जौनपुर में BJP नेता की गोली मारकर हत्या, धनंजय सिंह की पत्नी के खिलाफ लड़ा था चुनाव

UP News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रमोद यादव को बदमाशों ने गोली मार दी.

Crime Tak

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07 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 7 2024 3:10 PM)

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UP News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रमोद यादव को बदमाशों ने गोली मार दी. इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई. प्रमोद यादव ने 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जौनपुर की मल्हनी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में सपा के पारसनाथ यादव ने जीत हासिल की थी, जबकि जागृति सिंह दूसरे स्थान पर रहीं थीं. हालांकि, साल 2017 में धनंजय और जागृति का तलाक हो गया। उसके बाद धनंजय ने तीसरी शादी श्रीकला रेड्डी से की, जो वर्तमान में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं.

प्रमोद यादव की हत्या में अभी तक किसी पर आरोप तय नहीं किया गया है. पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी है. इसके लिए वे नियमित रूप से सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और चश्मदीदों की तलाश कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, यह घटना जौनपुर के बक्सा थाना क्षेत्र के बोधापुर मोड़ की है. जहां बदमाशों ने बीजेपी नेता प्रमोद यादव को गोली मार दी. घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी.

गौरतलब है कि पिछले बुधवार को ही पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मंगलवार को उन्हें दोषी करार दिया गया.

किस मामले में दी गयी है सजा?

10 मई 2020 को मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने जौनपुर के लाइन बाजार थाने में धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि विक्रम अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था.

धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर वहां आये और उनके साथ गाली-गलौज की तथा घटिया सामग्री देने का दबाव बनाया. उसके इनकार करने पर धमकी देकर रंगदारी मांगी गयी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धनंजय सिंह और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई.

धनंजय सिंह नहीं लड़ सकेंगे चुनाव!

पिछले शनिवार को जब बीजेपी ने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी तो धनंजय सिंह ने भी चुनाव लड़ने का संकेत दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा था कि दोस्तों! तैयार रहें... लक्ष्य बस एक, लोकसभा 73, जौनपुर. हालांकि अब धनंजय को सात साल की जेल हो गई है, लेकिन अब अगर उन्हें ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकती हैं. आपको बता दें कि वर्तमान में श्रीकला रेड्डी जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष हैं.

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