UP Crime: हनीट्रैप, किडनैपिंग और हत्या, साड़ी कारोबारी की हत्या कर लाश गंगा में फेंक दी!

Varanasi Murder: महिला ने कारोबारी को अपने जाल में फंसाकर किडनैप कर लिया और फिरौती की मांग की। फिरौती की रकम ना मिलने पर महिला ने अपने पति वा साथियों के साथ मिलकर कारोबारी को मौत की नींद सुला दिया।

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18 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:34 PM)

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वाराणसी से रोशन जायसवाल की रिपोर्ट

UP Crime News: वाराणसी (Varanasi) में एक बनारसी साड़ी (Saree) के कारोबारी (Businessman) की किडनैपिंग (Kidnapping) और मर्डर (Murder) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। साजिश के तहत बीमा एजेंट की रूप धारण कर महिला ने कारोबारी को अपने जाल में फंसाकर किडनैप कर लिया और फिरौती की मांग की। फिरौती की रकम ना मिलने पर महिला ने अपने पति वा साथियों के साथ मिलकर कारोबारी को मौत की नींद सुला दिया।

हत्या के इस मामले में पुलिस ने बीमा एजेंट महिला, उसके पति और पति के दोस्त को गिरफ्तार किया है।  हैरानी की बात ये है कि कोरबारी की हत्या में खुलासा तो हो गया है लेकिन अब तक 50 वर्षीय साड़ी कारोबारी महमूद आलम का शव गंगा नदी से बरामद नहीं किया जा सका है। पुलिस गोताखोरों की मदद से शव की तलाश में जुटी है।  

दरअसल इस किडनैपिंग की साजिश तीन लोगों ने मिलकर रची थी। प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम नाम का शख्स पहले शाइन सिटी से जुड़ा हुआ था। कंपनी के भाग जाने के बाद से वह चौक में साड़ी का काम किया करता था। प्रवीण उर्फ प्रेम चौहान को पैसों की जरुरत थी लिहाजा उसने अपने दोस्त अनिरुद्ध पाण्डेय और उसकी पत्नी दिव्या सिंह उर्फ अंजली पांडे के साथ मिलकर महबूब आलम का अपहरण कर पैसा वसूलने की प्लानिंग की।

प्लानिंग के मुताबिक दिव्या सिंह उर्फ अंजली पांडे ने महबूब आलम से बातचीत शुरु की और उसे बताया कि वो एक बीमा एजेंट है। धीरे-धीरे फोन कॉल व्हाट्सएप कॉल के जरिए दोनों में करीबी हो गई। आरोपियों ने 13 जनवरी को दालमंडी से नया फोन खरीदा और 14 जनवरी को प्रवीण, अनिरुद्ध और अंजलि XUV500 यूपी 65 सीबी 7799 में बैठकर बस अड्डे के पास पहुंचे।

यहां प्लानिंग के तहत अंजलि ने महबूब को मिलने के लिए बुलाया। कुछ ही देर बाद महबूब बस अड्डे पहुंच गए जहां पहले से कार में इंतजार कर रही अंजलि, उसका पति और अनिरुद्ध को हीईवे पर ले गए और उसके हाथ पैर बांध दिए। अपहरण कर बीएलडब्लू चौकाघाट होते हुए रिंग रोड से जौनपुर रोड पर पहुंचे। तब तक अंधेरा हो चुका था। फूलपुर बाईपास पर सुनसान स्थान पर गाड़ी रोककर अपहृत से 20 लाख रुपयों की मांग की।

अगवा किए गए महबूब ने इतने रुपए ना होने की बात कही तब इन लोगो के कहने पर घर से 8 लाख रुपये मंगाने के लिए बेटे को फोन करवाया। फोन पर महबूब आलम ने बेटे से मुश्किल में होने और 8 लाख की व्यवस्था करने की बात कही। बेटे को पिता के इस कॉल के बाद शक हो गया। इस बीच तीनों ने फोन भी बंद कर लिया।

आरोपियों ने महबूब के एटीएम का पिन पूछकर बाबतपुर के पास मौजूद एटीएम से 90,000 रुपये निकाल लिए। पेसे निकालने का बाद आरोपियों ने जौनपुर हाईवे पर जलालपुर केराकत चंदवक आकर गोमती नदी में मोबाइल फोन फेक दिया।

आरोपियों ने गाजीपुर रोड से वापस लौटते वक्त चुनार के पास गंगा नदी पुल के पास महबूब आलम की दुपट्टा और मोबाइल के डाटा केबल से गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपियों ने शव को चुनार गंगा पुल से नदी में फेंक दिया और दोबारा एटीएम से 90 हजार रुपये निकाले।

आरोपी हत्या के बाद पांण्डेयपुर पहुंचे जहां प्रवीण ने अनिरुद्ध और उसकी पत्नी दिव्या को उनसे घर पर उतार दिया। दोनों को उतार कर अनिरुद्ध अपने गांव मऊ की तरफ रवाना हो गया। मऊ जाते समय चिरईगांव में एटीएम से आरोपी ने 10 हजार रुपए निकाले और रास्ते में एटीएम कार्ड तोड़ कर फेंक दिया। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस, एटीएम डीटेल और सीसीटीवी की मदद से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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