UP Crime News: भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर पर गोली चलाने वाले चार हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन हमलावरों को यूपी पुलिस ने अंबाला से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में से तीन देवबंद के रहने वाले हैं जबकि एक आरोपी हरियाणा का रहने वाला है। जानकारी ये भी मिली है कि सभी हमलावर अंबाला कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले थे। पकड़े गए हमलावरों में तीन देवबंद के ग्राम रणखंडी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इनमें से एक युवक 15 दिन पहले ही जेल से छूट कर बाहर आया है। गिरफ्तार किए गए तीन युवक प्रशांत, विकास और लविश देवबंद के हैं जबकिचौथा आरोपी विकास गोंदर निसिंग हरियाणा का रहने वाला है।
चंद्रशेखर आजाद पर गोली चलाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, अंबाला से हुई गिरफ्तारी
UP Crime News: गिरफ्तार किए गए तीन युवक प्रशांत, विकास और लविश देवबंद के हैं जबकिचौथा आरोपी विकास गोंदर निसिंग हरियाणा का रहने वाला है।
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चंद्रशेखर आजाद
01 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 1 2023 6:30 PM)
हमलावर अंबाला कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले थे
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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर बुधवार शाम हुए हमले में इस्तेमाल की गई कार जिले के मिरगपुर गांव से बरामद कर ली गई है। इस बीच, आजाद को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गयी है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
हमले में इस्तेमाल की गई कार जिले के मिरगपुर गांव से बरामद कर ली गई
पुलिस के अनुसार हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किया गया वाहन सहारनपुर जिले के एक गांव से बरामद किया गया। घटना के संदर्भ में आजाद के सहयोगी मनीष कुमार की शिकायत पर देवबंद थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और अनुसूचित जाति, जनजाति निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि आजाद की आज सहारनपुर के जिला चिकित्सालय से छुट्टी कर दी गयी। आजाद को बुधवार शाम देवबंद में हमला होने के बाद सहारनपुर के जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
मैं दर्द के लिए दवा ले रहा हूं
जिला चिकित्सालय से छुट्टी मिलने पर पत्रकारों से बातचीत में चन्द्रशेखर ने कहा कि वह बेहतर महसूस कर रहे हैं और उनका रक्तचाप स्थिर है। उन्होंने कहा, 'मैं दर्द के लिए दवा ले रहा हूं और उम्मीद है कि अगले दो-तीन दिनों में ठीक हो जाऊंगा।' उन्होंने आरोप लगाया, ''इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुछ न बोलना यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में अपराध को संरक्षण दे रहे हैं।''
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