देहरादून सेे सागर शर्मा की रिपोर्ट
देहरादून की डबल मर्डर मिस्ट्री का खौफनाक खुलासा, बहन और जीजा के कत्ल का आरोपी शहबाज गिरफ़्तार
Dehradun Double Murder: मां-बाप की लाशों के बीच जिंदा मिला था 4 दिन का मासूम, पुलिस ने 10 दिन बाद खोला मर्डर मिस्ट्री का राज़। हत्यारा भाई को किया गिरफ्तार।
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बहन व बहनोई को मार डाला
23 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 24 2023 12:03 AM)
Dehradun Double Murder Case: तारीख 13 जून 2023 देहरादून पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि क्लेमेंट टाउन के एक घर से बेहद बुरी बदबू आ रही है। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस के साथ जिसने भी घर के अंदर का मंजर देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। कमरे के फर्श पर पति-पत्नी की लहूलुहान लाश थी जो लगभग 2 से 3 दिन पुरानी लग रही थी कमरे में काफी खून जमा हो चुका था। हैरानी तब हुई जब इसी कमरे में एक छोटा बच्चा जो चार-पांच दिन का था मृतकों के बीच में पड़ा था जिसकी सांसे चल रही थीं। ये बच्चा मृतक काशिफ और अनम का था जिसको 108 के जरिये अस्पताल पहुँचाया गया। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये था कि ये आखिर घर में काशिफ और अनम की हत्या किसने की। मौके पर पहुंची एफएसएल टीम ने साक्ष्य जुटाए लेकिन काशिफ और अनम के शव सड़ चुके थे पुलिस के लिए शुरुवात मे कुछ भी बोलना संभव नही हो पा रहा था।
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पति-पत्नी की लाश का राज़
यूं तो शुरुआत में ये केस सुसाइड माना जा रहा था लेकिन वजह साफ नहीं थी कि आखिर आशिफ और अनम ने अपनी 4 दिन की बच्ची छोड़कर दुनिया से अलविदा क्यों कहा दिया? अगर उनकी हत्या हुई है तोकातिल कौन है? किसी ने कहा कि काशिफ पर कर्ज था लिहाजा उसने बीवी की हत्या कर खुदकुशी कर ली। इस घटना के संबंध में एसपी सदर को मौत के सही कारणों तक पहुचने के निर्देश दिए गए। पुलिस के लिए भी कहानी गले से नीचे नहीं उतर रही थी लगातार मामले में पूछताछ की जा रही थी। काशिफ व अनम के घरवालों से भी पुलिस की पूछताछ जारी थी। पुलिस अपना काम कर रही थी तभी काशिफ के परिजनों से पूछताछ करने पर यह पता चला कि काशिफ की 1 साल पहले ही अनम से दूसरी शादी हुई थी। ये जानकारी मिलते ही काशिफ की पहली पत्नी नुसरत पर पुलिस की शक की सुई जाकर रुक गई लेकिन मोटिव अभी भी क्लियर नही था।
काशिफ की पहली पत्नी ने पुलिस को दी खबर
पुलिस को सूचना देने वाली नुसरत थी यही वजह थी कि पुलिस असमंजस में थी। नुसरत ने पुलिस को बताया था कि 2-3 दिन से उनके पति उनका फोन नहीं उठा रहे थे। नुसरत ने बताया कि 10 जून को रात को 11:00 बजे के बाद काशिफ की उनसे कोई बात नहीं हुई। जिसके बाद पुलिस के सामने यह बात स्पष्ट हो गया कि 10 तारीख तक काशिफ और अनम जिंदा थे लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया यह अभी भी पुलिस के गले से नीचे नहीं उतर रहा था। अधिकारी लगातार मामले की अपडेट ले रहे थे कई सीसीटीवी खंगाले जा रहे थे कि अचानक पुलिस के हाथ एक महत्वपूर्ण सुराग लगा पुलिस ने जब घटना के सीसीटीवी खंगाले तो पता चला कि 12 तारीख को एक वरना कार काशिफ के घर के पास पहुंची थी। संदेह होने पर पुलिस ने गाड़ी के नंबर खंगाला तो पता चला कि यह गाड़ी काशिफ के दोस्त अशवद की है। अब पुलिस की राडार पर अशवद भी आ गया। अशवद से पूछताछ की गई तो अशवद ने बताया की उसको इस बारे में जानकारी नही है।
