जिस वक़्त हादसा हुआ हरेक की जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर ये हादसा जहां हुआ वो कौन से संत महात्मा थे जिनका प्रवचन सुनने के बाद लोग उनकी चरण धूलि पाने के लिए लालायित हो गए, जिसने भगदड़ की शक्ल अख्तियार कर ली? हर कोई ये जानने को बेताब था कि वो पहुँचे हुए महात्मा कौन हैं जिनकी कृपा पाने के लिए लोगों ने उनके कदमों में अपनी जान की बाजी लगा दी। सबसे हैरानी की बात ये है कि हादसे के बाद से ही वो बाबा भोले न जाने कहां फरार हो गए जिनकी चरण धूलि पाने के लिए लोगों की जान निकल गई।