डॉन मुख्तार अंसारी की पेशी पर कोरमा बिरयानी का इंतज़ाम, डॉन के कचहरी पहुंचते ही सजती थीं मुगलई डिशें, अब तो है बस जेल की तन्हाई और सख्तियां

UP GANGSTER MUKHTAR: वो जब उत्तर प्रदेश की जेल से कोर्ट के लिए निकलता था। जेल से लेकर कचहरी तक आगे पीछे मुख्तार अंसारी का काफिला गाड़ियां गिनते गिनते लोग थक जाते थे।

अदालत का फैसला

अदालत का फैसला

30 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 30 2023 7:18 PM)

follow google news

UP CRIME NEWS GANGSTER: आज आए दिन अखबारों और टीवी चैनल में खबरें रहती हैं कि मुख्तार अंसारी माफिया डॉन टूट गया है। पूरब का रॉबिनहुड कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी की योगी सरकार ने कमर तोड़ दी है। बड़े-बड़े मुकदमे चल रहे हैं। जो फाइल है बंद थी वह खोल दी गई हैं।

कई केस में मुख्तार को सज़ा

क्या ईडी क्या इनकम टैक्स और क्या सीबीआई। आखिर में उत्तर प्रदेश पुलिस की तमाम तरह की जांचें चल रही हैं। कई केस ऐसे हैं जैसे मुख्तार अंसारी को सजा हो चुकी है और वह जेल में सड़ रहा है। आपको बता देते हैं कि ये वही मुख्तार अंसारी है। वो जब उत्तर प्रदेश की जेल से कोर्ट के लिए निकलता था। जेल से लेकर कचहरी तक आगे पीछे मुख्तार अंसारी का काफिला गाड़ियां गिनते गिनते लोग थक जाते थे। 

डॉन की पेशी और दावत

एक किस्सा आंखों देखा यह भी है कि मुख्तार अंसारी किसी पेशी के लिए जब लखनऊ की जिला अदालत परिसर पहुंचा तो वहां पर बाकायदा वकील के चेंबर के पीछे अहाते में खाने की बड़ी-बड़ी डेग और प्लेटें सजी हुई थीं। पता चला कि बावर्ची से यह मुगलई खाने का इंतजाम मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों के लिए कराया गया है। खाने की बात करें तो खाने में कोरमा और बिरयानी की डेगें शामिल थीं। यानि एक साथ 100 से ज्यादा लोग वहां खाना खा सकते थे। 

वो गुजरे दिन अब कहाँ 

जरा सोचिए किस तरह का इंतजाम हुआ करता था मुख्तार अंसारी की पेशी पर। वही मुख्तार अंसारी जो आज जज के सामने गिड़गिड़ा गिड़गिड़ा कर अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा है। वही मुख्तार अंसारी जो आज के दौर में कोर्ट को अपनी बीमारियां गिनवा रहा है और जेल में इलाज न मिल पाने की दुहाई दे रहा है। मुख्तार अंसारी जब कचहरी और पेशी पराया करता था तो उसके चाहने वाले उसके लिए तोहफा की लाइन लगा दिया करते थे। महंगे कपड़े महंगे जूते महंगे और गिफ्ट मुख्तार अंसारी के लिए पेश किए जाते थे। वह जहां जब जैसे चाहता था उसे तरीके से खाने इंतजाम किया जाता था लेकिन अब दौर बदला है ना वह वक्त रहा और ना वह भौकाल। अब तो बस जेल की सख्तियां हैं और मुख्तार अंसारी का कभी ना खत्म होने वाला इंतजार जो अदालतों की दहलीज पर फैसलों का इंतजार कर रहा है।

    follow google newsfollow whatsapp