UP Crime: फर्जी एनकाउंटर में हत्या करने वाले नौ पुलिसवालों को सजा, 5 को उम्रकैद व पांच को पांच साल की सजा

Ghaziabad Crime: इस फर्जी मुठभेड़ के मामले मे गाज़ियाबाद की CBI कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया, कोर्ट ने दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों में से पांच को उम्रकैद की सजाव चार को पांच साल की सजा का ऐलान किया है।

CrimeTak

21 Dec 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:32 PM)

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Ghaziabad Crime News: साल 2006 में उत्तरप्रदेश के एटा (Etah) में यूपी पुलिस (UP Police) ने फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter) किया था। इस फर्जी मुठभेड़ के मामले मे गाज़ियाबाद की CBI कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों में से पांच को उम्रकैद की सजा और चार को पांच पांच साल की सजा का ऐलान किया है।  

अदालत ने फर्जी मुठभेड़ के इस मामले में 5 दोषियों में शामिल राजेन्द्र प्रसाद, सरनाम, पवन पाल सिंह ठेनवा, मोहकम सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि 4 अन्य दोषियों बलदेव, अजय सिंह, सुमेर सिंह और अवधेश रावत को पांच-पांच साल की सजा का ऐलान किया है।

इसके अलावा सीबीआई अदालत ने इन सभी पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। मंगलवार को कोर्ट ने 9 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था और बुधवार को सजा का ऐलान किया है। गौरतलब है साल 2006 में एटा पुलिस ने एक कारपेंटर को शातिर अपराधी बताकर एनकाउंटर दिखाकर उसकी हत्या कर दी थी।

साल 2006 में एटा जिले के सुनहेरा गांव में यह घटना हुई थी। सुनहरा के रहने वाले राजाराम कारपेंटर की हत्या पुलिसवालों ने की थी। हत्या के बाद एटा में तैनात पुलिसकर्मियों ने कहानी गढ़ी और मीडिया को जानकारी दी कि राजाराम एक डकैत है और उसने डकैती की वारदात को अंजाम दिया है। एटा पुलिस ने कहानी बनाई कि पुलिस टीम जब राजाराम को गिरफ्तार करने पहुंची तो राजाराम ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।

जानकारी के मुताबिक इस एनकाउंटर में 10 पुलिसकर्मियों की टीम ने हिस्सा लिया था। इस टीम के एक तत्कालीन डिप्टी एसपी पवन सिंह रिटायर हो चुके हैं जबकि टीम से जुड़े बाकी के 9 पुलिसवाले कई जिलों में तानात हैं।

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