Online Gaming से कैसे 'कमाए' 75 लाख? जयपुर के इस लड़के की कलाकारी देखिये

GOPAL SHUKLA

25 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 25 2024 7:08 PM)

Online Gaming का क्रेज दुनिया भर के युवाओं के बीच जबरदस्त तरीके से जोर पकड़ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। मगर जयपुर में ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन एक लड़के ने इस गेम की बदौलत 75 लाख रुपये कैसे 'कमाए' जान कर पुलिस तो हैरान रह ही गई आपके भी होश उड़ जाएंगे।

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जयपुर से विशाल शर्मा की रिपोर्ट

Jaipur, Rajasthan: राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने महज चंद घंटों के भीतर ही 11 मिनट में गायब हुए 75 लाख रुपयों की कहानी का जो पर्दाफाश किया उसे सुनकर हर कोई हैरान है। ऑनलाइन गेमिंग और फिल्मी स्टाइल में लूट के इस गेम में इतने झोल थे कि पुलिस को उसके मास्टरमाइंड तक पहुँचने में ज्यादा वक़्त नहीं लगा। मगर जब पुलिस ने पूरा केस उजागर किया तो सुनने वाले हैरत में पड़ गए। क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग से शुरू होकर 75 लाख के जैकपॉट पर खत्म हुई ये कहानी जिस घर से शुरू हुई थी वहीं पर जाकर खत्म हो गई। 

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हथियारबंद बदमाश की Filmy Style में लूट

जयपुर पुलिस के पास मंगलवार की शाम करीब 5.30 बजे एक रिपोर्ट लिखाई गई। जिसमें दावा किया गया कि कुछ हथियारबंद बदमाशों ने बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया। खबर मिली थी कि कुछ हथियारबंद बदमाशों ने एक बिजनेसमैन के बेटे को उसी के फ्लैट में बंधक बनाकर 75 लाख रूपये लूट लिए। सबसे मजे की बात ये है कि शातिर बदमाशों ने वारदात से पहले बाकायदा फ्लैट की बेल बजाई और फिर पिस्तौल तानकर रुपयों से भरा बैग बिल्डिंग के 4th फ्लोर से नीचे फेंक दिया इसके बाद बैग को कार में रखकर फरार हो गए। इस सनसनीखेज वारदात की इत्तेला मिलते ही पुलिस के होश फाख्ता हो गए क्योंकि चाक चौबंद बंदोबस्त के बीच ये वारदात पुलिस के बंदोबस्त पर दाग लगा रही थी। तब पुलिस ने तेजी से इस मामले में एक्शन लिया। 

लूट की पूरी Script में झोल ही झोल

पुलिस के पास शिकायत यही दर्ज हुई थी कि वारदात गोपालबाड़ी के गोपाल टावर अपार्टमेंट की है। जहां शाम करीब पांच बजे बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर तीन लोग पहुँचे और प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले संतोष पूनिया के फ्लैट की बाकायदा घंटी बजाई। डोर बेल बजी तो कारोबारी के बेटे ने दरवाजा खोला। फ्लैट में दाखिल होते ही तीनों बदमाशों ने सबसे पहले कारोबारी के बेटे के सिर पर पिस्तौल तान दी और सीधे तिजोरी का ताला खुलवाया। बदमाशों ने तिजोरी में रखे 75 लाख से ज्यादा रुपये बैग में भरे और बैग को सीधे चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। इसके बाद तीनों बदमाश सीढ़ियों से नीचे उतरे और रुपयों से भरा बैग उठाकर गाड़ी में रखा और वहां से फरार हो गए।

Action में जयपुर की पुलिस

मौका मुआयना करने पहुँचे जयपुर साउथ डीसीपी दिगंत आनंद के मुताबिक गोपाल टावर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में चौथे फ्लोर पर बिल्डर संतोष पूनिया का परिवार रहता है। मंगलवार की शाम फ्लैट पर कारोबारी का 12वीं क्लास में पढ़ने वाला बच्चा मौजूद था। तीन बदमाश फ्लैट की घंटी बजाकर घर में दाखिल हुए और बच्चे को डरा धमका कर फ्लैट की अलमारी में रखी नगदी समेटकर फरार हो गए।  पुलिस ने तमाम तकनीकी तौर तरीके से तफ्तीश का सिलसिला शुरू किया और मौका-ए-वारदात के आस पास लगे CCTV कैमरो को खंगाला और साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ की। तो खुलासा हुआ कि यहां किसी ने ऐसा कुछ नहीं देखा जिसे देखकर किसी तरह का शक हो। 

घर के दरवाजों ने खोल दी पोल

पुलिस को इस बात पर पहले से ही शक था कि कहीं कुछ गड़बड़ है। क्योंकि घर में किसी बड़े का न होना, सिर्फ बच्चे का होना, इसके अलावा सिर्फ 11 मिनट में लूटपाट की वारदात को अंजाम देना तो संदिग्ध लगा ही। पुलिस को जिस बात ने सबसे ज्यादा हैरान किया कि 12 वीं का बच्चा भी बदमाशों को देखकर चुप रहा, चिल्लाया तक नहीं। क्योंकि घर के मेन डोर में दो दरवाजे लगे थे, एक जाली का दूसरा लकड़ी का। इसके बावजूद बदमाश बिना किसी रोकटोक के घर के भीतर कैसे दाखिल हो गए। इससे ये बात तो साफ हो गई कि इस वारदात के पीछे किसी करीबी का हाथ हो सकता है। पुलिस ने पुरे जयपुर शहर में ए-श्रेणी की नाकाबंदी करवाकर बदमाशों की तलाश में शुरू करदी। साथ ही वो जहां वारदात होने की बात कही जा रही थी वहां भी लोगों से पूछताछ में जुट गई। कुछ ही देर में पुलिस उस परिवार के एक रिश्तेदार के बेटे को उठा लाई और उससे कड़ाई से पूछताछ की तो सारा मामला एक झटके में खुल गया।  

असल में सारा चक्कर ऑनलाइन जुआ का था

असल में लूट की ये कहानी ही पूरी तरह से मनगढ़ंत थी। असल में ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन कारोबारी के लड़के ने ही अपने ममेरे भाई का साथ मिलकर लूट की ये सारी साजिश रची थी। पुलिस को जब पूरी वारदात में शक हुआ तो नाबालिग से पूछताछ की गई। कमिश्नर बिजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि जब लूट की कहानी थोड़ी संदिग्ध लगी और सीसीटीवी स्कैन किए, जिससे पता चला कि पूरा किस्सा ही फर्जी है। जांच में पता चला कि दोनों लड़कों ने नकली कहानी रची। असल में दोनों लड़के ऐशो अराम की जिंदगी जीने के आदी थे साथ ही ऑनलाइन जुआ खेलते थे जिससे उन्हें पैसों की तंगी महसूस हो रही थी और कहीं से इंतजाम न हो पाने की वजह से इन दोनों ने लूट की पूरी स्क्रिप्ट ही लिख डाली। 

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