Uttarkashi: उत्तरकाशी से बुरी खबर सामने आ रही है। यहां कुछ ट्रैकर्स फंस गए हैं। अब इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सेना की मदद मांगी गई है। आपको बता दें कि मंगलवार को ये खबर सामने आई थी कि 22 ट्रैकर्स फंस गए हैं। इसमें से 9 ट्रैकर्स को बचा लिया गया है। चार ट्रैकर्स की मौत की खबर है। अभी भी कई लापता हैं।
उत्तरकाशी में ट्रैक पर गए 13 ट्रैकर्स को अब भारतीय वायुसेना तलाशेगी, 4 की हुई मौत
Uttarkashi Sahastra Tal Lake Trekkers Go Missing: उत्तरकाशी से बुरी खबर सामने आ रही है। यहां 22 ट्रैकर्स फंस गए हैं। इसमें से 9 ट्रैकर्स को बचा लिया गया है जबकि चार ट्रैकर्स की मौत की खबर है। अभी भी कई लापता हैं।
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• 12:02 PM • 05 Jun 2024
कैसे हुई घटना?
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मंगलवार शाम 4 बजे उत्तरकाशी आपदा विभाग को सूचना मिली कि करीब 22 लोग सहस्त्र ताल ट्रैक के लिए 29 मई को बेस कैम्प 'कुछ कल्याण' उत्तरकाशी से निकले थे। इन लोगों को 7 जून तक अपना ट्रैक पूरा करना था। सहस्त्र ताल ट्रैक से लौटते समय ये लोग कुफरी टॉप पर खराब मौसम की वजह से फंस गए। 2 बसें कैम्प वापस लौट गईं। इसके बाद कुल 9 लोग और बेस कैम्प आ गये, वहीं 13 लोग कुफरी टॉप पर ही फंस गए, जिनमें से 4 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तरकाशी और टिहरी प्रशासन एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए भेज चुका है और अब भारतीय वायु सेना की भी मदद ली जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक मुख्यालय से 36 किमी की दूरी पर है 'कुछ कल्याण' बेस कैम्प। कुल 22 ट्रैकर में 18 कर्नाटक के लोग हैं, 1 महाराष्ट्र का है और बाकी 3 उत्तरकाशी के गाइड हैं।
क्या कहा वन विभाग ने?
सहस्रताल ट्रैक लगभग 14500 फीट की ऊंचाई पर है। ये लोग मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए गए थे। 2 जून को यह दल सहस्त्रताल की कोखली टॉप बेस कैंप पर पहुंच गया था। वन विभाग का कहना है कि 22 ट्रैकर उत्तरकाशी की ओर से कुछ कल्याण क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए गए थे। ये ट्रैकर्स सहस्त्राल ट्रैक से लौट रहे थे लेकिन खराब मौसम के कारण कुफरी टॉप पर फंस गए। उनमें से 9 अपने बेस कैंप में लौट आए हैं, जबकि 13 अभी भी वहां फंसे हुए हैं और कुछ लोगों के हताहत होने की भी खबर आ रही है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रशासन ने फंसे हुए ट्रैकर्स की तलाश और बचाव के लिए वायुसेना से भी अनुरोध किया है। इसके दृष्टिगत मातली, हर्षिल एवं अन्य स्थानों पर हेलीपैड पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं। भारतीय वायु सेना की हेली खोज और बचाव टीम ऑपरेशन शुरू करने के लिए जल्द ही रवाना होने वाली है।
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