100 करोड़ के फ्रॉड में BSF का Ex कुक हो गया बुक, इस नायाब तरीके से लगाता था लोगों को चूना

100 Carore Fraud: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने 100 करोड़ की ठगी के मामले में Border Security Force के एक पूर्व कुक (Ex Cook) को बुक किया है। पुलिस को इसकी कई महीनों से तलाश थी।

CrimeTak

29 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:23 PM)

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100 Carore Fraud:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने बीएसएफ (BSF) के एक पूर्व रसोइए (Ex Cook) को गिरफ्तार किया है। पुलिस की मुताबिक पकड़ में आये ओमा राम ने महज कुछ ही दिनों पहले बीएसएफ इसलिए छोड़ दी थी कि वो अमीर बनना चाह रहा था। अमीर बनने के लिए उसने ठगी (Fraud) का रास्ता चुना और 100 करोड़ की ठगी को अंजाम देकर फरार हो गया था।

2008 से 2011 के बीच दर्ज हुए 49 मामलों में राजस्थान पुलिस को ओमा राम की तलाश थी। आरोपी को 46 मामलों में भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। लेकिन ये शातिर पुलिस को चकमा देने के लिए न सिर्फ अपना नाम बार बार बदल रहा था बल्कि शहर भी बदल रहा था। दिल्ली पुलिस ने 6 महीने की कोशिश के बाद ओमा राम को गिरफ्तार किया।

Fraud News: राजस्थान के जोधपुर का रहने वाले ओमा राम को 2004 में बीएसएफ में कुक की नौकरी मिली थी। लेकिन 2 साल बाद ही ओमा राम ने ये नौकरी छोड़ दी क्योंकि उसे अमीर बनना था वो भी जल्दी। नौकरी छोड़ने के बाद ओमा राम ने 2007 में अपनी सिक्योरिटी कंपनी शुरू की, 60 लोगो को भर्ती किया फिर इस कंपनी को इसने एक्स सर्विसमैन राकेश मोहन को बेच दिया।

इसके बाद 2007 में ही इसने एक एमएलएम कंपनी में एजेंट की नौकरी शुरू की 2 साल ओमाराम ने यहां नौकरी की और करीब डेढ़ करोड़ कमाने के बाद उसने यहां की नौकरी छोड़ दी, और 2009 में ओमा राम ने एक अपनी लिमिटेड कंपनी खोली और खुद मैनेजिंग डायरेक्टर बना।

कंपनी ने 400 लोगो को मेम्बर बनाया। कर्मचारियों को मेंबर बनाने पर उन्हें रिटर्न्स में एक 400 रुपये का सफारी सूट मिलता था। इसके अलावा कमिशन के लिए हर मेम्बर को 10 मेम्बर बनवाने पड़ते थे। लगातार 1 साल तक हर महीने 2 लाख का बिज़नेस देने वाले को एक साल बाद बाइक दी जाती थी इनाम में। इस तरह से हजारों लोग इस कंपनी में मेम्बर बन गए और करीब 100 करोड़ की कम्पनी ने लोगों को चूना लगाया। इसके बाद कंपनी ने लोगो को कमीशन देना भी बन्द कर दिया।

100 Carore Fraud: 2011 में कंपनी के खिलाफ कई क्रिमिनल केस राजस्थान में दर्ज हो गए। इसके बाद ओमा राम वहां से फरार हो गया। और इंदौर पहुँच गया और वहां उसने कोऑपरेटिव सोसाइटी का लाइसेंस ले लिया। ओमा राम वहां राम मारवाड़ी के नाम से रहने लगा। इंदौर में कई व्यापार में नुकसान उठाने के बाद ओमा राम दिल्ली आ गया।

यहां उसने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया। फिर 2018 में इसने कैश बैक बाजार के नाम से ग्रोसरी स्टोर खोला। लेकिन इसमें भी इसे नुकसान हुआ। 2020 में इसके खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज हुई जिसमें ये गिरफ्तार हुआ राम मारवाड़ी के नाम से।

इसके बाद 2021 में इसने के कॉमर्स प्लेटफार्म बनाया। और इंदौर शिफ्ट ही गया। इस प्लेटफार्म को बनाने के पीछे इसकी साजिश थी फिर से लोगो को अपने ठगी का शिकार बनाना। इस दौरान दिल्ली पुलिस को इसके ठगी की जानकारी मिल गई और फिर पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।

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