बाबा के दरबार में लग गया लाशों का अंबार, FIR में कहीं नहीं है 'बाबा भोले' का नाम, इन पांच धाराओं में दर्ज हुआ केस

Hathras Stampede: हाथरस (hathras) में जिस जगह सत्संग चल रहा था, वहां देखते ही देखते श्मशान बन गया। भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने FIR भी दर्ज की मगर उस एफआईआर में बाबा भोले का नाम ही नहीं है।

CrimeTak

03 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 3 2024 10:44 AM)

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हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट

Hathras Update: हाथरस का फुलरई गांव इस समय श्मशान बना हुआ है। यही वो जगह है जहां मंगलवार को पहले सत्संग हुआ और उसके बाद मौत का तांडव। अब तक इस गांव में 121 लोगों की मौत की खबर सुर्खियों में छाई हुई है जिनमें मरनेवाली 108 महिलाएं हैं। बाबा भोले के दरबार में सत्संग सुनने के लिए लाखों लोग मौजूद थे, मगर जैसे ही सत्संग खत्म हुआ तो अचानक वहां भगदड़ मच गई और बाबा के दरबार में अचानक लाशों का अंबार लग गया। इस सत्संग का आयोजन नारायण साकर हरि नाम के बाबा ने किया था। प्रशासन से सिर्फ 80 हजार तक लोगों को बुलाने की इजाजत थी मगर वहां इकट्ठा हो गए थे ढाई लाख से ज्यादा लोग। इस मामले में अब पुलिस ने जब आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की तो वहां भी जबरदस्त हेराफेरी दिखी।

FIR में बाबा नारायण साकार हरि का नाम ही नहीं

FIR में खास बात ये है कि बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद भगदड़ का तो जिक्र है लेकिन आरोपी के तौर पर उनका नाम नहीं है। हादसे का आरोपी मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अज्ञात सेवादार व आयोजकों को बनाया गया है। FIR के मुताबिक लाखों की भीड़ का अंदाजा होने के बावजूद आयोजकों ने मंजूरी लेने में ये बात छिपाई और सिर्फ 80 हजार लोगों के आयोजन की अनुमति ली। FIR के मुताबिक प्रवचन के बाद जब बाबा उठकर अपनी जगह से जाने लगे तो श्रद्धालु उनके मार्ग की चरण रज यानी धूल लेने लगे, लेकिन भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि धूल लेने झुके या बैठे लोग कुचलते चले गए। FIR के मुताबिक सेवादारों के कुप्रबंधन ने भी भगदड़ में अपना योगदान किया।

सेवादारों ने डंडों से भीड़ को जबरन रोकने की कोशिश की, जिससे भीड़ के दबाव में लोग कुचले गए। FIR में कहा गया है कि 80 हजार लोगों के मुताबिक पुलिस प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम था। लेकिन जब मामला बेकाबू हुआ तो सेवादारों ने कोई मदद नहीं उलटा जिन लोगों के चप्पल और सामान छूटे उन्हें पास के खेतों में फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश की गई। 

पांच धाराओं में दर्ज FIR

ये एफआईआर पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर के नाम के खिलाफ दर्ज की लेकिन उस FIR में कहीं भी नाम बाबा नारायण साकार विश्व हरि यानी भोले बाबा का नहीं दिखाई दिया। ये एफआईआर भारतीय न्याय संहिता यानी BNS के तहत धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत दर्ज की गई है।
 

- BNS 2023 के मुताबिक धारा 105 के तहत यदि 18 साल से कम आयु का कोई व्यक्ति, मानसिक रूप से बीमार, विक्षिप्त या नशे में धुत होकर आत्महत्या करता है, तो आत्महत्या के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।  
- BNS की धारा 110 के तहत कोई कार्य ऐसे आशय या ज्ञान से और ऐसी परिस्थितियों में करेगा कि यदि उस कार्य से किसी की मृत्यु हो जाती तो वह हत्या की कोटि में न आने वाले गैर इरादतन मानव वध का दोषी होता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, 
- BNS की धारा 126 (2) यानी किसी को भी गलत तरीके से रोकना
- BNS की धारा 223 लोक सेवक द्वारा उपेक्षा से परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना। 
- BNS की धारा 238 के तहत अपराध के साक्ष्य को गायब करना, या अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देना

अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं

हादसे के बाद से भोले बाबा फरार है। उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। पता चला है कि वह मैनपुरी के आश्रम में ही मौजूद है। मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने जांच में तेजी के निर्देश दिए हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि आयोजकों को 80 लोगों की भीड़ जुटाने की अनुमति मिली थी, मगर सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए। इस बीच, एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम भेजी है। कुछ अधिकारी मौके पर गए हैं, जबकि कुछ जिला अस्पताल पहुंचे हैं।

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