आईपीएस अधिकारी को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा खालिस्तानी, संदेशखाली में ड्यूटी के दौरान वायरल हुआ वीडियो

West Bengal: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखालि का दौरा करने से रोकने के लिए धमखाली में तैनात एक सिख आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी ने उन्हें कथित तौर पर 'खालिस

Photo

Photo

22 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 22 2024 7:50 AM)

follow google news

Kolkata: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखालि का दौरा करने से रोकने के लिए धमखाली में तैनात एक सिख आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी ने उन्हें कथित तौर पर 'खालिस्तानी' कहने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की मंगलवार को निंदा की।

शुभेंदु अधिकारी के साथ मौजूद भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक अग्निमित्र पॉल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे और इस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा समर्थकों ने उन्हें 'खालिस्तानी' कहा।

आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह भाजपा कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुने गए, ‘‘सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? यदि कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी बन जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए।’’ सिंह ने कहा, ‘‘मैं तो बस अपना काम कर रहा हूं। क्या मैंने आपके धर्म के बारे में कुछ कहा? आप मेरे धर्म के बारे में क्यों बोल रहे हैं?’’

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा की 'विभाजनकारी राजनीति ने बड़ी ही निर्लज्‍जता के साथ संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है।’’ बनर्जी ने ‘‘सिखों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के दुस्साहसिक प्रयास’’ की निंदा की।

बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। मैं हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं जिन्हें हमारे राष्ट्र के लिए उनके बलिदानों और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए सम्मान दिया जाता है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे।' भाजपा ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया और पुलिस अधिकारी पर संविधान के अनुसार अपना कर्तव्य नहीं निभाने का आरोप लगाया।

पॉल ने कहा, ‘किसी ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है, ना ही खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल किया। वह एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’ बाद में, सिख समुदाय के सदस्यों ने कथित 'खालिस्तानी' तंज के विरोध में कोलकाता में मुरलीधर लेन स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने आसनसोल में भी प्रदर्शन किया।

एडीजी और आईजीपी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने दावा किया कि यह एक 'जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य' था जिसका उद्देश्य एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करना था। सरकार ने कहा, ‘‘क्योंकि किसी ने पगड़ी पहनी हुई है, आप उस व्यक्ति को 'खालिस्तानी' नहीं कह सकते। आप यह नहीं कर सकते। यह बिलकुल अस्वीकार्य है। अगर जरूरत पड़ी तो हम कानूनी कदम उठाएंगे।’’

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि शुभेंदु अधिकारी ने ही पुलिस अधिकारी के लिए 'खालिस्तानी' शब्द का इस्तेमाल किया था।पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी दावा किया कि विपक्ष के नेता ने सिख आईपीएस अधिकारी को 'खालिस्तानी' कहा।

उसने ‘एक्स’ पर लिखा, “इस घटना क्रम से नाराज हम, पश्चिम बंगाल पुलिस बिरादरी, इस वीडियो को साझा कर रहे हैं जिसमें हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा 'खालिस्तानी' कहा गया। उनका ‘दोष’ है: वह एक गौरवान्वित सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे।’’

शुभेंदु अधिकारी ने इन आरोपों से इनकार किया और टीएमसी पर संदेशखालि के घटनाक्रम से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर लगे आरोप निराधार हैं। पुलिस अधिकारी ही समर्थकों को भड़का रहे थे। अगर टीएमसी को अल्पसंख्यकों की इतनी ही चिंता है, तो उन्हें पहले अपनी पार्षद अनन्या बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने ईसाई समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है।’’

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दिए जाने के बाद, संदेशखालि ब्लॉक पहुंचे। स्थानीय महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर 'यौन उत्पीड़न' के आरोप लगाये जाने के बाद संदेशखालि में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

(PTI)

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp