Job Racket Busted: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसे रैकेट (Racket) का पर्दाफ़ाश हुआ है जो बेरोज़गारी(Unemployed) के इस दौर में लोगों को सरकारी अस्पताल (Govt Hospital) में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपना ठगी (Fraud) का धंधा चमका रहा था।
Job Fraud Racket: मंत्रियों तक पहुँच का झांसा देकर बेरोज़गारों को ठगने वाला गैंग पकड़ा गया
Fraud Racket Busted: यूपी STF ने लखनऊ (Lucknow) से तीन जालसाजों का ऐसा गैंग (Gang) पकड़ा है जो बेरोज़गारों को सरकारी अस्पताल (Govt Hospital) में नौकरी (Job) दिलाने का झांसा देकर ठगी (Fraud) करता था।
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02 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)
नटवरलालों के इस गैंग के तीन जालसाज़ों को पुलिस ने पकड़कर इस रैकेट को उजागर किया है। सबसे ख़ासबात ये है कि ये गैंग लखनऊ के सबसे पॉश इलाक़ों में से एक गोमती नगर के विभूति खंड से ऑपरेट कर रहा था। इनके झांसे का सबसे बड़ा चारा होता था KGMU, SGPGI जैसे बड़े और सरकारी अस्पतालों के अलग अलग विभाग की साधारण पोस्ट के लिए नौकरी दिलाने का भरोसा। और इस भरोसे की क़ीमत इस गैंग ने आठ से 10 लाख रुपये तय कर रखी थी।
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UP POLICE STF ACTION: ये लोग कितने शातिर थे इसका अंदाज़ा सिर्फ इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ये लोग बेहद मामूली और ग़रीब लोगों के सामने ऐसा ज़ाहिर करते थे कि मानों मंत्री और विभाग के बड़े अफसरों के साथ बैठकर नाश्ता करते हैं। ग़रीब और मजबूर लोग अक्सर इनके इस भौकाली झांसे में आ भी जाते थे।
इनका धंधा बहुत तेज़ी से फलफूल रहा था कि किसी मजबूर ने इन लोगों की शिकायत पुलिस में कर दी। पुलिस को पहले भी ऐसी कुछ शिकायतें मिलती रही थीं लिहाजा इस काम को बड़ी ही खामोशी के साथ STF के हवाले कर दिया गया। STF ने तफ़्तीश की तो इनका सारा कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आ गया और तब पुलिस ने इन तीनों को दबोच लिया। STF ने इन जालसाजों के पास से मिले मोबाइल की तलाशी ली तो खुद मोबाइल की चैट में इनके कारनामों का खुलासा हो गया।
Latest Crime News: बलिया का रामबिलास उर्फ गुड्डू सिंह जौनपुर का शैलेश यादव और बस्ती का आदित्य श्रीवास्तव उर्फ दीपू इस वक़्त पुलिस के चंगुल में हैं। हालांकि इस गिरफ़्तारी के बारे में पुलिस ने बहुत ज़्यादा जानकारी तो नहीं दी।
अलबत्ता शुरुआती दौर में पुलिस को ये ज़रूर पता चला है कि ये पकड़े गएतीनों जालसाज किसी दौर में खुद भी ऐसे की नटवरलालों के चक्कर में पड़ चुके हैं। और बेरोज़गारी के इस दौर में इन लोगों ने भी नौकरी पाने के काफी धक्के खाए हैं। और धक्के खाते खाते ये तीनों आपस में जब टकराए तो इसी ठगी को इन लोगों ने अपना धंधा बना लिया।
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