Maharashtra Crime: उम्रकैद, पेरोल और फरारी, जुड़वा बेटियों की पढाई के लिए कैदी का 12 साल का संघर्ष

Nagpur News: हत्या के सजायाफ्ता कैदी ने 12 साल बाद आत्मसमर्पण कर दिया है। पेरोल लेने के बाद ये पिता तबतक भागता रहा जबतक बेटियों ने हाईस्कूल पास नही कर लिया।

CrimeTak

22 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:23 PM)

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Nagpur Crime News: अपनी बेटियों (Daughters) को अच्छी शिक्षा (Education) दे सके इसलिए नागपुर (Nagpur) सेंट्रल जेल (Jail) के एक कैदी (Prisoner) ने 12 साल तक फिल्मी अंदाज में फरारी काटी। हत्या के आरोप में उम्रकैद (Life imprisonment) पाए सजायाफ्ता (Convicted) कैदी पेरोल (Parole) पर बाहर आया था। पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद वो दोबारा तब तक वापस नही लौटा जब तक जुड़वा बेटियों को पढ़ाने की अपनी सौगंध पूरी नही कर ली।

दरअसल 50 साल के संजय तेजने को कत्ल के आरोप में 2003 मे वर्धा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। संजय को न्यायालय ने हत्या के मामले मे दोषी करार देते हुए उमरकैद की सजा सुनाई थी। संजय सन् 2010 मे पेरोल पर जेल से बहार आया और वापस नही लौटा। अब 12 साल बाद 12 मई 2022 को उसने जेल मे सरेंडर किया है।

इस बारह साल में संजय लगातार अपनी जुड़वा बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए फरारी के साथ साथ मेहनत मजदूरी करता रहा। अब जब उसकी दोनो बेटियों ने अच्छे नंबरों से दसवीं की परीक्षा पास कर ली है तब उसने 12 साल बाद जेल मे सरेंडर कर दिया है। संजय को दोबारा जेल भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड के दसवीं कक्षा के नतीजे कुछ दिन पहले ही घोषित किये गए हैं। इस परीक्षा मे श्रद्धा तेजने और श्रुती तेजने इन जुड़वा बहनो ने 86% और 83% नंबर से पास किया है। बिना किसी ट्युशन के इन जुड़वा बहनो के बेहतरीन नंबर आए हैं। नागपुर सेंट्रल जेल मे हत्या के आरोपी संजय तेजने की दोनों जुड़वा बेटियों को सम्मानित किया गया है।

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