देश में न्यायिक हिरासत में रोज़ाना 5 क़ैदियों की मौत हो रही है. पिछले एक साल में देशभर में कुल 1645 मौतें हुईं हैं. ये आंकड़े मार्च 2021 में सामने आया था. एक सवाल के जवाब में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने ये आंकड़े लोकसभा में पेश किए थे.
देश में रोज़ाना 5 क़ैदियों की हो जाती है मौत, यूपी में सबसे ज्यादा, पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर
on an average 5 deaths are happening in judicial custody daily in the india, UP has the highest, West Bengal is second crime news special gangster ankit gurjar
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06 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में सबसे ज्यादा न्यायिक हिरासत में मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं. उत्तर प्रदेश में एक साल के भीतर 395 मौतें हुईं. वहीं, यूपी में पुलिस हिरासत में 3 मौतें हुईं हैं. पुलिस हिरासत का मतलब ये होता है कि अगर किसी शख्स को शक के आधार पर पुलिस हिरासत में लेती है और कोर्ट में पेश करने से पहले ही उसकी मौत हो जाए. जबकि न्यायिक हिरासत में मौत का मतलब आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद चाहे वो जेल में रहे या फिर कोर्ट से जेल के बीच आने-जाने के दौरान उसकी जान चली जाए.
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यूपी में औसतन रोजाना न्यायिक हिरासत में एक मौत
ये आंकड़े बताते हैं कि यूपी में औसतन रोजाना 1 से ज्यादा न्यायिक हिरासत में मौतें हो रहीं हैं. दिल्ली में न्यायिक हिरासत में एक साल में कुल 37 मौतें हुईं हैं. वहीं, पुलिस हिरासत में एक साल में कुल 86 मौतें हुईं हैं. इनमें सबसे ज्यादा मौतें गुजरात में 15 हुईं. इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 11 और पश्चिम बंगाल में 8 मौतें हुईं. वहीं, यूपी में पुलिस कस्टडी में 3 मौतें हुईं हैं.
4 साल में 14 करोड़ का मुआवजा दिया गया
लोकसभा में जारी किए आंकड़ों से पता चलता है कि न्यायिक हिरासत में मौत की वजह से करीब 14 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. ये मुआवजा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पहल पर न्यायिक हिरासत में मृत लोगों के परिजनों को दिए गए. ये आंकड़े वर्ष 2017 से फरवरी 2021 यानी करीब 4 साल के हैं. वहीं, पुलिस हिरासत में हुई मौत के एवज में पिछले 4 वर्षों में कुल 4.77 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है.
दादर नागर हवेली में 4 वर्षों में 1 भी मौत नहीं
पिछले 4 वर्षों में भारत में दादर नागर हवेली में पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में एक भी मौत नहीं हुई. दादर नागर हवेली भारत का केंद्र शासित प्रदेश है. इसके बाद अंडमान निकोबर में 2018 और 2019 में एक-एक मौत हुईं. इनके अलावा सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में पिछले 4 वर्षों में 5 से ज्यादा ही मौतें हुईं हैं.
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