UP Dharm Parivartan Case: मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां सात साल से अधिक समय तक विवेक को बंधक बनाकर रखा गया और उसे जबरन इस्लाम कबूल करवाकर मोहम्मद उमर बना दिया गया. सच्चाई का पता चलने के बाद मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति ने विवेक को मदरसे से मुक्त कराया और उसके माता-पिता से मिलाया.
UP में धर्म परिवर्तन का खेल, सात साल तक मदरसे में बंधक बनाकर रखा, ऐसे खुला राज
UP Dharm Parivartan Case: मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज मामला सामने आया है.
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Crime Tak
01 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 1 2023 3:20 PM)
सात साल बाद बेटा वापस लौटा
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सात साल बाद जब बेटा वापस लौटा तो उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इस पूरे मामले में मुजफ्फरनगर में मदरसा प्रशासन समेत चार लोगों के खिलाफ धर्म परिवर्तन की रिपोर्ट दर्ज की गई है. कक्षा चार का छात्र विवेक 17 मार्च 2016 को लापता हो गया था.
जबरन धर्म परिवर्तन
वह स्कूल के लिए निकला लेकिन फिर घर नहीं लौटा. उनके पिता वीरेंद्र ने 17 मार्च 2016 को चंडीगढ़ के मौलीजागरा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. हालांकि, लड़के का कोई पता नहीं चला. अक्टूबर की शुरुआत में ही मामला तब सामने आया जब वह मुजफ्फरनगर के नगला राय गांव में एक आधार कार्ड केंद्र पर पहुंचा. वहां उसने खुद को मोहम्मद उमर बताया और अपने माता-पिता का जिक्र करते हुए अपने आधार कार्ड पर अपना नाम सही करने का रिक्वेस्ट किया.
दूसरा आधार कार्ड बनवाने गया तो खुला राज
आधार कार्ड सेंटर ऑपरेटर ने मौजूदा नाम और पते के कारण नाम सही करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के एक स्थानीय नेता जैकी राज सैनी को इसकी सूचना मिली. उन्होंने पुलिस को सूचित किया, जिससे विवेक के माता-पिता से संपर्क किया गया. जांच के दौरान विवेक का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और उसे मदरसे में बंद करने का मामला सामने आया.
मदरसे से रिहा होने के बाद विवेक को उसके माता-पिता वीरेंद्र और सरोज को सौंप दिया गया. इसके बाद पूरा परिवार विवेक के साथ अपने गांव लौट आया. हरदोई जिले के बघौली थाना क्षेत्र में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन अधिनियम 1921 की धारा 3 और 5 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है. जबरन खतना और धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप है.
आधार कार्ड सेंटर से जानकारी ली गई और पूरी जानकारी ली गई. पुलिस की मदद से लड़के को मदरसे से बचाया गया और उसे उसके पिता वीरेंद्र को सौंपने से पहले लीगल फॉर्मेलिटी पूरी की गई.
विवेक को वेल्डिंग का ट्रेनिंग देकर काम के लिए सऊदी अरब भेजने की तैयारी की जा रही थी. हालांकि, आधार कार्ड पर उनका नाम और पता अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान सच्चाई सामने आ गई. फिलहाल, विवेक अपने परिवार के साथ घर वापस आ गया है और न केवल अपने रिश्तेदारों बल्कि पूरे गांव के लिए खुशियां लेकर आया है.
एक इंटरव्यू में विवेक ने बताया कि जब वह मदरसे में थे तो उनका नाम बदलकर मोहम्मद उमर कर दिया गया था और उन्हें हर समय वहीं रखा जाता था. उसने वेल्डिंग सीखी और वे उसे सऊदी अरब जाने के लिए तैयार कर रहे थे. ऐसे में आधार कार्ड में नाम सुधार प्रक्रिया के दौरान सच्चाई सामने आ गई.
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