भाजपा नेता गौरव भाटिया से मारपीट का मामला, कोर्ट ने यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया हैंडल को जारी किया नोटिस

बदसलूकी की घटना के संबंध में उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियों को लेकर कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल को नोटिस जारी किया।

फाइल फोटो

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05 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 5 2024 9:10 PM)

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UP Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया से नोएडा की एक अदालत में हुई बदसलूकी की घटना के संबंध में उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियों को लेकर कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने मामले में अन्य पक्षों को सुने बिना आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए अंतरिम राहत की याचिका पर 13 प्रतिवादी यूट्यूब चैनल और ‘एक्स’ हैंडल को नोटिस जारी किया। अदालत ने मानहानि मुकदमे पर समन जारी किया और मामले को आठ अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उच्च न्यायालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) और गूगल को भी नोटिस जारी किया। 

गौरव भाटिया की याचिका पर दिल्ली HC ने भेजा नोटिस

सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी घटना का संज्ञान लिया है। भाटिया ने वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में ‘एक्स’ और यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियों को लेकर 13 प्रतिवादियों को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है कि वे अपनी टिप्पणियों को लेकर दो करोड़ रुपये से अधिक की क्षतिपूर्ति करें। उन्होंने भाटिया के खिलाफ कोई भी मानहानिकारक आरोप प्रसारित करने पर प्रतिवादियों को स्थायी रोक का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया। भाटिया के वकीलों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले का स्वत: संज्ञान लिए जाने के बावजूद वीडियो में निराधार आरोप लगाए गए हैं। वकीलों ने यह भी कहा कि एक वीडियो में हिंसा को उचित ठहराया गया है और इस तरह के वीडियो से वकीलों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है। 

यूट्यूब चैनल पर BJP प्रवक्ता ने किया था मानहानि का केस

अवस्थी ने कहा कि कुछ वीडियो में आरोप लगाया गया है कि भाटिया यूट्यूबर एल्विश यादव की तरफ से पेश होने के लिए नोएडा की अदालत में गए थे, लेकिन यह आरोप पूरी तरह से झूठ है। भाटिया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को गौतम बुद्ध नगर जिला अदालत में भाटिया के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का 21 मार्च को संज्ञान लिया था। न्यायालय ने संबंधित जिला न्यायाधीश को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि अगले आदेश तक घटना की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाए। शीर्ष अदालत ने घटना पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसने कहा था कि बार के सदस्यों की हड़ताल से उन वादियों पर असर पड़ा जो न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी भाटिया के साथ जिला अदालत में हुए दुर्व्यवहार की निंदा की थी।

(PTI)

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