Facebook Live from Police Vehicle: उत्तर प्रदेश के महोबा से एक ऐसी खबर सामने आई जिसने उत्तर प्रदेश की पुलिस और उसके पूरे बंदोबस्त को सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया। असल में यहां जेल का एक कैदी पेशी पर जाते समय वज्र वाहन से फेसबुक लाइव कर रहा था और पुलिस की गाड़ी में बैठकर अपने दुश्मनों को धमका रहा था। और इसका वीडियो वायरल हो गया।
पुलिस पेशी पर ले जा रही थी, कैदी वज्र वाहन से ही फेसबुक पर लाइव कर रहा था और धमकी दे रहा था
facebook live from police vehicle: एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यूपी पुलिस की गाड़ी में बैठकर एक कैदी फेसबुक लाइव भी कर रहा था और अपने दुश्मनों को धमकी भी दे रहा था।
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कैदी कारतूस सिंह जिसने पुलिस की गाड़ी में बैठकर लाइव लोगों को धमकाया
24 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 24 2023 11:05 AM)
पुलिस महकमें की कट गई नाक
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इस खबर के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की इस बात को फिर से बल मिल गया कि यहां अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। महोबा की इस खबर के बाद से ही पुलिस प्रशासन सवालों के बचने की फिराक में लगा हुआ है। जबकि आला अधिकारियों ने भी चुप्पी साध ली है। खुलासा हुआ है कि 21 अक्टूबर को बंदी लोकेंद्र उर्फ कारसूत यादव को पुलिस की सुरक्षा में पेशी के लिए हमीरपुर ले जाया जा रहा था। उसकी सुरक्षा के लिए वज्र गाड़ी में उसके साथ दारोग शशांक देव, हेड कांस्टेबल अरविंद आर्या, कौशलेंद्र मिश्रा और कांस्टेबल कमलेश कुमार मौजूद थे।
कारतूस यादव की करतूत
कैदी कारतूस यादव के पास एक एंड्रॉइड मोबाइल फोन मौजूद था। उसने उसी गाड़ी में बैठे बैटे मोबाइल से फेसबुक लाइव करना शुरू कर दिया और उसी लाइव में उसने अपने दुश्मनों को धमकी देना शुरू कर दिया। जैसे ही ये बात पुलिस के अधिकारियों को पता चली तो उसका मोबाइल बंद करवाया गया।
चार संगीन मामलों में केस दर्ज
खुलासा हुआ है कि लोकेंद्र उर्फ कारतूस यादव हमीरपुर के थाना सुमेरपुर गांव के पंधरी का रहने वाला है। और गैरइरादतन हत्या के एक मामले में वो महोबा जेल में बंद है। उसके खिलाफ साल 2021 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके खिलाफ दफा 323, 506, 504, 308 आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज हैं। यानी कारतूस सिंह के खिलाफ जानबूझकर किसी को चोट पहुँचाना, किसी को जान से मारने की धमकी देना, जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना, और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज है।
दोषी पुलिसवाले सस्पेंड
हमीरपुर जिले के एडीजे कोर्ट द्वितीय में कारतूस यादव के खिलाफ दूसरा मामला था। जेलर शिव मूरत के मुताबिक उसी वजह से कारतूस यादव को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन ये सब कैसे हुआ इस बारे में जेलर ने जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। उधर जब ये बात आगे बढ़ी तो पुलिस महकमा फौरन हरकत में आ गया। पुलिस के एसपी अपर्णा गुप्ता ने पहली नज़र में ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिसवालों को दोषी पाया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक सत्यम ने बताया कि सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो गया जिसमें कारतूस यादव अपने दुश्मनों को गाली देकर धमकी देता दिखाई पड़ रहा था।
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