RO/ARO, फिर UP Police पेपर लीक, दोनों का मास्टरमाइंड है राजीव नयन मिश्रा!

UP Police Exam: यूपी एसटीएफ सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने कई खुलासे किए हैं।

प्रतिकात्मक तस्वीर

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05 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 5 2024 6:05 PM)

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संतोष शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
UP Police Exam: यूपी एसटीएफ सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने कई खुलासे किए हैं। राजीव RO/ARO का पेपर लीक करने में शामिल था। उसकी निशानदेही पर कोचिंग संचालक अमित सिंह को भी अरेस्ट किया गया है।अमित गोंडा का रहने वाले था। आरोपी अमित सिंह ने एसटीएफ से पूछताछ में बताया कि वह लखनऊ में कॉमर्स की कोचिंग चलाता था। उसी दौरान बलिया के दीपक दुबे के माध्यम से मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के संपर्क में आया था।

आरोप है कि कि अभ्यर्थियों को राजीव के नैनी प्रयागराज स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में ले जाकर पेपर पढ़वाया गया था। बाकी लड़कों को डॉक्टर शरद सिंह ने अपनी कार व अन्य गाडियों से लखनऊ के प्लासियो मॉल के पास बैठाकर लगभग 02 घंटे तक पेपर पढ़ाया था व उनको परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया था।

इसके लिए लाखों रुपए राजीव को मिले थे और उसने आगे भी पैसे दिए थे। इस सिलसिले में पुलिस अब पूरा नेटवर्क खंगालने में जुट गई है।

UP Police Paper Leak Mastermind Arrested: हाल ही में यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक (UP Police Paper Leak) मामले में मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। वो पहले भी कई बड़े एग्जाम के पेपर लीक करवा चुका है और जेल भी जा चुका है।

इस मामले में 300 से ज्यादा आरोपी अभी तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पूरे मामले की जांच यूपी की एसटीएफ कर रही है।

17 और 18 फरवरी 2024 को यूपी में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद इसका पेपर कई घंटों पहले सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था। इसके बाद पूरे राज्य में छात्रों ने जमकर हंगामा किया।

करीब 50 लाख अभ्यार्थियों ने ये पेपर दिया था। करीब 60 हजार पदों के लिए ये परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को निरस्त करने का आदेश दिया था और ये कहा था कि ये परीक्षा 6 महीने में दोबारा कराई जाए।

जांच कमेटी की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि परीक्षा रद्द होने के बाद से भर्ती बोर्ड की इंटर्नल असेसमेंट कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पाई थी और ना ही समय पर मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

इसके साथ-साथ RO/ARO पेपर भी लीक हुआ था। यूपी के 56 जिलों में बीते 11 फरवरी को हुई RO-ARO यानी समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को लेकर सरकार ने कड़ा फैसला लिया था।

एक साथ इतने पेपर लीक होने के बाद कई सवाल खड़े हो गए है। खासकर यूपी सरकार इसको लेकर चिंतित है। इसी वजह से कड़ा एक्शन लिया गया था।

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