तिहरे हत्याकांड के मुजरिम पूर्व विधायक उदयभान करवरिया नैनी सेंट्रल जेल से रिहा, पत्‍नी और समर्थकों ने किया स्‍वागत

Udaybhan Karwariya: पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को आखिरकार नैनी सेंट्रल जेल से गुरुवार सुबह रिहा कर दिया गया।

CrimeTak

• 12:39 PM • 25 Jul 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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तिहरे हत्याकांड के मुजरिम पूर्व विधायक रिहा

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उदयभान ने काटी करीब 8 सालों की सजा

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समर्थकों ने किया स्वागत

Udaybhan Karwariya: पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को आखिरकार नैनी सेंट्रल जेल से गुरुवार सुबह रिहा कर दिया। इस दौरान उसकी पत्‍नी और समर्थकों ने उसका स्‍वागत किया। दरअसल, राज्यपाल ने पूर्व विधायक की सजा को कम कर दिया था। इसके बाद से वो सुर्खियों में बने हुए थे। उसे उम्र कैद की सजा हुई थी। पूर्व विधायक ने करीब 8 साल जेल में बिताए थे। बाकी सजा को माफ कर दिया गया। यह आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था।

जेल के बाहर उनके सर्मथक मौजूद थे। ये रिहा गुरुवार तड़के हुई। आपको बता दें कि पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को MLA जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये हत्याकांड 13 अगस्त 1996 को प्रयागराज में हुआ था। 

जेल से बाहर आकर उदयभान ने कहा - न्याय की बात होती तो हमें जेल नहीं जाना पड़ता। हम तो प्रोफ़ाइल का शिकार होकर फंस गए। हमने समाज की सेवा की है और आगे भी करना है।

क्या कहा गया था आदेश में?


आदेश में कहा गया था - 30 जुलाई 2023 तक उदयभान करवरिया ने 8 साल 3 माह 22 दिन की अपरिहार सजा और 8 वर्ष 9 माह 11 दिन की सपरिहार सजा काट ली है। आदेश में कहा गया था कि एसपी और डीएम प्रयागराज के संतोषानुसार दो जमानतें, उतनी ही धनराशि का एक जमानती मुचलका प्रस्तुत करने पर बंदी को मुक्त कर दिया जाए। 

13 अगस्त 1996 को सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को दिनदहाड़े प्रयागराज में गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस मामले में अदालत ने 4 नवंबर 2019 में पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया, उनके साथी रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

दो बार रहा है विधायक

उदयभान करवरिया बीजेपी के टिकट पर ये दो-दो बार विधायक भी रह चुके हैं। उदयवीर पर एक विधायक, विधायक के ड्राइवर और एक राहगीर को एके-47 से छलनी कर देने का इल्ज़ाम था। अदालत ने तीन क़त्ल के लिए बाकायदा इन्हें और इनके रिश्तेदारों को सिर्फ पांच साल पहले ही उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने से तीन साल पहले ये पकड़े गए थे और जेल चले गए थे। एफआईआर में उदयभान, उनके भाई कपिल मुनि करवरिया, चाचा सूरजभान करवरिया और उनके साथी रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू का नाम दर्ज था। 

अक्टूबर 2018 में बाकायदा उत्तर प्रदेश सरकार ने सेशन कोर्ट में करवरिया बंधुओं के खिलाफ केस वापसी की अर्जी डाल दी थी। सरकार का कहना था कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुकदमा जारी रखने का फरमान सुनाया। उदयभान अपने भाइयों के साथ प्रयागराज के ही नैनी जेल में बंद था, लेकिन अब राज्यपाल के फैसले से वो रिहा हो गया। 

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