Wayanad Landslides: केरल के वायनाड जिले में सोमवार को हुए भूस्खलन के बाद यहां के चार गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। इस त्रासदी में अब तक 256 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। चारो तरफ फैला कीचड़ और मिट्टी का मलबा अब लाशें उगलने लगा है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग मलबे में दबे हुए हैं। करीब 3 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू के काम में लगी टीमों की मानें तो यहां मौत का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। जान और माल दोनों का नुकसान हुआ है। सेना, SDRF, NDRF, स्थानीय प्रशासन, डिजास्टर मैनेजमेंट की टीमें तैनात हैं। युद्धस्तर पर रेस्क्यू आपरेशन किया जा रहा है। चार गांव पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। यहां करीब 22 हजार लोग रहते थे।
Wayanad में ताबड़तोड़ तबाही, लाशें उगल रहा है चारों तरफ बिखरा मलबा, अब तक हो चुकी 256 मौत
Wayanad landslides Horror: केरल के वायनाड जिले में सोमवार को आए भूस्खलन के बाद यहां चारों तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। 22 हजार की आबादी वाले चार गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। अब तक यहां 256 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
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• 11:51 AM • 01 Aug 2024
न्यूज़ हाइलाइट्स
वायनाड में अब तक 256 लोगों की मौत, 170 लापता
सोते सोते कीचड़ के सैलाब में बह गए हजारों लोग
नदियों और मलबे में जिंदगियों की तलाश हुई तेज
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कई जगहों पर हुआ लैंडस्लाइड
कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ। भारी बारिश की वजह से जगह-जगह कीचड़ जमा है। कई जगहों पर चट्टानों के बड़े-बड़े हिस्से सड़कों पर पड़े हैं। पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़े टूट कर सड़कों पर इकट्ठा हो गए हैं। कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इन तमाम वजहों से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही है।
रात में लोग सो रहे थे, अचानक सैलाब आया!
वायनाड समेत केरल के 9 जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई गांवों में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। इन चारों गांव में ज्यादातर चाय बागान के मजदूर रहते हैं। करीब 22 हजार की आबादी है। रात एक बजे जब पहली बार लैंडस्लाइड हुई तब लोग अपने घरों में सो रहे थे। किसी को बचने या भागने तक का मौका नहीं मिला।
चंद पलों में घर मलबे का ढेर बन गए!
दरअसल, सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन कर आई। रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई। इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई। बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए। कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए। सैलाब के रास्ते में जो आया, बहता चला गया। पेड़ उखड़ते चले गये, बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में कई गांव चपेट में आ गए।
वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। पहले चरण में आपदा के आसपास के इलाकों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में शिफ्ट किया गया, इसमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं। भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव अभियान में फंसे हुए 1,386 लोगों को बचाया गया। इसमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात शिविरों में भेजा गया है। करीब 200 लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज चल रहा है।
वायनाड जिले में 82 राहत शिविरों में फिलहाल 8,017 लोग रह रहे हैं। इनमें 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। मेप्पाडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं। चिकित्सा कर्मचारियों सहित लगभग 500 कर्मियों को तैनात किया गया है। सेना डटी हुई है।
पुल को दोबारा बनाने में जुटी सेना
चूरलमाला को मुंडक्कई के बीच जो पुल ढह गया था, उसे सेना के जवान फिर से बनाने में जुटे हैं, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ सके।आज दोपहर तक चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला 190 फीट का यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा।
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