हाथरस के फुलरई गांव में हादसे से चंद मिनट पहले ही बाबा का काफिला निकला था। खबर मिली थी कि बाबा अपने मैनपुरी के बिछवा आश्रम की तरफ गया। खबर कसनफर्म थी। कि बाबा आश्रम के भीतर गया है। हादसे की खबर के फैलते ही पीछा करते हुए पुलिस और मीडिया की टीमें भी मैनपुरी के बिछवा आश्रम तक जा पहुँची। वहां जाकर पुलिस आश्रम के बाहर ही ठिठक गई। सवाल ये है कि पुलिस अंदर क्यों नहीं गई? अगर बाबा को गिरफ्तार भी नहीं करना था, तो उससे हादसे के बारे में पूछताछ तो सकती थी? मगर पुलिस इन सारे कामों को छोड़कर बस आश्रम के बाहर पहरा देती दिखाई दी।