Atiq Ashraf Murder: हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित, तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

UP Crime News: गृह विभाग ने कमीशन ऑफ़ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, आयोग दो महीने में शासन को अपनी रिपोर्ट देगा।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

16 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 17 2023 4:49 PM)

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Atiq Ashraf Murder Case: मेडिकल के बाद सरेआम अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच आयोद का गठन कर दिया है। यूपी के गृह विभाग ने ये जिम्मेदारी तीन सदस्यीय आयोग को सौंपी है। इस जांच आयोग को इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अरविंद कुमार त्रिपाठी ली करेंगे। जांच आयोग में रिटायर्ड डीजीपी सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी के अलावा दो और सदस्य होंगे।

जानकारी के मुताबिक जांच आयोग गृह विभाग की कमीशन ऑफ़ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत ही पूरे मामले की जांच करेगा और विस्तृत रिपोर्ट शासन को पेश करेगा। इस बीच दोपहर बाद हत्या के तीनों आरोपियों को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया। तीनों आरोपियों सनी सिंह, अरुण मौर्या व लवलेश तिवारी को 14 दिन की न्याययिक हिरासत में भेज दिया गया। गौरतलब है कि शुक्रवार को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर सरेआम हत्या कर दी गई थी। 

 

हत्या के तीन आरोपी

 

ये सनसनीखेज मर्डर कैमरे के सामने हुआ। मर्डर को 3 लोगों ने अंजाम दिया। तीनों पत्रकार बनकर आए थे। तीनों के गले में पत्रकार वाली आईडी थी। तीनों ने कैमरे के सामने गोलियों की बरसात कर दी। अतीक और उसके भाई अशरफ की कनपटी पर निशाना बनाकर गोली मारी गई जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई।

इस घटना के बाद उन हमलावरों को हिरासत में ले लिया गया। तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों हमलावरों ने बताया कि अतीक और अशरफ की हत्या करने की साजिश कुछ दिन पहले ही बना लिया था। तीनों हमलावरों ने बताया कि जब अतीक अहमद और अशरफ को 5 दिनों की रिमांड मिली थी तभी से दोनों की गोली मारकर हत्या करने की साजिश रच डाली थी  इसके बाद ही फर्जी तरीके से मीडिया के आईडी कार्ड बनवा लिए फिर जैसे ही मौका मिला वैसे ही दोनों को गोली मार दी।

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