Bilkis Bano Case Update: बिलकिस बानो केस में देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला पलट दिया। अब 11 आरोपियों फिर जेल जाएंगे। इससे पहले 2022 में सभी को रिहा कर दिया था। आखिर बिलकिस बानो केस क्या था? अदालत में इस मामले को लेकर क्या-क्या हुआ? आइये जानते हैं -
क्या था बिलकिस बानो केस? अदालत में क्या-क्या हुआ इस मामले को लेकर?
Bilkis Bano Case Update: बिलकिस बानो केस में देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला पलट दिया।
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Bilkis Bano Case Update
08 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 8 2024 2:50 PM)
गोधारा कांड, फिर बिलकिस का रेप, फिर सजा, फिर रिहाई और अब पलटा फैसला
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दरअसल, गुजरात में 2002 में गोधरा कांड हुआ था। इसमें 59 कार सेवक मारे गए थे। इसके बाद दंगे भड़क गए थे। 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ। उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस बानो उस वक्त पांच महीने की गर्भवती थी। पुलिस ने राधेश्याम शाही, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वदानिया, बकाभाई वदानिया, राजीवभाई सोनी, रमेशभाई चौहान, शैलेशभाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया के खिलाफ FIR दर्ज की। 11 आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले का अहमदाबाद की कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केस को मुंबई कोर्ट में ट्रांसफर किया
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अहमदाबाद से मुंबई ट्रांसफर कर दिया। 21 जनवरी 2008 को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। स्पेशल कोर्ट ने 7 दोषियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, जबकि एक दोषी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी दोषियों की सजा को बरकरार रखा, खुद सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर विचार करने के लिए कहा था
बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी दोषियों की सजा को बरकरार रखा। इन दोषियों ने 18 साल से ज्यादा सजा काट ली थी, जिसके बाद दोषियों में से एक राधेश्याम शाही ने धारा 432 और 433 के तहत सजा को माफ करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। HC ने याचिका खारिज कर दी।
…जब आरोपी पहुंचा माफी के लिए कोर्ट
राधेश्याम शाही ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और कहा कि वो 1 अप्रैल, 2022 तक बिना किसी छूट के 15 साल 4 महीने जेल में रहा। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में गुजरात सरकार को 9 जुलाई 1992 की माफी नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया और कहा कि दो महीने के भीतर फैसला किया जा सकता है। गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को गोधरा की उप-जेल से रिहा कर दिया।
फिर दाखिल हुई कई सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं, सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुई। 8 जनवरी 2023 को फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ही माफी आदेश पारित कर सकती है। गुजरात सरकार को कोई अधिकार नहीं है। चूंकि मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई। सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखाधड़ी वाला कृत्य किया गया है। सजा माफी की याचिका में फैक्ट को छिपाकर आदेश देने की मांग की गई।
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