उत्तर-पूर्वी बेंगलुरु के बगलूर इलाके के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। कोरोना की वजह से कॉलेज बंद था। काफी दिन से कॉलेज बंद होने की वजह से तमाम कंप्यूटर बंद थे। कॉलेज के प्रशासन ने कॉलेज की तकनीकी टीम को एक बार सारे कंप्यूटर ऑन कर उन्हें देखने के लिए कहा।
कंप्यूटरों के पार्ट चोरी करने के लिए इंजीनियर बना गार्ड रातों-रात उड़ा डाले लाखों रुपयों के कंप्यूटर पार्ट!
Hardware engineer turns security guard to steal computer parts
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27 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
13 जुलाई को कॉलेज में काम करने वाली तकनीकी टीम कॉलेज पहुंची और वहां पर लगे हुए कंप्यूटरों को चैक करना शुरु किया। कंप्यूटर चैक करने वाली टीम को कॉलेज के लगभग हर कंप्यूटर में कुछ ना कुछ परेशानी दिखी।
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कॉलेज में लगे सभी कंप्यूटरों की जांच की गई तो पता चला कि हर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क से अहम और महंगा पार्ट गायब था। कुल मिलाकर लगभग कंप्यूटरों से 35 लाख के पार्टस चोरी किए गए थे।
हालांकि सवाल ये था कि अगर कोई चोर चोरी करेगा तो वो पूरा सिस्टम ही उठाकर ले जाएगा वो कंप्यूटर में से महंगे पार्ट निकालने की कोशिश क्यों करेगा। इसको देखकर लग रहा था कि चोरी करने वाला शख्स कंप्यूटरों के बारे में अच्छी-खासी जानकारी रखता है।
इससे पहले कॉलेज का स्टाफ उस आदमी की तलाश करती, पहले ये फैसला लिया गया कि लॉकडाउन के दौरान कॉलेज की सुरक्षा में तैनात गार्ड से ही पूछताछ कर ली जाए। गार्ड के बारे में पता किया गया तो पता चला कि वो कुछ दिन से ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। वो जिस कमरे में रहता था वहां पर भी कॉलेज के लोग गए लेकिन वो रुम खाली कर के जा चुका था।
अब कॉलेज प्रशासन का माठा ठनका और उसने मामले की शिकायत पुलिस से की, हालांकि ना ही कॉलेज वाले गार्ड के बारे में ज्यादा कुछ जानते थे और ना ही वो एजेंसी जिसने गार्ड को अपने यहां पर नौकरी दी थी।
शुरुआती तफ्तीश में ये जरुर पता चला कि वो गार्ड कुछ दिन पहले ही नौकरी पर आया था। 5 जुलाई से लेकर 11 जुलाई के बीच उसने कॉलेज में लगे 200 कंप्यूटरों से महंगे पार्ट चुराए और फरार हो गया। उसकी करतूत की कुछ तस्वीरें कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो गई। हालांकि बेंगलुरु पुलिस ने अपनी तफ्तीश जारी रखी।
पुलिस को फरार हुए गार्ड के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी मिली और इसी जानकारी की मदद से पुलिस ने एक ऐसे शख्स के बारे में पता लगाया जो ऑनलाइन कंप्यूटर के पार्टस बेच रहा था। पार्ट बेचने वाला शख्स बता रहा था कि वो अपनी कंप्यूटर फर्म शिफ्ट कर रहा है और इसी वजह से वो कंप्यूटर के पार्ट बेच रहा है।
बेंगलुरु पुलिस ने ग्राहक बनकर इस शख्स से बात की और उसे डील के लिए बेंगलुरु बुला लिया। जब वो डील के लिए पहुंचा तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और कुछ ही देर में उसने ना केवल इस बात को कबूला कि बेंगलुरु के इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर के पार्ट चुराए थे बलकि उसने अगस्त के महीने में उडीषा के भुवनेश्वर से भी कंप्यूटर पार्ट चुराकर ऑनलाइन बेचे हैं।
पकड़ में आए शख्स ने अपना नाम राज पात्रा बताया। राज उडीषा का रहने वाला है और वो पेशे से एक हार्डवेयर इंजीनियर है। पात्रा ने पुलिस को बताया कि उसने कई सारी कंपनी बदलीं लेकिन वो चाहता था कि वो जल्द से जल्द अमीर बन जाए। इसी साल उसे बेंगलुरु की एक कंपनी में नौकरी मिली थी लेकिन वो इस नौकरी से भी खुश नहीं था। इसी दौरान उसके दिमाग में एक ख्याल आया।
उसने तय किया कि वो गार्ड बनकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया करेगा लिहाजा जून में उसने बेंगलुरु की एक गार्ड मुहैया कराने वाली कंपनी से संपर्क किया और वहां पर गार्ड की नौकरी पा ली। राज पात्रा की ड्यूटी इंजीनियरिंग कॉलेज में लगी। बीस दिन के अंदर ही उसने पूरे कॉलेज की अच्छी तरह से रेकी कर ली और फिर 5-11 जुलाई के बीच कॉलेज में लगे 200 कंप्यूटरों के महंगे पार्ट चोरी कर लिए।
यहां से उसने करीब 35 लाख के स्पेयर पार्ट चुराए। बेंगलुरु से भागने के बाद वो भुवनेश्वर पहुंचा और वहां पर भी एक प्राइवेट कॉलेज में गार्ड बनकर लाखों रुपयों के कंप्यूटर पार्ट चुरा लिए और उन्हीं को ऑनलाइन बेचने का काम कर रहा था जब बेंगलुरु पुलिस ने अपना जाल बुनकर उसे गिरफ़्तार कर लिया।
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