जेल से छूटने के 5 दिन बाद ही लगाई थी जान बचाने की गुहार, समझें आख़िर क्या रही वारदात की असली वजह?

Udaipur murder: 10 जून को कन्हैयालाल गिरफ़्तार किया गया, 10 जून को ही उसकी ज़मानत हुई, फिर 15 जून को उसने ख़ुद को मिल रही धमकियों की शिकायत दी, जिसके बाद हुआ था समझौता

CrimeTak

29 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:21 PM)

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उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल (Kanhaiyalal) की हत्या (Murder) के मामले में अब उन लोगों पर जांच (Investigation) की तलवार लटक रही है, जिन्होंने कन्हैयालाल की ओर से की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कन्हैयालाल और मुस्लिम समाज (Muslim) के लोगों के बीच समझौता करवाया था. सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब ये समझौता हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों ने बात को आगे ना बढ़ाने की बात कही थी, तो फिर आख़िर ये वारदात कैसे हो गई?

आइए इस मामले के पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार तरीक़े से समझते हैं. इस मामले में सबसे पहले 10 जून को कन्हैयालाल के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि कन्हैयालाल ने हज़रत मोहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी को आगे प्रसारित किया है. इस पर पुलिस ने कन्हैया लाल को गिरफ़्तार किया था. हालांकि उसे उसी रोज़ ज़मानत मिल गई.

हालांकि कन्हैया को लगातार धमकियां मिल रही थीं. जिसके बाद उसने 15 जून को थाने में इसे लेकर शिकायत भी दी थी. जिसके बाद इलाक़े के थानेदार ने उन लोगों बुलाया था, जो कन्हैया को धमाका रहे थे. इसके बाद दोनों पक्षों के कुछ लोगों को बुलाया गया. समझौता करवाया गया. दोनों पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर भी किए. लेकिन अब जब ये वारदात हो गई है, तो फिर सवाल है कि आख़िर ये हुआ कैसे? मुस्लिम समाज के ख़ास लोगों ने ऐसी वारदात को रोकने के लिए क्या किया? क्या सिर्फ़ समझौता करवा कर घर चले गए?

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