देखे वीडियो - Udaipur Murder Case : 'उसने हमारे परिवार और गांव का नाम खराब किया है, कड़ी से कड़ी सजा मिले'

Udaipur Murder Case : कन्हैया लाल kanhaiya lal की निर्मम हत्या करने वाले रियाज के परिवार वाले शर्मिंदा है। उन्होंने कहा है कि इस घटना की रियाज को सज़ा मिलनी चाहिए।

CrimeTak

29 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:21 PM)

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प्रमोद तिवारी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Udaipur Murder Case : 'मेरे भाई ने गलत काम किया है, वो आसींद रहता था तब ऐसा नहीं था, उसे सज़ा मिले, उसने हमारे परिवार और गांव का नाम खराब किया है।' ये कहना है रियाज के भाई अब्दुल अय्यूब का। रियाज के घर वालों का कहना है कि उसने हमारा और गांव का नाम खराब किया है। टेलर कन्हैया लाल के जघन्य हत्याकाण्ड के आरोपी रियाज अतारी का कनेक्शन भीलवाड़ा जिले के आसीन्द से होने के बाद भीलवाड़ा पुलिस ने सतर्कता बढ़ाते हुए रियाज के घर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

10 भाइयों में सबसे छोटा था रियाज

राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की गला रेतकर निर्मम हत्या करने का एक आरोपी मोहम्मद रियाज अतारी भीलवाड़ा जिले के आसींद का रहने वाला था। 10 भाई-बहनों में सबसे छोटा मोहम्मद रियाज लगभग 20 साल पहले आसीन्द छोड़कर उदयपुर में ही रहने लगा था। रियाज अपने पिता के निधन के बाद उदयपुर जा बसा था। रियाज के पिता का नाम जब्बार लुहार था। 2001 में उनके निधन के बाद रियाज उदयपुर आ गया था। रियाज के भाइयों अब्दुल अय्यूब, इकराम, सरफूद्दीन और सिकन्दर का परिवार आसीन्द कस्बे में रहता है। आसीन्द में रहने वाले इसके दो भाई इकबाल और युसुफ की मौत हो चुकी है। रियाज के दो भाई सिराज और इस्लाम अजमेर जिले के विजयनगर में रहते हैं। विजयनगर में रहने वाले एक भाई कय्यूम की भी मौत हो चुकी है।

कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के आरोपी रियाज के भाई अब्दुल अय्यूब ने हमारे सहयोगी चैनल आजतक से बातचीत करते हुए कहा, 'मेरे भाई ने गलत काम किया है, वो आसींद रहता था तब ऐसा नहीं था, उदयपुर में किसके सम्पर्क में आया? मुझे पता नहीं, उसे सज़ा मिले, उसने हमारे परिवार और गांव का नाम खराब किया है।' इसके साथ ही हत्यारोपी रियाज के भतीजे ने कहा, 'मेरे चाचा ने जो किया है, वो गलत है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।'

हत्या के आरोपी रियाज के पिता अब्दुल जब्बार लुहार मूलरूप से जैसलमेर जिले के भाटी लुहार है, जो वेल्डिंग और लुहार का काम करते थे। वो जैसलमेर से आकर आसीन्द और विजयनगर में बस गये थे। अभी भी परिवार के लोग वेल्डिंग का ही काम करते हैं।

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