पुरानी Principal को घसीटकर कुर्सी से उतार फेंका और नई को बैठाकर बजाई ताली, ऐसा झगड़ा इससे पहले कभी नहीं देखा होगा, Video Viral

GOPAL SHUKLA

05 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 5 2024 2:18 PM)

Prayagraj Viral Video: प्रयागराज से एक बेहद ही दिलचस्प वीडियो सामने आया है। एक मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल रूम में बाकायदा पुरानी प्रिंसिपल को घसीटकर कुर्सी से उतार दिया और उसकी जगह नई प्रिंसिपल को बैठा दिया। लेकिन ये सारा किस्सा वहां के सीसीटीवी में कैद हुआ और फिर सोशल मीडिया में वायरल हो गया।

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Prayagraj, UP: कुर्सी के लिए जंग का किस्सा तो आपने कई बार देखा और सुना होगा, लेकिन जो किस्सा प्रयागराज से सामने आया, कुर्सी के लिए वैसी खींचतान शायद इससे पहले किसी ने नहीं देखी होगी। बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले जरा उस वीडियो पर एक नज़र डाल लीजिए जिसने सोशल मीडिया पर गदर काट रखा है। ये वीडियो है भी बड़ा रोचक। 

Principal Room में बवाल

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यहां एक कमरा है, जो असल में एक स्कूल का प्रिंसिपल रूम है। वहां एक महिला कुर्सी पर बैठी हुई है और उनके दोनों हाथों दो मोबाइल भी हैं। भद्र से दिखने वाली उस महिला के आस पास कुछ लोग भी हैं। ये सब उसी स्कूल के स्टाफ के लोग हैं जिस स्कूल का ये कमरा है। यहां एक दिखने में जेंटलमैन टाइप के एक सज्जन भी हैं, जो लिबास से तो जेंटलमैन हैं मगर हरकतें सड़कछाप जैसी। 

झगड़ा प्रिंसिपल की कुर्सी के कब्जे का

असल में ये एक मिशन स्कूल है। नाम है बिशप जॉनसन गर्ल्स हाई स्कूल (Bishop Johnson Girls High School)। ये स्कूल प्रयागराज के मिशन रोड कटरा पर है। इस स्कूल की प्रिंसिपल हैं पारूल सोलोमन जो यहां के बिशप पीटर बलदेव की बेटी भी हैं। अब हुआ ये कि मंगलवार की सुबह पारुल सोलोमन जब अपने चैंबर यानी प्रिंसिपल रूम में अपने पिता की कुर्सी पर बैठी हुई थीं तभी वहां कुछ लोग भीतर घुस आए। प्रिंसिपल के कमरे में जबरन घुसे हुए लोग असल में बिशप मॉरिस एडगर और उनके समर्थक हैं। और मॉरिस एडगर ने बिशप पीटर बलदेव को उनके पद से हटाकर अपना दावा ठोंका और स्कूल के प्रिंसिपल का चार्ज जबरन संभाल लिया। और बस इसी चार्ज लेने और न देने का ये सारा झमेला प्रिंसिपल रूम के सीसीटीवी में कैद हो गया। मगर इस रूम में जो कुछ कैमरे में कैद हुआ वो बेहद दिलचस्प है। 

पुरानी प्रिंसिपल से छीना झपटी

सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक काला कोट पहने वकीलनुमा एक शख्स, जो काफी बड़ी उम्र का भी है, वो सबसे पहले कुर्सी पर बैठी पारूल सोलोमन के पास जाता है और उनका मोबाइल छीनने और उन्हें कुर्सी से उठकर वहां से जाने को कहता है। इसी बीच वहां बिशप मॉरिस एडगर भी पहुँच जाते हैं और प्रिंसिपल की टेबल के पास की एक कुर्सी पर बैठ जाते हैं। इस झंझट के बावजूद  पारुल मैडम न तो कुर्सी से उठती हैं और न ही मोबाइल छोड़ती हैं। तभी वहां वकील साहब की मदद के लिए एक और महिला पारूल सोलोमन के पास पहुँचती हैं। और वो हाथ पकड़कर पारूल के कुर्सी से उठाने लगती है साथ ही उसका मोबाइल भी छीनने की कोशिश करती है। दोनों में अच्छी खासी जद्दोजहद होती है, प्रिंसिपल साहिबा बार बार डोंट डू डोंट डू चिल्लाती हैं। अब वो अधेड़ उम्र वाले वकील  साबह भी इस झंझट में कूद ही पड़ते हैं। अब वकील साहब और उनके साथ वाली महिला प्रिंसिपल के दोनों मोबाइल छीनने में लग जाते हैं। 

