SIT ने हाथरस दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है। जांच रिपोर्ट से ये भी खुलासा हुआ है कि इस घटना के पीछे साजिश भी हो सकती है। इसके लिए गहन जांच की जरूरत पर बल दिया गया है। बड़ी तादाद में लोगों को बुला कर भीड़ को नियंत्रित (Crowd Management) करने के माकूल इंतजाम नहीं किये गये थे। जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि आयोजन से पहले आयोजकों ने प्रशासन के पास किये आवेदन में 80 हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा होने की बात कही थी लेकिन मौके पर तीन गुना से ज्यादा यानी ढाई लाख लोग मौजूद थे। SIT ने निष्कर्ष में कहा कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। इसके साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भी जरूरी जानकारी नहीं दी गई। आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन (Police Verfication) के जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे भी बदइंतजामी फैली। एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों के बयान लिये गए, जिसमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता और चश्मदीदों के बयान भी शामिल थे।