IAS अफसर की बीवी ने दिव्यांग लड़की को 8 साल बंधक बना गर्म तवे से दागा, जीभ से टॉयलेट साफ कराया

Jharkhand Ranchi BJP Leader Seema Patra : भाजपा लीडर सीमा पात्रा एक रिटायर्ड IAS अफसर की पत्नी है. वो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का राज्य संयोजक रह चुकी है. पर ST समुदाय की दिव्यांग लड़की को बुरी यातना दी.

CrimeTak

30 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:25 PM)

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Jharkhand Ranchi Seema Patra Crime Story : ये खबर दिल को झकझोर देगी. क्योंकि इसमें एक दिव्यांग लड़की का दर्द है. उसे 8 साल तक कमरे में कैद करके रखा गया. ऐसी यातना दी गई कि जानकर भी रूह कांप जाए. कभी रॉड से पीटना. तो कभी गर्म तवे से उसके जिस्म को जलाना. वो दिव्यांग लाचार थी. ठीक से चल भी नहीं सकती थी. घिसटकर चलने को मजबूर थी. पर अपने पैरों पर चलने वाली एक दबंग आईएएस अफसर की बीवी उसे यातना देती थी. कई बार इस लड़की से पेशाब तक की सफाई भी जीभ से कराई गई. आरोप है कि टॉयलेट में भी धमकाकर जीभ से सफाई करा चुकी है.

ऐसी दरिंदगी करने वाली खुद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का रास्य स्तर पर संयोजक रही है. वो झारखंड की बीजेपी पार्टी की कद्दावर नेता रही. और खुद एक बड़े सीनियर IAS अफसर की बीवी. नाम है सीमा पात्रा (Seema Patra). लेकिन अब ये मामला सामने आने के बाद भाजपा पार्टी से इस महिला नेता को निष्कासित कर दिया गया है. इसके साथ ही पुलिस थाने में एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है.

खाना मांगने पर गर्म तवे से दागती थी वो IAS की बीवी

Seema Patra News : ये पूरा मामला है रांची के सबसे पॉश इलाका कहे जाने वाले अशोक नगर का. ये दरिंदगी 29 साल की एक आदिवासी दिव्यांग लड़की सुनीता के साथ हुई है. खुद सुनीता अपने ऊपर हुए जुल्म की कहानी बताती है. वो बताती है कि उसे 8 साल से रिटायर्ड आईएएस अफसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने अपने घर में कैद रखा.

इन 8 सालों में कभी भी उसे भर पेट खाना तक नहीं दिया गया. कभी खाना और मांग लेती तो उसे रॉड से पीटा जाता था. तो कभी गर्म तवे से दाग दिया जाता था. पर एक दिन की बात हो तो वो सह भी लेती. लेकिन ये आए दिन ऐसा होता रहता था. लेकिन कभी आवाज नहीं उठा पाई. और अपनी आवाज उठाती भी कैसे क्योंकि उसे तो उगते या डूबते सूरज तक देखने की आजादी नहीं थी. तो फिर पूरे शरीर के साथ घर से निकलने की आजादी कहां से मिल जाती.

सुनीता बताती है कि कई बार रॉड से पिटाई किए जाने से मेरे दांत भी टूट गए. अगर गलती से कभी घर जाने की बात कर देती तो भी खूब पिटाई होती थी. सुनीता ने बताया कि वो आदिवासी है और गुमला की रहने वाली है. उसने बताया कि सीमा पात्रा के दो बच्चे हैं. बेटी की दिल्ली में 10 साल पहले नौकरी लग गई थी.

उसी समय से वो भी दिल्ली में आ गई थी. लेकिन 4 साल बाद ही यानी करीब 6 साल पहले वो रांची में सीमा पात्रा के पास आ गई. पर जुल्म की कहानी काम शुरू करने के 2 साल बाद ही शुरू हो गई थी. यानी पिछले 8 साल से प्रताड़ित किया जा रहा था. बंधक बनाकर रखा जाता था.

एक मैसेज ने 8 साल की नरक जिंदगी से दिलाई ऐसे मुक्ति

पीड़ित आदिवासी लड़की सुनीता ने जिस महिला सीमा पात्रा के खिलाफ आरोप लगाया है उसके पति महेश्वर पात्रा राज्य आपदा प्रबंधन में सचिव रह चुके हैं. इसके बाद वो विकास आयुक्त पद से रिटायर्ड हुए थे. सीमा राज्य में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रदेश संयोजक रह चुकीं हैं. इस तरह लगातार 8 साल तक बंधक रहने के बाद पिछले दिनों किसी तरह एक सरकारी कर्मचारी विवेक आनंद बास्के को उनके मोबाइल पर सुनीता मैसेज भेजने में कामयाब हो सकी.

उस मैसेज के बाद ही विवेक आनंद ने पुलिस के साथ मिलकर सुनीता का रेस्क्यू किया. अब रांची के अरगोड़ा थाने में सीमा पात्रा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के साथ अन्य कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इस गंभीर मामले की जांच एक डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है. पुलिस ने पीड़ित लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया है. उनकी सुरक्षा में दो महिला पुलिसकर्मी को लगाकर बयान लिया जा रहा है.

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