उम्मीद है कि ज्ञानवापी पर एएसआई की रिपोर्ट 'हजारों बाबरी मजिस्दों' के द्वार नहीं खोलेगी : ओवैसी

Uttar Pradesh Gyanvapi: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि कौन जानता है कि एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इसका क्या असर होगा।

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी

05 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 5 2023 10:00 PM)

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Uttar Pradesh Gyanvapi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि कौन जानता है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इसका क्या असर होगा। उन्होंने उम्मीद जताई की यह रिपोर्ट 'हजारों बाबरी मस्जिदों' के द्वार नहीं खोलेगी। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी परिसर में एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी।

कौन जानता है कि इसका असर क्या होगा

ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया है। ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, 'उम्मीद है कि 23 दिसंबर और छह दिसंबर की घटनाएं दोहराई नहीं जाएंगी और पूजा स्थल अधिनियम की शुचिता के संबंध में अयोध्या मामले के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे ट्वीट किया, '(यदि) एएसआई द्वारा ज्ञानवापी की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो कौन जानता है कि इसका असर क्या होगा। उम्मीद की जाती है कि 23 दिसंबर और छह दिसंबर की पुनरावृत्ति नहीं होगी। 

सर्वेक्षण के दौरान परिसर में खुदाई नहीं की जाएगी 

पूजा स्थल अधिनियम की शुचिता के संबंध में ‘अयोध्या मामले’ के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि इससे हजारों ‘बाबरी मस्जिदों’ के द्वार नहीं खोले जाएंगे। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया। मेहता की ओर से कहा गया था कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर में खुदाई नहीं की जाएगी और संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

(PTI)

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