ऑस्ट्रिया का इन्सब्रुक शहर, यहां पर 89 साल की एक महिला रहा करती थी। महिला अपने 66 साल के बेटे के साथ रहती थी। हर महीने उसे सरकार की तरफ से पेंशन मिला करती थी जिससे घर का खर्चा चला करता था। 66 साल का बेटा कुछ नहीं करता था और वो अपनी मां की पेंशन पर ही अपनी ज़िंदगी गुजार रहा था।
पेंशन के लिए मां को बना डाला ममी एक बेटे की करतूत से हिल जाएंगे आप!
Austrian man hid mother’s body in cellar to draw pension
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11 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
हर महीने पोस्टमैन महिला की पेंशन उसे देने आता था। कई साल से एक ही पोस्टमैन ये काम कर रहा था और वो महिला और उसके बेटे को अच्छी तरह से जानता था। इस पोस्टमैन का तबादला कर दिया गया और इसकी जगह डाक और पेंशन पहुंचाने का काम एक नए पोस्टमैन को सौंप दिया गया।
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नए पोस्टमैन ने भी महिला की पेंशन उस तक पहुंचाई लेकिन वो एक बार पेंशन पाने वाले को देखकर वेरिफिकेशन करना चाहता था। महिला के 66 साल के बेटे ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब है और वो अस्पताल में भर्ती हैं । जब वो अस्पताल से आ जाएंगी तो पोस्टमैन उनसे बात कर सकता है। पोस्टमैन बात मान जाता है और चला जाता है।
लगभग एक महीने बाद पोस्टमैन फिर लौटा और उसने वेरिफिकेशन के लिए बुजुर्ग महिला से मुलाकात कराने के लिए कहा लेकिन इस बार भी बेटे ने बताया कि मां अभी अस्पताल में है। इस पर पोस्टमैन ने उससे ज्यादा पूछताछ की तो बेटा साफ जवाब नहीं दे पाया। पोस्टमैन को दाल में कुछ काला लगा और उसने इसकी शिकायत अपने सीनियर अधिकारियों से कर दी।
अधिकारियों ने भी अपने स्तर पर पता लगाया तो आसपड़ोस के लोगों ने बताया कि उस बुजुर्ग महिला को तो लगभग किसी ने एक साल से नहीं देखा है। इस पर मामले की जानकारी पुलिस को दी गई और जब पुलिस ने घर की तलाशी ली तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। बुजुर्ग महिला अब चंद हड्डियों का ढांचा रह गई थी। उस पर किसी बदबूदार चीज से लेप किया गया था।
पूछताछ करने पर बेटे ने बताया कि बुजुर्ग महिला की मौत जून 2020 में हो गई थी और तब से वो उसकी लाश तहखाने में छिपाए बैठा है ताकि उसकी मां को मिलने वाली पेंशन बंद ना हो। पुलिस ने और पूछताछ की कैसे उसने सड़ने वाली लाश से उठने वाली बदबू को दबाया।
बेटे ने बताया कि मां की मौत के बाद वो उसकी लाश को तहखाने में लेकर गया। उसने लाश को एक लोहे के बक्से में रखा और वो उस पर आइसपैक्स रखता था ताकि लाश को सड़ने से रोका जा सके । दिन बीतने के साथ ही लाश से तरल पदार्थ निकलना शुरु हो गया तो बेटे ने पूरी लाश को बैंडेज में लपेटकर ममी नुमा बना दिया।
वो लगातार लाश पर बैंडेज लपेटता था और आइसपैक्स रखता था लेकिन जब उसके पास इन सब चीजों को बाजार से खरीदने के पैसे खत्म हो गए तो उसने इलाके की बिल्लियों के मल को इकट्ठा करना शुरु किया और वो बैंडेज पर बिल्लियों का मल लगाया करता था ताकि लाश से उठने वाली बदबू को रोक सके।
उसने लाश पर इतना मल लगाया कि पूरी लाश उससे ढक गई और मल सूख जाने के बाद वो एक ममी की तरह से बन गई। इसी बीच जब उसका भाई मां के हालचाल पूछने आया तो इसने बताया कि मां अस्पाल में भर्ती हैं और वहां पर उनसे किसी को मिलने की इजाजत नहीं है।
भाई ने तो बात मान ली लेकिन पोस्टमैन ने 66 साल के इस बेटे की बात नहीं मानी और ये हिला देने वाली घटना सबके सामने आई। बुजुर्ग महिला को सरकार की तरफ से पेंशन के तौर पर हर महीने पांच हजार यूरो के आसपास मिला करते थे जिससे वो अपना खर्चा चलाया करता था।
उसने पुलिस को ये भी बताया कि उसने अपनी मां को ममी में इस वजह से तब्दील कर दिया क्योंकि उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। पुलिस ये भी पता कर रही है कि कहीं बेटे ने ही तो अपनी मां का क़त्ल तो नहीं कर दिया। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इसे नकार रही है।
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