इसके खूनी झपट्टे के चंगुल से छूटना किसी के बस की बात नहीं, क्योंकि ये है बर्फ का सबसे बड़ा शिकारी। सफेद बर्फ से ढके इलाके में जब ये आसमान में पर फैलाते हैं तो नीचे किसी ना किसी की मौत तय हो जाती है। अब तक आपने लोमड़ी को शिकार करते देखा होगा, लेकिन पहली बार देखिए खूंखार लोमड़ी को शिकार बनते हुए।
क्या कभी आसमान में उड़ते हुए भी 'यमराज' आते हैं? पहले कभी नहीं देखा, तो अब देखिए!
Eagle hunting in kazakhstan snow
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22 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
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ये है कज़ाकिस्तान का कबायली इलाका, सारी दुनिया इसे बर्फ का सफेद कब्रिस्तान कहती है। जानते हैं क्यों? क्योंकि यहां बर्फ के सिवा कुछ नहीं होता, यहां ना पेड़ हैं, ना खेत। बर्फ की दो फीट की इस मोटी चादर के नीचे भी सिर्फ रेतीली ज़मीन है, शून्य से 20 डिग्री की हड्डियां जमा देने वाली इस सर्दी में यहां घास का एक तिनका भी नहीं होता। लेकिन फिर भी यहां इंसान रहते हैं। अपने बर्फ के इन साथियों के साथ, जिन्हें कोई उड़ता यमराज कहता है तो कोई इसे पंख वाला शैतान।
हालांकि असल में ये खूनी बाज ना हो तो बर्फ के मौसम यहां के लोग भूखे मर जाएंगे। इस बर्फीली पहाड़ी में ये दरअसल इंसान के दोस्त हैं। सारी दुनिया में इंसान अपने पालतू जानवरों और पक्षियों का पेट पालते हैं लेकिन ये बर्फ का कब्रिस्तान एक ऐसी जगह हैं जहां ये बाज इंसानों का पेट पालता है।
आप सोच रहे होंगे कि यहां रहने वाले इंसान खाते क्या होंगे? इस बर्फ में वो जानवरों का शिकार भी कैसे करते होंगे? इन सारे सवालों का जवाब है ये बेजुबान लेकिन बेहद खूंखार बाज। ये बाज ना सिर्फ इंसानों का पेट भरते हैं, बल्कि उनके सबसे भरोसेमंद साथी भी हैं। बर्फ के मौसम में इंसान घोड़े पर बैठकर खाने की तलाश में निकलते हैं और ये बाज अपने मालिक के हाथ पर। एक बार ये अपने शिकार तो दबोच लेते हैं तो फिर वो भले इनसे भारी भरकम ही क्यों ना हो खुद को छुड़ा नहीं सकता है, उसका अंजाम मौत ही होता है। भले ये शिकार लोमड़ी हो, बकरी हो, या भैंस हो।जैसे ही शिकार पूरा होता है इनके मालिक घोड़े पर बैठ कर शिकार लेने के लिए आ जाते हैं। कभी कभी ये बाज़ शिकार हो खुद अकेले ही खाने की ज़िद करने लगते हैं लेकिन इनके मालिकों के पास उसे काबू करने के तरीके हैं जिससे वो इन्हें ऐसा करने से रोक देते हैं। आखिरकार उसे मानना ही पड़ता है। दरअसल मालिक हो या बाज, ये शिकार ही इस इलाके में इन्हे ज़िंदा रख सकता है। बर्फीली ठंड में यहां के कबायली लोग इसी तरह बाज के ज़रिए शिकार करके अपना पेट भरते हैं, अगर ये बाज ना हो तो यहां के लोग भूखे मर जाएं।
जैसे ही शिकार पूरा होता है इनके मालिक घोड़े पर बैठ कर शिकार लेने के लिए आ जाते हैं। कभी कभी ये बाज़ शिकार हो खुद अकेले ही खाने की ज़िद करने लगते हैं लेकिन इनके मालिकों के पास उसे काबू करने के तरीके हैं जिससे वो इन्हें ऐसा करने से रोक देते हैं। आखिरकार उसे मानना ही पड़ता है। दरअसल मालिक हो या बाज, ये शिकार ही इस इलाके में इन्हे ज़िंदा रख सकता है। बर्फीली ठंड में यहां के कबायली लोग इसी तरह बाज के ज़रिए शिकार करके अपना पेट भरते हैं, अगर ये बाज ना हो तो यहां के लोग भूखे मर जाएं।
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