छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की ये कहानी वाकई में अविश्वसनीय और अकल्पनीय है। यहां पर एक आदमी ने 17 साल बाद अपना जुर्म कबूला जिस गुनाह को उसने 17 साल पहले अंजाम दिया था। जानते हैं किस वजह से क्योंकि मरने वाले का भूत पिछले दो महीने से उसे बेहद परेशान कर रहा था।
17 साल पहले किया था क़त्ल, 17 साल बाद मृतक की आत्मा ने किया परेशान तो कबूला पुलिस के सामने जुर्म
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से आयी एक अजीबोग़रीब ख़बर, 17 साल पहले किये क़त्ल को मृतक के भूत से परेशान होकर पुलिस के सामने कबूला, पढ़े crime news in Hindi, crime news today, photos and videos on Crime Tak.
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04 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
उस भूत से छुटकारा पाने के लिए उसने ना जाने कितने तांत्रिक और ओझाओं के चक्कर लगाए लेकिन मरने वाला हर रात उसके सपने में आकर उसे डराता था। उसकी रातों की नींद गायब हो चुकी थी। उसे लगा कि इस भूत से छुटकारा पाने का एक ही रास्ता है कि वो अपना जुर्म कबूल कर पश्चाताप करे।
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ये मामला बालोद जिले के करकाभाठ गांव का है। यहां के रहने वाले एक शख्स टीकम राम कोलियारा ने फरवरी 2003 में अपने दोस्त छबेश्वर गोयल का कत्ल कर दिया था और उसकी लाश को जंगल में ठिकाने लगा दिया था। सबकुछ ठीक चल रहा था कि अचानक दो महीने से छबेश्वर गोयल के भूत ने टीकम को परेशान करना शुरु कर दिया।
क्यों किया था अपने दोस्त का क़त्ल ?
टीकम के मुताबिक वो और छबेश्वर गोयल बेहद अच्छे दोस्त थे। दोनों में अच्छी पटती थी। टीकम का उस वक्त एक लड़की से अफेयर चल रहा था। वो लड़की अब टीकम की पत्नी है। टीकम की प्रेमिका ने उसको बताया कि छबेश्वर उसे बहुत परेशान करता है। उसने पहले तो ध्यान नहीं दिया और उसको लगा कि वक्त के साथ सबकुछ ठीक हो जाएगा।
हालांकि टीकम की प्रेमिका की शिकायतें बढ़ने लगीं जिसकी वजह से टीकम ने छबेश्वर को सबक सिखाने की ठान लगी। फरवरी 2003 में टीकम अपने दोस्त को लेकर जंगली इलाके में गया। उसने छबेश्वर को कुछ खाने को दिया जिसमें उसने बेहोशी की दवाई मिला रखी थी। जैसे ही छबेश्वर बेहोश हुआ टीकम ने उसके सिर पर रॉड से वार कर उसे मौत के घाट उतार डाला।
छबेश्वर को मारने के बाद उसने जंगल में गड्डा खोद उसे दफन कर दिया। अपने घर वापस आने के बाद उसने छबेश्वर के परिवार को छबेश्वर बनकर फोन किया और ये बताया कि वो नौकरी करने किसी दूसरे राज्य में जा रहा है और वो कभी भी घर वापस लौटकर नहीं आएगा। ना जाने क्यों छबेश्वर के परिवार ने भी ये बात मान ली और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं कराई।
आत्मा की वजह से कबूला जुर्म
टीकम ने सबसे पहले ये बात अपने परिवार को बताई कि उसने 17 साल पहले अपने दोस्त छबेश्वर का कत्ल कर दिया था। परिवार बात मानने के लिए तैयार नहीं था लेकिन छबेश्वर परिवार के सामने अड़ा हुआ था कि उसी ने अपने दोस्त को मौत के घाट उतारा है। परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस ने छबेश्वर को अपनी हिरासत में ले लिया।
टीकम ने पुलिस को बताया कि सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन दो महीने से उसके दोस्त छबेश्वर की आत्मा उसे बहुत ज्यादा परेशान कर रही है। उसने कई तांत्रिकों से संपर्क किया लेकिन कोई भी उसकी परेशान दूर नहीं कर सका। थकहार कर उसने तय किया कि वो पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल करेगा ताकि उसका छबेश्वर की आत्मा से पीछा छूट सके।
इस सूचना के बाद पुलिस ने भी तफ्तीश शुरु की, वो टीकम को उस जगह पर लेकर गए जहां पर उसने छबेश्वर को दफनाया था। हालांकि पांच घंटे खुदाई करने के बावजूद पुलिस को कुछ नहीं मिला। अब पुलिस गहरी खुदाई कर के छबेश्वर की लाश के अवशेषों की तलाश करेगी।
यहां पर सवाल ये है कि अगर छबेश्वर की लाश का कोई भी अवशेष पुलिस को नहीं मिला तो क्या टीकम की गिरफ्तारी होगी और क्या टीकम को इसके बाद छबेश्वर की आत्मा से छुटकारा मिल पाएगा।
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