UMAR KHALID के भाषण को वकील ने एकता का संदेश बताया, अब 3 व 6 सितंबर को सुनवाई

23 अगस्त को हुई सुनवाई में उमर खालिद के वकील ने पुलिस की तरफ से लगाए आरोपों को मनगढ़ंत बताया.

CrimeTak

26 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:03 PM)

follow google news

UMAR KHALID NEWS : पिछले साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों के मुख्य आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. 23 अगस्त को हुई सुनवाई में उमर खालिद के वकील ने पुलिस की तरफ से लगाए आरोपों को मनगढ़ंत बताया.

वकील ने ये भी दावा किया गया कि जिस वीडियो को दंगा भड़काने के लिए जिम्मेदार माना गया था दरअसल उसमे एकता का संदेश दिया गया है. ये भी दावा किया गया कि इस वीडियो को एक बीजेपी नेता ने पुलिस को दिया था. जिसके बाद देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. कोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई 3 और 6 सितंबर को होगी.

फरवरी 2020 में हुए थे दंगे

बता दें कि उत्तर-पूर्व दिल्ली में पिछले साल फरवरी में दंगे भड़के थे. सीएए के विरोध और पक्ष वाले लोगों के बीच 23 फरवरी और 26 फरवरी को ये दंगे हुए थे. इसमें कम से कम 53 लोगों की मौत होने की खबर आई थी. कई घायल हुए थे.

इसी दंगे को भड़काने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. इस पर The Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act (UAPA) के तहत कार्रवाई हुई थी. पुलिस ने इस मामले में 22 नवंबर 2020 को चार्जशीट पेश की थी.

कोर्ट में 21 मिनट के भाषण की दिखाई वीडियो

उमर खालिद के वकील त्रिदीप पेस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत को बताया कि दिल्ली पुलिस के दावे में विरोधाभास है. इस दौरान वकील ने कोर्ट में उमर खालिद के भाषण की 21 मिनट की वीडियो क्लिप भी दिखाई.

वीडियो के आधार पर वकील ने दावा किया कि उस दिन उमर खालिद ने गांधी जी पर आधारित एकता का संदेश दिया था. जबकि इसे ही आतंक करार दिया गया. सामग्री भी देशद्रोही नहीं है. वो लोकतांत्रिक सत्ता की बात कर रहे हैं.

दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का किया था विरोध

वहीं, दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कोर्ट में कहा था कि जमानत याचिका में कोई दम नहीं है. बता दें कि अप्रैल में ही जेएनयू के पूर्व छात्र को दंगों के एक मामले में जमानत दे दी गई थी. उस समय अदालत ने ये कहते हुए जमानत दी थी कि घटना की तारीख में मौके पर वो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं था.

इनके अलावा, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर भी मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया हुआ था.

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp