Aryan Khan Drug Case: शाहरुख खान के बेटे आर्यन को जेल से बाहर लाने के लिए अब तीसरे दिग्गज वकील की एंट्री हुई है. आर्यन को जमानत दिलाने की पहली कोशिश मशहुर वकील सतीश मानशिंदे ने की थी. फिर, अमित देसाई ने भी कोर्ट के सामने आर्यन का बचाव किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. अब मुकुल रोहतगी जैसे बड़े नाम भी इस लिस्ट में आ गए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकुल रोहतगी आर्यन खान की जमानत के लिए पैरवी कर रहै हैं. मुकुल रोहतगी कल ही रात को लंदन से मुंबई केसे के लिए आए हैं.
आर्यन को जमानत दिलाने के लिए रातोंरात लंदन से मुंबई आने वाले एडवोकेट मुकुल रोहतगी की जानें ये दिलचस्प कहानी
Who is Mukul Rohatgi, former A-G appearing for Aryan Khan in Bombay High Court today in drugs-on-cruise case?
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26 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:08 PM)
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कौन है मुकुल रोहतगी?
गुजरात दंगा केस में सरकार का बचाव
मुकुल रोहतगी ने 2002 में हुए गुजरात दंगों में राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया था. इसके अलावा फर्जी एनकाउंटर के आरोपों को लेकर भी उन्होंने राज्य सरकार की अदालत में पैरवी की थी. इसके अलावा वह दंगों में जली बेस्ट बेकरी, जाहिरा शेख मामला, योगेश गौड़ा मर्डर केस भी सुप्रीम कोर्ट में लड़ चुके हैं.
देश के अटॉर्नी जनरल भी रह चुके
मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट को जज थे. उनको 19 जून 2014 को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश का अटॉर्नी जनरल बनाया था. मुकूल 18 जून 2017 तक देश के 14वें अटॉर्नी जनरल ते पद पर रहे. रोहतगी सुप्रिम कोर्ट के वरिष्ठ और देश के दिग्गज वकील हैं.
एक सुनवाई की फीस लगभग 10 लाख रुपए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुकुल रोहतगी एक सुनवाई के लिए लगभग 10 लाख रुपए की फीस चार्ज करते हैं. हालांकि 2018 में एक RTI में दिए जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने बताया था कि उन्होंने सीनियर काउंसिल मुकुल रोहतगी को राज्य सरकार की तरफ से जज बीएच लोया केस के लिए फीस के रूप में 1.21 करोड़ रुपए दिए गए थे. रोहतगी ने तब महाराष्ट्र राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी.
NCB को बताया 'शुतुरमुर्ग'
लॉयर मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान को सपोर्ट किया था. सेशंस कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने से पहले मुकुल ने कहा था, आर्यन खान को कैद में रखने का कोई वाजिब कारण नहीं है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एक 'शुतुरमुर्ग' की तरह है जिसने अपना सिर रेत में छुपाया हुआ है. मुकुल के अनुसार आर्यन को एक सेलिब्रिटी के बेटे होने की कीमत चुकानी पड़ रही है.
मुकुल ने आगे कहा,जमानत एक मानक है, जेल एक अपवाद है। यह मुद्दा कई साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुलझाया जा चुका था, क्योंकि संविधान का सबसे मजबूत फंडामेंटल राइट 'जीने का अधिकार' और 'स्वतंत्रता का अधिकार' है और यह न केवल भारतवासियों के लिए हैं, बल्कि भारत में रहने वाले विदेशियों के लिए भी है। अगर वो आर्यन को जमानत देना चाहते हैं, तो यह तुरंत दिया जा सकता है। यह पब्लिक हॉलिडेज पर भी संभव है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, अब कल फिर से होगी सुनवाई
आर्यन खान ड्रग्स मामले में 26 अक्टूबर को शाम तक बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अब इस मामले में कल यानी 27 अक्टूबर को फिर से कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. आज की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें पूरी नहीं हो पाई. इसलिए अब कल फिर से सुनवाई जारी होगी.
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