितिन के बीच प्रॉपर्टी को लेकर ही विवाद हुआ था. जिसके बाद रविवार को गुस्से में नितिन ने पहले तकिये से मुंह दबा कर रेनू की सांस रोकने की कोशिश की और फिर उसके बाद रेनू का सिर दीवार पर दे मारा, जिससे उसके सिर में घातक चोट आई. नितिन इसके बाद रेनू को घसीट कर बाथरूम तक ले आया... जहां वो तड़पती रही, उसके सिर से खून बहता और रहा और आखिरकार उसकी जान चली गई.
पुलिस ने जब मौके का मुआयना किया, तो बाथरूम के पास ही सिगरेट की राख भी पडी थी. नितिन को सिगरेट पीने की बहुत ज्यादा लत है. ऐसे में पुलिस को शक है कि अपनी बीवी की जान लेने के बाद नितिन ने पहले उसकी लाश के पास बैठ कर सिगरेट भी पी और फिर बचने के लिए उसने खुद को स्टोर रूम में बंद कर लिया. पुलिस सूत्रों की मानें तो जब कत्ल के करीब 18 घंटे बाद पुलिस ने उसे स्टोर रूम से ढूंढ निकाला, तब भी वो पुलिस से सिगरेट मांग रहा था.
रेनू कोठी नहीं बेचना चाहता था, इसी लड़ाई में हो गया कत्ल
अब तक की तफ्तीश में पुलिस ने रेनू सिन्हा के कत्ल की वजह सेक्टर 30 के इस कोठी को ही बताया है. पुलिस का कहना है कि नितिन इस कोठी को बेचना चाहता था, जबकि रेनू इसके हक में नहीं थी. नितिन ने एक पार्टी से बात कर पांच करोड 70 लाख रुपये में इस कोठी का सौदा भी तय कर दिया था. हैरानी की बात ये है कि कत्ल से महज 2 घंटे बाद पार्टी ये कोठी देखने भी आई थी और तब नितिन ने संभावित खरीदार को पूरी कोठी दिखाई भी थी, सिवाय उस बाथरूम के, जहां उसकी बीवी की लाश पड़ी थी. नितिन ने खरीददार को बताया था कि उसकी बीवी को कैंसर है, इसलिए बाथरूम की तरफ ना ही जाएं तो ठीक है, क्योंकि इससे इनफेक्शन का खतरा रहता है. रेनू और नितिन का बेटा अमेरिका में रहता है और वहीं नौकरी करता है.वो साल में एक या दो बार अपने मम्मी-पापा से मिलने भी आता है. यानी नोएडा की इस कोठी में इन दिनों पति-पत्नी अकेले ही रहते थे. परिवार ने पुलिस को बताया है कि रेनू को कैंसर था. वो लंबे वक्त तक इस बीमारी से जूझती रही. अभी पिछले महीने ही वो पूरी तरह कैंसर मुक्त हुई थी और जिंदगी की एक नई शुरुआत करने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही पति ने जिंदगी छीन ली.
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