दोनों शव ठिकाने लगाना चाहता था शहबाज़
दरअसल अशवद कि कार अनम का भाई शहवाज लेकर पहुंचा था जिसके बाद पुलिस ने शाहवाज से पूछताछ शुरु की। चूंकि शहवाज अनम का भाई था इसलिए उस पर शक होना थोड़ा मुश्किल था पुलिस ने शाहवाज के कॉल डिटेल खंगाले और पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। केस में हर दिन नई परते खुल रही थी। 10 तारीख की रात को शहवाज का फोन बंद था जो कि 11 तारीख को शाहवाज ने फिर से ऑन किया जिसके बाद पुलिस का शक और गहराया। अब मेन सस्पेक्ट में शाहवाज ही नजर आ रहा था। अशवद के पुलिस को दिए बयानों पर काशिफ के परिजनों ने मृतिका के भाई शहबाज पर शक जताया और तहरीर दी जिसके बाद पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने शहवाज से पूछताछ की हालांकि लंबे वक्त तक वह पुलिस को गुमराह करता रहा और काशिफ पर कर्ज होने की बात बताता रहा। लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर शहबाज टूट गया और शहवाज ने अपने जुर्म का इकबाल किया। शहवाज ने उस रात के कत्ल की वारदात का पूरा कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने कबूल कर लिया।उसने यह भी क़बूल किया कि 12 तारीख की रात को वह कार लेकर शव को ठिकाने लगाने पहुचा था।
अपने ही जीजा और बहन को मौत के घाट क्यों उतार दिया
अब पुलिस को यह पता लगाना था कि शहवाज ने अपने ही जीजा और बहन को मौत के घाट क्यों उतार दिया। शहवाज ने पुलिस को बताया कि काशिफ उसके गांव का ही रहने वाला था। शहवाज का एक बड़ा भाई शादाब है और एक बहन अनम है। काशिफ का अक्सर उनके घर आना जाना होता था हालांकि काशिफ की पहले शादी हो रखी थी और उसके बाद भी काशिफ शाहवाज की बहन को अपने प्रेम जाल में फसाया और भगा कर ले गया। दोनो ने कोर्ट में शादी कर ली। शहवाज ने बताया कि उसी दिन शाहबाज ने सोच लिया था कि काशिफ को जिंदा नहीं छोडूंगा। बदला लेने के लिए उसने फिर से काशिफ से दोस्ती कर ली और मन मे बदले की आग जगा के रखी। वहीं कुछ वक्त पहले शहवाज को पता चला अनम की पुश्तैनी 3 बीघा जमीन को काशिफ ने गिरवी रखवा लिया है और गांव में बात चला दी है कि उसने जमीन गिरवी रखने के आधे पैसे शहवाज को दिए हैं जिससे शाहबाज की पूरे गांव में बेज्जती हो गई। इसके बाद आगबबूला हुआ शाहबाज लगातार काशिफ को मारने की योजना बनाता रहा। शहवाज ने बताया कि वह 7 तारीख को ही उत्तरकाशी में कासिफ को मार देता लेकिन क्योंकि अनम को पता था कि काशिफ उसके साथ है इसलिए उसने अपना प्लान बदला और काशिफ शहवाज देहरादून आ गए। लेकिन मौका पाकर 10 जून को रात को वह अनम के घर मे फिर से पहुंचा
काशिफ की गर्दन पर वार कर उसका गला रेत दिया
घर मे देर रात तक रहा देर रात में जब सब सो गए तो मौका पाकर किचन से चाकू लाकर उसने सोते वक्त काशिफ की गर्दन पर वार कर उसका गला रेत दिया जिसके बाद अनम चिल्लाने लगी। शहवाज ने अपनी बहन अनम को भी मौत के घाट उतार दिया और काशिफ और अनम के बच्चे को वही छोड़कर घर मे ताला लगाकर फरार हो गया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी ने बहन और उसके पति की हत्या के बाद मासूम को उनके बीच केवल इसलिए छोड़ा कि भूख और बिना देख रेख के बच्चा खुद ही मर जाएगा और शहवाज का बदला पूरा हो जाएगा। लेकिन आज भी मासूम स्वस्थ्य है और अपने दादा दादी की कस्टडी में है और शहवाज जेल में है।
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