बाबा साकार विश्व हरि की बडी बहन सोनकली के मुताबिक उनका भाई सूरजपाल सिंह पुलिस में नौकरी करता था, लेकिन नौकरी के दौरान ही वह पागलों जैसी हरकत करने लगा था। वो ये साबित करने पर तुल गया था कि उस पर कोई ऊपरी शक्ति चमत्कार दिखाने लगी है। इसी पागलपन के दौरान वह दीवारों में सिर पटकने लगा था। सोनकली को न तो अपनी उम्र के बारे में पता है और न ही वो ये बता सकीं कि सूरजपाल की उम्र क्या है। सोनकली पढ़ी लिखी भी नहीं हैं। लेकिन उन्हें ये बात अच्छी तरह से याद है कि जिन दिनों उनका भाई नौकरी में था तभी उसकी हरकतें पागलों जैसी हो गई थी लिहाजा वो नौकरी छोड़कर दैवीय शक्ति को हासिल करने में लग गया। वो सब काम धाम छोड़कर भगवान की साधना और पूजा पाठ में लग गया। सोनकली के मुताबिक उसने तभी तय कर लिया था कि उसे भोले बाबा बनना है। सोनकली का दावा है कि उन्होंने अपनी आंखों के कई करतब देखे हैं।