नए किरदार की एंट्री

वहां नीली टी शर्ट पहने एक और गुंडे नुमा शख्स खड़ा है जो बार बार बता रहा है कि ऐसे करो ऐसे करो। थोड़ी सी जद्दोजहद के बाद वकील और उसकी महिला सहयोगी प्रिंसिपल से उनके मोबाइल छीन लेते हैं। और फिर दोनों वहां से अलग हो जाते हैं। तमाम चिल्ल पौ के बीच सीन में एक और किरदार की एंट्री होती है। सफेद शर्ट पहने वो शख्स मोबाइल पर किसी से बात करता है लेकिन कमरे में अब क्या करना है ये सब वो तय करता है। वो किसी को हाथ के इशारे से अपने पास बुलाता है तभी लाल शर्ट वाला सामने की टेबल को थोड़ा और दूर सरकाने की कोशिश करता है। उस सफेद शर्ट वाले के इशारे से बुलाने पर दो महिलाएं आगे बढ़ती हैं, और देखते ही देखते प्रिंसिपल को कुर्सी समेत वहां से धकेलने की कोशिश में लग जाते हैं। इधर वकील साहब भी हाथ लगाकर कुर्सी को बाहर करने में लग जाते हैं। कमरे के दरवाजे के नजदीक खड़ी कुछ महिलाएं भी कुर्सी को खींचती हैं और कुर्सी को पीछे से वकील साहब धक्का देने लगते हैं। गिरने के डर से आखिरकार दरवाजे के पास पहुँचकर प्रिंसिपल पारुल को उठना ही पड़ता है यानी उनकी कुर्सी छूट जाती है। 

नई प्रिंसिपल के लिए लगाई कुर्सी

प्रिंसिपल को कुर्सी से उठाने के बाद एक महिला घसीटकर उसी कुर्सी को वापस उसकी जगह पर रखती है और आवाज देकर उन्हें बुलाया जाता है जिन्हें इस प्रिंसिपल की कुर्सी पर बिठाने की सारी जद्दोजहद की जा रही थी। अब एक बार फिर वही साहब अपनी कुर्सी से उठते हैं जो अभी तक किसी दूसरी कुर्सी पर बैठकर तमाशबीन थे, वो सीन में एंट्री करते हैं और कुर्सी के नजदीक पहुँच जाते हैं। वो किसी संत के समान हाथ के इशारे से सबको शांत रहने को कहते हैं। असल में उनकी नसीहत उसी पारूल सोलोमन को ही थीं जो अभी तक इस कुर्सी पर बिराजमान थीं।  

नई प्रिंसिपल बैठी बजी ताली

अब वो सबको ज्ञान देने के बाद उस किरदार को सीन में एंट्री करवाते हैं जिसे इस कुर्सी पर बैठना था। एक अधेड़ उम्र की महिला वहां आती हैं। कुर्सी के पास खड़ी होती हैं और फिर बड़ी ही सहजता से वो बैठ जाती हैं और वहां कमरें में मौजूद तमाम लोग ताली बजाने लगते हैं सिवाय एक को छोड़कर, जाहिर पारूल सोलोमन को छोड़कर। इसके बाद वहां नई प्रिंसिपल कुर्सी पर बैठ जाती हैं और पुरानी प्रिंसिपल उनके सामने खड़े होकर सारे लोगों के लेक्चर सुनती हैं।

मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है

असल में इस झगड़े की शुरुआत तब हुई जब हाल ही में बिशप पीटर बलदेव को उनके पद से हटा दिया गया और उनकी जगह बिशप मॉरिस एडगर दान ने चार्ज संभाला। हालांकि, यह मुद्दा अब इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है। इसके बावजूद डॉयोसिस ऑफ लखनऊ से जुड़े अलग अलग कान्वेंट स्कूलों और कॉलेजों की प्रशासनिक जिम्मेदारी को लेकर भी गहरा असमंजस बना हुआ है।

सब कुछ CCTV में कैद

मगर यहां प्रयागराज के स्कूल में जो कुर्सी को लेकर बवाल हुआ वो सब कुछ वहां के सीसीटीवी में कैद हो गया। हंगामा करने वाले लोगों में एलन दान, मॉरिस दान, विनीता इसुबियस, संजीत पाल, विशाल नॉवेल सिंह, आरके सिंह, अरुण मोजेज, तनु व्यास, अभिषेक व्यास और कुछ अज्ञात लोग थे। पारुल सोलोमन के पति सुमित ने पुलिस कमिश्नर को वीडियो और दूसरे सबूत सौंपे हैं। उनका कहना है कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तो इस तरह जबरन कब्जा करना गैरकानूनी है। उन्होंने इस घटना की जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है।

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