Monu Manesar: मोनू मानेसर का नाम नूंह में हुई हिंसा को लेकर सुर्खियों में है। दरअसल, नूंह में हिंदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा में हंगामा हो गया था। मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी। इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि वह खुद भी इस रैली में शामिल होगा, लेकिन वो नहीं आया।
Who is Monu Manesar? कौन है मोनू मानेसर, जिसका नाम अब सामने आ रहा है?
Nuh Violence Update: मोनू मानेसर का नाम इस वक्त सुर्खियों में है। मोनू का असली नाम मोहित है। वो गांव मानेसर का रहने वाला है।
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Monu Manaser
01 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 2 2023 2:30 PM)
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Nuh Violence Update : कहा जा रहा है कि बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के यात्रा में शामिल होने पर तनाव बढ़ गया। अब क्या मोनू की बिट्टू से रार है? या फिर हिंसा के पीछे दूसरी वजह है, जांच जारी है। नूंह में दूसरे पक्ष के लोगों ने जमकर बवाल काटा और तभी यह पथराव हुआ। इसके बाद इसकी चपेट में कई और जिले भी आ गए।
Who is Monu Manesar? अब आपको मोनू के बारे में बताते हैं। मोनू का असली नाम मोहित है। वो गांव मानेसर का रहने वाला है। मोनू के दो बच्चे है। मोनू के पिता की मौत हो चुकी है। उसका एक छोटा भाई है। उसकी बहन की शादी हो चुकी है।
2011 में शामिल हुआ था मोनू
मोनू साल 2011 में मोनू बजरंग दल में शामिल हुआ था। 2022 में उसे राज्य में गौरक्षा टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया। मोनू मानेसर के कई ऐसे वीडियो और तस्वीरें हैं जिसमें वो हथियार के साथ दिखाई दे रहा है। 28 साल की उम्र वाले मोनू मानेसर ने पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है। उसके पिता की कई प्रापर्टीज है। उसे काफी किराया आता था। उनके पिता ड्राइवर थे। वो बस और डंपर चलाते थे।
मोनू की शुरुआत से ही गायों में दिलचस्पी थी, इसलिए वो बजरंग दल से जुड़ा। मोनू मेवात रीजन में गौ तस्करी रोकता है। आपको बता दें कि हरियाणा का मेवात-नूंह इलाका गौ-तस्करी के विवाद में पहले से बेहद संवेदनशील रहा है। ये मुस्लिम बहुल इलाका है।
मोनू के साथ कई युवक जुड़े हुए हैं। ये लोग गौ- तस्करों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। गुरुग्राम पुलिस का इन्हें सहयोग मिलता रहता है, लेकिन मोनू का नाम कई आपराधिक वारदातों में भी सामने आया, हालांकि पुलिस ने उसे क्लीन चिट दे दी।
Monu Manesar Kaun hai: मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड में उसके नाम सामने आया। हरियाणा के भिवानी में लोहारू के बारवास गांव के पास एक जली हुई बोलेरो में इसी साल 16 फरवरी को दो कंकाल मिले थे। मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई थी। हालांकि पुलिस ने उसे इस केस में अभी तक अरेस्ट नहीं किया है।
सोशल मीडिया पर रहता है एक्टिव
मोनू सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता है। उसके फेसबुक पर 80 हजार तो यूट्यूब पर 2 लाख फॉलोवर्स है। गौ-तस्करी रोकते वक्त 2019 में उसको गोली मार दी गई थी, हालांकि वो बच गया था।
क्यों मोनू है रडार पर?
क्यों पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया?
पिछले साल मई में भी आया था एक वीडियो
मई 2022 में फ़िरोज़पुर झिरका का एक वीडियो सामने आया था। इसमें मोनू मानेसर एक व्यक्ति की कनपटी पर बंदूक लगाए उसे जबरन एक एसयूवी कार में बैठा रहा था। वीडियो में कहा गया कि वो गौ तस्करी की जानकारी मिलने पर वह यहां पहुंचा था।
इसी साल आया था एक नया वीडियो
इससे पहले 6 फरवरी को पटौदी के बाबरशाह कॉलोनी में हिंसा भड़की थी और चार लोग घायल हुए थे। एक 20 साल के लड़के को गोली भी लगी। आरोप है इस घटना में भी मोनू का हाथ था।
क्यों देता है मुसलमानों के खिलाफ बयान?
वो अक्सर मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी करता रहता है। ऐसे कई वीडियोज सामने आए हैं, जिसमें वो आपत्तिजनक बयां दे रहा है।
जनवरी में भी सामने आया था वीडियो
इस साल जनवरी में नूंह के रहने वाले 21 साल के वारिस की मौत हो गई थी। गोरक्षा दल ने वारिस का घायल अवस्था में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। वीडियो में गोरक्षक वारिस और दो अन्य कथित गोतस्करों को पीटते दिख रहे थे। गोरक्षक दल ने वारिस के साथ एक तस्वीर शेयर की थी और इस तस्वीर में मोनू मानेसर भी थे।
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