हापुड़ के SP और ASP को हटाने की असल वजह आई सामने! क्यों अस्पताल भेजी थी पूरी बटालियन?

Hapur IPS Abhishek Verma Removed: हापुड़ के एक SP और ASP का ट्रांसफर चर्चा का विषय बना हुआ है। 

CrimeTak

• 08:27 PM • 17 Jul 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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हापुड़ के एसपी और एएसपी हटाए गए

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अस्पताल में आई पुलिस फोर्स पर बवाल

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अस्पताल के डायरेक्टर और एसपी में ठनी

देवेंद्र शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Hapur IPS Abhishek Verma Removed: हापुड़ के एक SP और ASP का ट्रांसफर इन दिनों पूरे यूपी में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई पूछ रहा है कि आखिर एक अस्पताल में मामूली सी शिकायत को निपटाने का मामला इतना तूल कैसे पकड़ गया कि एक एसपी और एएसपी को हटा दिया गया। वो भी तब जब दोनों अधिकारियों को लेकर IG और ADG स्तर की जांच की गई। सवाल ये भी है कि एक छोटे से मामले को लेकर एसपी ने अस्पताल के अंदर पूरी की पूरी पुलिस बटालियन क्यों भेज दी? 

 

आइये आपको पूरा मामला बताते हैं। हापुड़ के एसपी अभिषेक वर्मा 2016 बैच के IPS अफसर हैं। उनकी गिनती सूबे के अच्छे अधिकारियों में होती है। दरअसल हुआ यूं कि बिजनौर के चांदपुर निवासी जुबैदा हापुड़ के रामा मेडिकल कॉलेज में एडमिट थीं। उनकी कमर के निचले हिस्से ने कुछ दिन पहले काम करना बंद कर दिया था। बेटे जावेद ने इसी के इलाज के लिये जुबैदा को 25 जून को रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद उन्हें रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर बताया। 13 दिन पहले ऑपरेशन करके ट्यूमर को निकाल भी दिया। मगर ऑपरेशन के बावजूद मरीज के जख्म से लगातार खून रिस रहा था। जुबैदा अभी भी अस्पताल में ही भर्ती थीं और डॉक्टर उन्हें 15 यूनिट खून चढ़ा चुके थे। मगर ये परेशानी तब भी जस की तस थी। जावेद का आरोप है कि इसी से परेशान होकर उसने डॉक्टरों से मां की मेडिकल रिपोर्ट मांगीं और उन्हें डिस्चार्ज कर देने को कहा, मगर अस्पताल ने रिपोर्ट देना तो दूर मरीज को डिस्चार्ज करने से ही मना कर दिया। ऐसे में तंग आकर जावेद ने पुलिस को कॉल कर दिया। 

FORMER SP ABHISHEK VERMA

स्टाफ ने की थी सब-इंस्पेक्टर के साथ बदसलूकी - पुलिस

जावेद की शिकायत पर डायल-112 की गाड़ी मंगलवार रात कॉलेज पहुंची। फिर क्या था पुलिस और स्टाफ में तू-तू मैं-मैं हो गई। एक तरफ पुलिस की ठसक और दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर का जलवा। जब डायल-112 के स्टाफ से सिचुएशन हैंडल नहीं हुई तो स्थानीय पुलिस को मौके पर बुलाया गया। हालात का जायजा लेने मौके पर चौकी इंजार्ज मनोज सिंह पहुंचे। मनोज सिंह ने कंपलेंट का हवाला देकर कॉलेज के डायरेक्टर को बुलाने के लिये कहा। जबकि स्टाफ कह रहा था कि ये मामला डायरेक्टर के स्तर का नहीं है और इसके लिये ऑन ड्यूटी डॉक्टर ही काफी हैं। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ गई। इस बीच आरोप ये भी है कि चौकी इंचार्ज के साथ कॉलेज के जीएम अनूप अहलूवालिया ने बदसलूकी की। कहा सुनी इतनी बढ़ गई कि स्टाफ को फोन कर डायरेक्टर को बुलाना पड़ा। डायरेक्टर साहब आखिरकार कॉलेज पहुंच गए मगर उनको ये बात ठीक नहीं लगी कि सब-इंस्पेक्टर रैंक का पुलिस अधिकारी उनसे पूछताछ करना चाहता है। 

कॉलेज स्टाफ ने उल्टा पुलिस पर लगाया बदसलूकी का आरोप

जब चौकी इंचार्ज से परिस्थिति नहीं संभली तो उन्होंने सारी बात इंस्पेक्टर को बताई। पिलखुवा थाने के इंस्पेक्टर प्रभाकर कैंथुरा भी मौके पर पहुंच गए। आरोप है कि उनके साथ भी बदसलूकी हुई। हालांकि कालेज स्टाफ का आरोप है कि पुलिसवाले उल्टा अस्पताल के स्टाफ से बदसलूकी कर रहे थे। इंस्पेक्टर ने सारी बात एएसपी और एसपी को बताई। जिसके बाद एसपी अभिषेक वर्मा ने पुलिसवालों से बदसलूकी करने वाले अस्पताल स्टाफ और उनकी प्राइवेट सिक्योरिटी को संभालने के लिये भारी पुलिस फोर्स मौके पर भेज दिया। 

अस्पताल में क्यों भेजी इतनी फोर्स?

अस्पताल के अंदर 30 से 40 पुलिसवाले पहुंच गए। एक वायरल वीडियो में 30 से 40 पुलिसवाले अस्पताल के अंदर घुसते नजर आ रहे हैं। शुरुआती तौर पर ये माना गया कि इतने पुलिसवालों को अस्पताल भेजने की जरूरत नहीं थी। खबर है कि इसी बात को लेकर सीनियर अधिकारी भी नाराज हुए। उन्हें ये मामला पुलिस की ताकत के बेजा इस्तेमाल का लगा। इसी वजह से आईपीएस अधिकारी का ट्रांस्फर कर दिया गया। हालांकि एक धड़ा ये भी मान रहा है कि पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के चलते एसपी ने ये कदम उठाया। मगर दूसरी ओर कुछ अधिकारियों का तर्क ये भी है कि ऐसे हालात को एसपी दूसरे तरीके से हैंडल कर सकते थे। बहरहाल इसी बीच अस्पताल के डायरेक्टर ने सरकार के सबसे आला अधिकारियों को लखनऊ फोन मिला दिया। ऊपर से आए आदेश के बाद मामला इतना बढ़ गया कि मौके पर मेरठ रेंज के ADG डी के ठाकुर और IG नचिकेता झा को पहुंचना पड़ा। 

इसके बाद मामले की जांच हुई और जांच में शुरुआती तौर पर एसपी और एएसपी की गलती मानी गई। बस इसी घटनाक्रम के करीब एक घंटे बाद शासन स्तर से अधिकारियों की सिफारिश पर SP अभिषेक वर्मा और ASP राजकुमार का ट्रांस्फर कर दिया गया। दोनों अफसरों को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। इसके थोड़ी ही देर बाद गाजियाबाद के DCP (सिटी) ज्ञानंजय सिंह को हापुड़ का नया SP बनाया गया, जब कि PAC में तैनात विनीत भटनागर को हापुड़ का एडिशनल एसपी बनाया गया है।

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