वेदिका का मर्डर, लापता सहेली और चाचा के सवाल पर पुलिस की चुप्पी, सात घंटे तक शहर में गाड़ी घुमाता रहा प्रियांश

vedika thakur murder case : मध्य प्रदेश के जबलपुर में वेदिका ठाकुर के मर्डर की गुत्थी और उलझ गई है जब ये बात सामने आई कि उसकी सहेली पायल घटना की चश्मदीद है लेकिन वारदात के बाद से लापता।

प्रियांश का बीजेपी से रिश्ता निकालकर वेदिका के चाचा ने उठाए सवाल

प्रियांश का बीजेपी से रिश्ता निकालकर वेदिका के चाचा ने उठाए सवाल

27 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 27 2023 10:00 AM)

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vedika thakur murder case : मध्य प्रदेश के जबलपुर में 24 साल की एमबीए छात्रा वेदिका ठाकुर की दस दिन के बाद हुई मौत ने हड़कंप मचा दिया है। क्योंकि वेदिका के चाचा अशोक ठाकुर ने जो सवाल उठाए उन सवालों का सामना खुद पुलिस भी नहीं कर पा रही है। क्योंकि अब इस मामले में वेदिका की एक सहेली पायल का जिक्र भी सामने आने लगा है और वो फिलहाल लापता है। 

दस दिनों तक मौत से जूझने के बाद हार गई वेदिका। बीजेपी का नेता प्रियांश के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज

कहां लापता है वेदिका की सहेली

वेदिका के चाचा का कहना है कि जिस वक़्त वेदिका को गोली लगी थी उस वक़्त उसकी सहेली पायल भी वहां मौके पर मौजूद थी तो फिर वो अब कहां है। घटना के बाद से वो क्यों गायब है जबकि वेदिका अपनी सहेली पायल के साथ ही बीजेपी नेता प्रियांश विश्वकर्मा से मिलने के लिए उसके दफ्तर पहुँची थी। 

वेदिका के चाचा ने उठाए सवाल

वेदिका के चाचा अशोक ठाकुर का कहना है कि 16 जून को वेदिका और पायल दोपहर साढ़े 12 और एक बजे के बीच प्रियांश विश्वकर्मा के दफ्तर में पहुँची थी। इसके बाद उनकी भतीजी वेदिका को गोली मारी गई। लेकिन गोली चलने की इस घटना के बाद से ही पायल का कहीं कोई अता पता नहीं चल रहा। जबकि प्रियांश विश्वकर्मा गोली से बुरी तरह से जख्मी वेदिका को कार में डालकर करीब सात घंटे तक शहर की सड़कों पर घूमता रहा। इसके बाद वो अपने जानने वाले बड़ेड़िया के अस्पताल में शाम 6 बजे छोड़कर फरार हो गया। 

सामने रखा प्रियांश का पार्टी से लिंक

वेदिका के चाचा ने प्रियांश विश्वकर्मा और उससे सियासी लिंक का पूरा कच्चा चिट्ठा सामने रख दिया। उनका कहना है कि प्रियांश विश्वकर्मा से बीजेपी पल्ना नहीं झाड़ सकती क्योंकि शहर में विधायकों के साथ और राज्य के मुख्यमंत्री के साथ उसके पोस्टर लगते रहे हैं। अब बीजेपी साफ साफ पल्ना झाड़ते हुए कह रही है कि वो पार्टी का सदस्य नहीं है। 

क्या है सात घंटे का राज

जांच के दौरान पता चला है कि प्रियांश करीब सात घंटे तक अपनी गाड़ी में डालकर घायल वेदिका को लेकर घूमता रहा। इसके अलावा उसने घटना स्थल पर सबूतों को मिटाने की भी कोशिश की।  इतना ही नहीं प्रियांश ने न सिर्फ सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ ले गया बल्कि जिस पिस्तौल से गोली मारी थी उसे भी साथ में लेकर फरार हुआ था। 

पोस्टमॉर्टम के दौरान निकली गोली

वेदिका की मौत के बाद डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम के दौरान उसके शरीर से गोली निकाली जो उसकी पीठ में धंसी हुई थी। उस गोली को अब पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस ने गोली की जांच के लिए उसे एफएसएल टीम के पास भेज दिया है। जिसकी इस बात की जांच की जाएगी कि जिस गोली से वेदिका की जान गई वो प्रियांश की पिस्तौल से ही निकली है?

अपनी सहेली से साथ प्रियांश से मिलने पहुँची थी वेदिका ठाकुर

कैसे चली थी गोली

इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाला पहलू यही है कि अभी तक ये साफ नहीं हो सका कि वेदिका की जान लेने वाली गोली धोखे से चली थी या फिर उसे जान बूझकर मारी गई थी। यानी गोली चलने के पीछे की असली वजह क्या है। 

बेहद मामूली परिवार की है वेदिका

वेदिका ठाकुर का ताल्लुक जबलपुर के एक बेहद मामूली परिवार से था…उसके परिवार में उसकी मां के अलावा एक भाई और दो बहने हैं। वेदिका के पिता की भी गोली लगने से ही मौत हुई थी जबकि उसकी मां घर संभालती हैं। वेदिका के पिता अपेक्स बैंक में गार्ड की नौकरी करते थे और नौकरी के दौरान एक गार्ड ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद ही वेदिका के भाई को पिता की जगह नौकरी मिली है। 

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