बीच समंदर में करीब डेढ़ हज़ार क़त्ल, खून से लाल हो गया समंदर

mass slaughter of whales in faroe islands turns sea red stirs animal cruelty debate

CrimeTak

16 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)

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डेनमार्क के इस फरो आइलैंड के समंदर में आप ये जो खून देख रहे हैं वो 1428 डॉल्फिन का है, जिन्हें एक पुरानी परंपरा के चलते मौत के घाट उतार दिया गया। हालांकि दुनिया भर में इस घटना का विरोध किया जा रहा है, ये वीरोध इसलिए और ज़्यादा हो रहा है क्योंकि समुद्र के किनारे मरीं पड़ीं सैकड़ों डॉल्फिन का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। डेनमार्क के फरो आइलैंड पर एक पुरानी पंरपरा को निभाने के लिए पर 1400 से ज्यादा डॉल्फिन का कत्ल किया गया, समुद्र का पानी खून से लाल है और तस्वीरें देखने वाले इस घटना से गुस्से में हैं। डॉल्फिन का शिकार इस द्वीप पर आयोजित होने वाले ‘ग्रिंड’ नाम की एक पारंपरिक हंटिंग इवेंट के दौरान किया गया।

1428 डॉल्फिन का क़त्ल कैसे किया गया?

इस परंपरा के तहत शिकारियों ने पहले डॉल्फिन के झुंडों को घेरकर उथले पानी की तरफ खदेड़ा और बाद में चाकू और दूसरे नुकीले हथियार गोद कर उन्हें मार डाला, डॉल्फिन से इतना खून निकला कि समुंद्र का किनारा पूरा लाल हो गया। ग्रिंड परंपरा असल में सैकड़ों साल पहले शुरू की गई थी, डेनमार्क में ये इवेंट कानूनी रूप से मान्य है। हर साल गर्मियों में आयोजित किए जाने वाली इस परंपरा में शिकारी समुद्र में पाए जाने वाले जलजीव का शिकार करते हैं। डॉल्फिन के कत्ल के बाद उसके मांस को खाया जाता है।

1428 डॉल्फिन का मांस खा पाना मुमकिन है?

ज़ाहिर है इतनी बड़ी तादाद में डॉल्फिन को मार तो दिया गया लेकिन क्या उनका मांस खा पाना मुमकिन होगा, ऐसे में ना सिर्फ डॉल्फिन के खून से समंदर प्रदूषित हुआ बल्कि आने वाले वक्त में उनके सड़े हुए गोश्त से बीमारी भी फैल सकती है। ज़ाहिर है इंसानी पंरपरा के नाम पर बेजुबान की जान लेना किसी भी तरह से ठीक नहीं है।

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