1 रुपये से ज्यादा लेने से मना करने वाले इस भिखारी की मौत पर इस वजह से उमड़ी हजारों की भीड़

शनिवार को एक सड़क हादसे में हुचा बस्या की मौत हो गई थी जिसके बाद उनके परिवार ने उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौारन हजारों लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए साथ ही लोगों ने शहर में बैनर भी लगाए.

CrimeTak

17 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:09 PM)

follow google news

ऊपर दिख ये रही इस तस्वीर को जरा से ध्यान से देखिए. दाहिनी तरफ लोगों का हूजूम है. और बाईं तरफ एक मजबूर दिखने वाला शख्स. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन दोनों तस्वीरों में ऐसा क्या है? दरअसल, बाईं तरफ दिखने वाला शख्स एक भिखारी है. और दूसरी तरफ उमड़ी भीड़ उसी भिखारी की मौत पर है. ये भीड़ वैसी ही है जैसे किसी फिल्मी हीरो की मौत पर आखिरी दर्शन करने आती है. ये भीड़ ठीक वैसे ही है जैसे किसी मशहूर नेता की मौत पर आती है. लेकिन देश क्या बल्कि पूरी दुनिया में शायद ये इकलौती ऐसी तस्वीर होगी जिसमें किसी भिखारी की मौत पर हजारों की भीड़ उसके आखिरी दर्शन करने पहुंची हो.

अब जब इस भिखारी की पूरी कहानी जानेंगे तो ये समझ जाएंगे कि आखिर ऐसी कौन सी खासियत थी जिसकी वजह से ये भीड़ जुटी.

कर्नाटक (Karnataka) के बल्लारी जिले में हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग उमड़े. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बल्लारी के पास हाडागली शहर के लोगों की मानसिक रूप से विक्षिप्त भिखारी, बसवा उर्फ हुचा बस्या के साथ एक अच्छी बॉडिंग थी.

12 नवंबर को एक बस ने भिखारी को टक्कर मारी थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इसका नाम बसवा उर्फ हुच्चा बस्या था. लोगों के मन में उसके लिए काफी संवेदनाएं थी. उनके पार्थिव शरीर को आतिशे सुपुर्द करने के लिए एक लंबा जुलूस निकाला गया. कई लोगों मे सोशल मीडिया पर उनकी मौत का गम ज़ाहिर किया. लोगों का कहना है कि हुचा बस्या लोगों को अप्पाजी (पिता) के तौर पर बुलाया करते थे

दरअसल, वह भीख तो लेता था लेकिन एक व्यक्ति से एक रुपये से ज्यादा की भीख नहीं लेता था। वह भीख में सिर्फ 1 रुपया ही लेता था और अगर कोई शख्स उसे एक से ज्यादा रुपये देता तो वह उसके बाकि के पैसे वापस कर देता था। हालांकि, वह मानसिक रूप से कमजोर था।

यहां के कुछ लोगों का यह भी मानना था कि मृतक भिखारी जो भी कहता था, वह बात सच हो जाती थी। इसीलिए भी लोगों के मन में उसके लिए आदर था। यही वजह थी कि उसकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ जुटी। मृतक भिखारी की उम्र 45 साल बताई जा रही है।

रविवार को बसवा की अंतिम यात्रा निकाली गई थी। बसवा की अंतिम यात्रा में बैंड द्वारा संगीत बजाया गया।

    follow google newsfollow whatsapp