19 साल की बेटी ने मां के पैरों के नीचे से कुर्सी खींच दे दी फांसी, इसलिए मिली थी सज़ा-ए-मौत

Iran Death penalty: ईरान में एक महिला को उसकी बेटी ने ही फांसी (Execution) की सज़ा दी। महिला को अपने पति (Husband) की हत्या (Murder) करने के जुर्म में ईरान के क़ानून के तहत फांसी की सज़ा दी गई थी।

CrimeTak

31 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:25 PM)

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Iran Death Penalty : ईरान में पुलिस (Police) की चार्जशीट के मुताबिक क़त्ल (Murder) की इस वारदात में मरियम के इस जुर्म में उसके पिता भी बराबर के साझीदार थे। सबसे हैरानी की बात ये है कि मरियम के पिता को भी ईरान की अदालत (Court) ने फांसी की सज़ा सुनाई थी लेकिन फांसी पर चढ़ाने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

इस क़िस्से में सबसे हैरान करने वाला पहलू ये है कि जिस बेटी ने अपनी मां की फांसी का फंदा खींचा उसे 13 साल की उम्र तक यही पता नहीं था कि उसकी माता पिता हैं भी या नहीं। वो खुद को अनाथ मान रही थी, क्योंकि 6 साल की उम्र से वो अपने दादा दादी के साथ रह रही थी। और इस दौरान उसे कभी भी उसके दादा दादी ने नहीं बताया कि उसके माता पिता कहां हैं और उनके साथ क्या हुआ।

ईरान की समाचार एजेंसी वायर के मुताबिक मरियम को जब फांसी पर चढ़ाया जा रहा था तब उसे बुर्के में फांसी के तख्ते तक लाया गया। फांसी के तख़्ते पर चढ़ाने के लिए उसे एक कुर्सी पर खड़ा किया गया। उसके बाद जल्लाद ने मरियम के गले में फांसी का फंदा लगा दिया। इसके बाद मरियम की बेटी से कहा गया कि वो पैर मारकर उस कुर्सी को धक्का दे दे जिस पर मरियम के पैर टिके हुए थे। मरियम की बेटी ऐसा करने से हिचक रही थी, लेकिन जेल प्रशासन के दबाव में आकर उसे ऐसा करना पड़ा।

Iran Death Penalty : मरियम आखिर फांसी के फंदे तक कैसे पहुँची। क़िस्सा साल 2009 का है जब शादी के बाद मरियम और उसका पति साथ रह रहे थे। लेकिन मरियम का पति उस पर लगातार जुल्म ढाता रहा। मरियम के साथ मारपीट करने के साथ साथ वो उसे भूखा भी रखता था। इसी बीच मरियम के पिता ने अपना दामाद को समझाने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बनी बल्कि उसका जुल्म हर रोज बढ़ता ही चला गया।

तब मरियम ने उससे तलाक लेने की बात कही लेकिन मरियम के पति ने उसे तलाक देने को राजी नहीं हुआ। जुल्म सितम से परेशान मरियम ने आखिरकार एक कड़ा और बड़ा फैसला कर लिया। उसने अपने पिता से अपने पति को मारने का इरादा ज़ाहिर किया और वारदात को अंजाम देने का पूरा प्लान बनाया। उस वक़्त मरियम की बेटी 6 साल की थी।

पति को मौत के घाट उतारने के बाद उसने भागने की कोई कोशिश नहीं की। ईरान की पुलिस ने हत्या के जुर्म में मरियम और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया। शरिया कानून के मुताबिक हत्या के जुर्म के लिए ईरान में मौत की ही सज़ा है। लिहाजा मरियम और उसके पिता को फांसी की सज़ा दे दी गई।

Iran Death Penalty: पिछले साल यानी 22 फरवरी 2021 को मरियम और उसके पिता को उस जेल में ट्रांसफर किया गया जहां उन्हें फांसी दी जानी थी। असल में ईरान में एक क़ानून ये है कि जिस शख्स की हत्या हुई है उसके रिश्तेदारों से पूछा जाता है कि क़ातिल को क्या सज़ा दी जानी चाहिए।

इसे ही ईरान में किसास भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है आंख के बदले आंख और खून का बदला खून। इसके अलावा ईरान दूसरे अरब मुल्कों की तर्ज पर ब्लड मनी का भी चलन है। इसका मतलब ये होता है कि हत्या किए गए इंसान के परिवार या रिश्तेदार क़ातिल या उसके परिवार से एक तय रकम की मांग करते हैं अगर वो रकम उन्हें अदा कर दी जाती है तो उसे माफी मिल जाती है।

अरब मुल्कों में एक और भी क़ानून है जिसका मतलब होता है माफी। यानी मारे गए इंसान के घरवाले चाहें तो दोषी को बिना शर्त माफी देकर रिहा भी कर सकते हैं। लेकिन मरियम के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

हालांकि अभी तक ये तय नहीं हो सका कि फांसी वाली जेल में ट्रांसफर किए जाने के बाद फांसी दिए जाने में इतना वक़्त कैसे लग गया इसके बारे में कोई खुलासा सामने नहीं आया है।

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