ये है बदमाशों की C कंपनी, कई राज्यों की पुलिस के लिए ऐसे बने सिरदर्द

Top most gangster of north india

CrimeTak

31 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)

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दरअसल किसी CORPORATE COMPANY की तरह से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में सक्रीय इन गैंग्स ने आपस में TIE UP कर रखा है।ये गैंग न केवल एक दूसरे की वारदात में मदद करते हैं बलकि इस कंपनी के खिलाफ काम करने वाले दूसरे गैंग के लोगों को रास्ते से हटाने में जरा भी नहीं हिचकते।

जब काला जठेड़ी का सुराग नहीं मिल पा रहा था तो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की जेलों में बंद 5 कुख्यात अपराधियों को पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर आई। इन सबसे लंबी पूछताछ हुई और इनके खिलाफ मकोका के तहत मामला भी दर्ज किया गया। पुलिस जिन बदमाशों को दूसरे राज्यों की जेलों से दिल्ली लाई है उनमें शामिल है लॉरेंस विश्नोई, संपत्त नेहरा, जग्गू भगवानपुरिया, राजू बसौदी और मंजीत महाल शामिल हैं।

पढ़िए इन गैंग्सटर के अपराधिक इतिहास की पूरी कुंडली

काला जठेड़ी

संदीप काला उर्फ काला जठेड़ी ने 12वीं तक पढ़ाई कि उसके बाद वो केबल के धंधे में उतर गया। जून 2009 में उसने रोहतक के सांपला में लूट और हत्या की वारदात को अंजाम दिया। बाद में रंजिश के चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मार्च 2010 में सोनीपत के गोहाना में हत्या की वारदात को अंजाम दिया इसके बाद काला जठेड़ी ने मुड़ के नहीं देखा। साल 2015 और 2016 में जठेड़ी को हत्या और हत्या के प्रयास में सजा सुनाई गई। वैसे तो वो जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था लेकिन वो जेल में ही रहकर पूरे गैंग को ऑपरेट कर रहा था। यही वजही थी कि उसे झज्जर जेल से गुरुग्राम की भोंडसी जेल शिफ्ट किया गया था।

1 फरवरी 2020 को फरीदाबाद कोर्ट में पेशी के बाद जेल लौटते वक्त गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर बदमाशों ने पुलिस वैन पर हमला कर संदीप को छुड़ा लिया। इस हमले में गुरुग्राम पुलिस का एएसआई जितेंद्र व सिपाही कृष्ण गोपाल घायल हो गए थे। क्राइम ब्रांच टीम ने हमले के तुरंत बाद भनकपुर के पास एनकाउंटर में तीन बदमाशों को पकड़ लिया था। हालांकि संदीप उर्फ काला जठेड़ी भाग निकला था। तब से काला जठेड़ी फरार था और अपनी गुनाह की सल्तनत चला रहा था।

लॉरेंस विश्नोई

पंजाब के फजिल्ला के अबोहर इलाके का रहने वाला कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई साल 2018 में उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब उसने जेल में बंद रहते हुए बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं इसके गैंग से जुड़े कुछ शूटर को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। ये शूटर मुंबई में सलमान खान के घर की रेकी करने गए थे.

लॉरेंस का आपराधिक इतिहास तब शुरू हुआ जब वह कॉलेज में पढ़ाई के दौरान चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। चुनाव में हारने के बाद इसने विरोधियों पर गोली चलाई थी। इसके बाद लॉरेंस ने कई जुर्म की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। जल्द ही इसने 007 नाम से अपना ग्रुप बनाया।

लॉरेंस के पिता पंजाब पुलिस में कांस्टेबल थे। लॉरेंस की पंजाब में करोड़ो की प्रॉपर्टी है। लॉरेंस हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में बड़े-बड़े व्यापारियों से वसूली करता है और पैसा नहीं देने पर हत्या करने में भी नहीं झिझकता। फिलहाल लॉरेंस और काला जठेड़ी एक साथ काम कर रहे हैं ।ये गैंग दिल्ली में बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहा है। लॉरेंस जेल से जुर्म का धंधा लगातार चला रहा है।

राजू बसोदी

दिल्ली और हरियाणा की पुलिस फाइलें राजू बसोदी के काले कारनामों से रंगी हुई हैं। राजकुमार उर्फ राजू राजू बसोदी ने बालिग होने से पहले ही साल 2004 में दिल्ली में पहली लूट की वारदात को अंजाम दिया था। उसके बाद उसने साल 2010 में पहली कत्ल की वारदात पारिवारिक रंजिश के चलते अपने गांव में अंजाम दी। इस हत्या के साथ राजू इतना बेखौफ हो गया कि उसने एक के बाद एक 19 हत्या की वारदात को अंजाम दे डाला। राजू बसोदी ने अपने इलाके के बड़े व्यापारियों से रंगदारी वसूली और लूट की कई बड़ी वारदात भी अंजाम दी।

जग्गू भगवानपुरिया

पंजाब में जग्गू भगवानपुरिया को सबसे अमीर गैंगस्टर माना जाता है। ड्रग्स में डील करने वाले जग्गू का अपराधिक इतिहास इतना पुराना नहीं है। पंजाब की तरन तारन पुलिस के मुताबिक साल 2011 तक जग्गू झपटमारी की वारदात को अंजाम दिया करता था।इसके बाद जग्गू ने झपटमारी छोड़ संगीन वारदात को अंजाम देना शुरु कर दिया जिसमें हत्या, लूटपाट और ड्रग तस्करी की वारदात शामिल थीं।इस वक्त जग्गू पर हत्या, लूट, झपटमारी, तस्करी के 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।

संपत्त नेहरा

हरियाणा में सक्रीय संपत्त नेहरा दरअसल लॉरेंस विश्नोई गैंग का ही बदमाश है। लॉरेंस के इशारे पर वो वारदात को अंजाम देता है। संपत्त नेहरा ने साल 2015 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में लॉरेंस का जूनियर था। उस वक्त लॉरेंस ने चुनाव लड़ा था और संपत्त ने उसका समर्थन किया था। लेकिन उसके साथ मारपीट की गई तो वह भी अपराध की दूनियां में उतर गया और अब तक कई राज्यों में उस पर 39 केस दर्ज हैं।

मंजीत महाल

दिल्ली में कुख्यात बदमाशों में से एक मंजीत महाल भी है। बाहरी दिल्ली के रहने वाले मंजीत महाल पर 25 से भी ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें सात हत्या और दस हत्या के प्रयास के हैं। मंजीत महाल पर नजफगढ़ के पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या का भी आरोप है। भरत सिंह की हत्या मार्च 2015 में कर दी गई थी। भरत सिंह किशन पहलवान के भाई थे और किशन पहलवान की पहले बाहरी दिल्ली के इलाके में तूती बोलती थी। मंजीत महाल पर एक दूसरे बदमाश सुनील उर्फ डॉक्टर के कत्ल का भी आरोप है। इसका ज्यादातर वक्त गुरुग्राम की भोंडसी जेल में ही गुजरता है। जनवरी 2017 में मंजीत महाल के पिता की घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने ज्योति गैंग के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया था। मंजीत महाल रंगदारी और जमीनों पर अवैध कब्जे करने के लिए बदनाम है।

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