Uttarkashi tunnel rescue Live Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. बचाव दल सुरंग के ऊपर से रैट होल खनन और वर्टिकल ड्रिलिंग कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को निकाला जा सकेगा. बचाव दल ने श्रमिकों के परिजनों से अपने कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा है. मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जाएगा.
Uttarkashi tunnel rescue Live Update: 17 दिनों बाद जिंदगी की जंग जीतकर, कुछ देर में बाहर आ सकते हैं 41 मजदूर
Uttarkashi tunnel rescue Live Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी हैं.
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Crime Tak
28 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 28 2023 2:01 PM)
उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि 55.3 मीटर पाइप बिछाए जा चुके हैं. कुल दूरी 57-59 मीटर है. इसमें कुछ घंटे और लग सकते हैं. हमें उम्मीद है कि शाम तक रेस्क्यू पूरा हो जाएगा और मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. 86 में से 44 मीटर वर्टिकल खुदाई भी हो चुकी है. माना जा रहा है कि अभी एक और पाइप बिछाना बाकी है.
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माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि खुदाई जारी है. अभी कुछ मीटर की खुदाई बाकी है. हमें उम्मीद है कि नतीजे 5 बजे तक आ जाएंगे. केवल 2-3 मीटर ही खुदाई बची है.
रैट होल खनन क्या है?
सिल्क्यारा सुरंग में शेष क्षैतिज खुदाई मैन्युअल रूप से की जा रही है। इसमें सुरंग बनाने में विशेष दक्षता रखने वाले व्यक्तियों का चयन किया गया है। इन्हें रैट-होल माइनर्स कहा जाता है. रैट-होल खनन बहुत संकरी सुरंगों में किया जाता है. कोयला निकालने के लिए खनिक क्षैतिज सुरंगों में सैकड़ों फीट नीचे उतरते हैं. इसका उपयोग विशेषकर मेघालय में चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कोयला निकालने के लिए किया जाता है.
- 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वर्कर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर रोक लगा दी थी. एनजीटी की रोक के बावजूद अवैध खनन जारी है.
- उत्तराखंड सरकार के नोडल ऑफिसर नीरज खैरवाल ने साफ किया कि रेस्क्यू साइट पर लाए गए लोग चूहा खनन करने वाले नहीं बल्कि इस तकनीक के एक्सपर्ट हैं.
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